आर्कषण का केन्द्र बनेगा कांच का झूला पुल

ऋषिकेश में आवाजाही के लिए बंद कर दिए गए पुराने लक्ष्मण झूला के विकल्प के रूप में प्रदेश सरकार जो नया झूला पुल तैयार करने जा रही है, वो कांच का दिखेगा।
अपर मुख्य सचिव (लोनिवि) ओम प्रकाश ने विभाग को झूला पुल को मजबूती के साथ आकर्षक बनाने के लिए ग्लास के आकार में डिजाइन करने को कहा है।
झूला पुल का डिजाइन व डीपीआर तैयार करने को पहले ही 50 लाख रुपये का प्रावधान किया जा चुका है। लोनिवि के मुख्य अभियंता अयाज अहमद के नेतृत्व में इंजीनियरों की एक टीम नया पुल बनाने के स्थान का चयन करने की प्रक्रिया में जुटी है।
यमकेश्वर की विधायक ऋतु खंडूड़ी नए झूला पुल के निर्माण की मांग को लेकर अपर मुख्य सचिव से मिली थी। उन्होंने एसीएस को एक पत्र भी सौंपा। इस पर एसीएस ने उन्हें अवगत कराया किया कि सरकार नया झूला पुल बनाने का पहले ही फैसला कर चुकी है।
उन्होंने बताया कि ये प्रयास हो रहा है कि नया झूला पुल कांच का बनाया जाए ताकि वो आवागमन की सुविधा देने के साथ दर्शनीय भी हो। इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने यह जानकारी भी दी कि इस पुल को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि उस पर पैदल चलने वालों और दुपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग लाइन होगी। उस पर टेंपू या अन्य तिपहिया वाहन पुल में दाखिल भी नहीं हो पाएंगे।

किसी भी सूरत में नहीं खुलेगा पुराना झूला पुल
अपर मुख्य सचिव (लोनिवि) ओम प्रकाश से साफ कर दिया कि लक्ष्मण झूला पुल को किसी भी सूरत में नहीं खोला जाएगा। उन्होंने विधायक खंडूड़ी को कहा कि सुरक्षा को देखते हुए ही सरकार ने पुल से आवागमन पर रोक लगाई है।

लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प तलाशन में जुटी सरकार, जल्द तैयार होगा नया पुल

ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल को बंद किए जाने के फैसले पर राज्य सरकार अडिग है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जन सुरक्षा सरकार के लिए सवरेपरि है। इसीलिए लक्ष्मण झूला पुल पर किसी भी तरह की आवाजाही तुरंत रोकने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प जल्द ही तैयार कर लेगी। वहां वैकल्पिक पुल बनाने का निर्णय लिया गया है। लक्ष्मण झूला पुल को धरोहर के तौर पर संरक्षित रखने की कार्ययोजना भी बनाई जाएगी। वहीं, पुल पर पैदल आवाजाही जारी रखने से आम जन को राहत है। उधर, इस का असर अब रामझूला पुल पर पड़ने वाला है। रामझूला पुल पर अब दोगुना भार पड़ जाएगा, जो सुरक्षा की दृष्टि से इस पुल के लिए भी चिंता का विषय है।
शासन ने शुक्रवार को लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही रोकने के आदेश जारी किए, लेकिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध के कारण आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लग पाया है। इस बीच शनिवार को यमकेश्वर क्षेत्र की विधायक ऋतु खंडूड़ी ने लक्ष्मण झूला पुल के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि छह माह पहले आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों से लक्ष्मण झूला पुल की फिजिबिलिटी पर अध्ययन कराया गया। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार इस झूला पुल की स्थिति ऐसी नहीं है कि लोगों की आवाजाही को अनुमति दी जा सके। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेले में भारी भीड़ को देखते हुए इस पर आवाजाही जारी रखना उचित नहीं होता।
उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा के दृष्टिगत लक्ष्मण झूला पुल पर किसी भी तरह की आवाजाही को तुरंत रोकने का निर्णय किया गया है। साथ ही झूलापुल का विकल्प जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल एक सांस्कृतिक धरोहर है। यह ऋषिकेश का प्रमुख आकर्षण का केंद्र और देश-विदेश में इसकी ख्याति है। कई फिल्मों का फिल्मांकन भी यहां हुआ है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल का समुचित रखरखाव करते हुए इसे धरोहर के तौर पर संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए विशेषज्ञों की राय से कार्ययोजना बनाई जाएगी।
उधर, शासन ने भले ही लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही पर रोक लगा दी हो, मगर शनिवार को भी इस पर लगातार आवाजाही होती रही। हालांकि, प्रशासन की ओर से शासन के फैसले का विरोध कर रहे लोगों को समझाने की कोशिशें की गईं, मगर यह परवान नहीं चढ़ पाईं। वहीं, माना जा रहा है कि इस झूला पुल के बंद होने से रामझूला पर अधिक दबाव बढ़ेगा। यही नहीं, तीन दिन बाद कांवड़ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। ऐसे में कांवड़ में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही लक्ष्मण झूला पुल की सुरक्षा सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।