ऋषिकेश।
अब हाथियों को और अधिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। राजाजी राष्ट्रीय पार्क एवं उससे सटे वन प्रभागों में हाथियों के आवागमन के रास्तों को चिह्नित करके उनका प्रबंधन किया जा रहा है। इसके साथ वन क्षेत्रों में जबरन घुस रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना भी पार्क प्रशासन बना रहा है।
इंसान व हाथियों के बीच संघर्ष रोकने के लिए राजाजी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन हाथियों की सुरक्षा के लिए पहल करने जा रहा है। इसके लिए पार्क क्षेत्र के विभिन्न गलियारों को चिह्नित करने के साथ उनके नए तरीके से प्रबंधन की योजना पार्क प्रशासन ने बनाई है। खासकर परम्परागत गलियारें बंद होने के बाद हाथियों के इंसान पर हमले की घटनाओं से वन महकमा चिंतित है।
राजाजी राष्ट्रीय पार्क के मोतीचूर रेंज अन्तर्गत हरिपुर कला, छिद्दरवाला, खाण्ड गांव, चीला रेंज से सटे कासाण, कोडिया व रसूलपुर, हरिद्वार जनपद के लालढांग, चिड़ियापुर, बेरीवाड़ा, धौलखण्ड रेंज के करीब 14 गांव जंगल से सटे हुए हैं। इसके साथ नरेन्द्रनगर व देहरादून वनप्रभाग के ढालवाला, चौदहबीधा, भट्टोवाला में भी हाथियों की घुसपैठ लगातार बढ़ रही है। वन्य वैज्ञानिक डॉ. रितेश जोशी बताते हैं कि कुछ इलाकों में मानवीय दखल के कारण हाथियों की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।
राज्य गठन के बाद हाथियों के परम्परागत गलियारे बंद होने से लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिये इनके संरक्षण के लिए ठोस योजना बननी चाहिए। राजाजी राष्ट्रीय पार्क निदेशक सनातन का कहना है कि हाथियों के आवागमन के रास्तों को चिह्नित करके उनका प्रबंधन किया जाएगा। इससे इंसान व हाथियों के बीच संघर्ष पर अंकुश लगने के साथ हाथियों के संरक्षण को भी बल मिलेगा। उन्होंने बताया कि पार्क से सटे वन प्रभागों में इसे लागू करने को लेकर बातचीत की जा रही है।