राज्य में अब निर्माण कार्यों में स्थानीय ठेकेदारों को ही मिलेगा महत्व

उत्तराखंड में सभी निर्माण कार्यों में राज्य से बाहर के ठेकेदार कंपनियां शामिल नहीं हो सकेंगी। निर्माण कार्यों को लेकर टेंडरिंग प्रक्रिया में जल्दी ही बदलाव होने जा रहा है। एक निर्धारित सीमा तक के निर्माण कार्यों में राज्य के स्थानीय ठेकेदारों को महत्व दिया जाएगा। यानी केवल उत्तराखंड की कंपनियां ही टेंडर में शामिल हो सकेंगी।

प्रिक्योरमेंट पॉलिसी को लेकर बनी उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समिति की शनिवार को विधानसभा में बैठक हुई। हालांकि बैठक में कुछ फाइनल नहीं हुआ है, इसके बाद करीब सप्ताह भर बाद एक और बैठक होगी। समिति के सदस्य पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल का कहना है कि स्थानीय ठेकेदार कंपनियों को महत्व दिया जाएगा।उत्तराखंड की प्रिक्योरमेंट पॉलिसी को लेकर मंत्रिमंडलीय उपसमिति रिपोर्ट बना रही है। सरकार ने स्थानीय निर्माणदायी कंपनियों और ठेकेदारों के रोजगार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से प्रिक्योरमेंट पॉलिसी के अध्ययन और बदलाव के मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की थी जिसमें मंत्री सुबोध उनियाल और मंत्री बिशनसिंह चुफाल भी सदस्य हैं। उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश सहित कई विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव और विभागीय अफसर भी मौजूद रहे। हालांकि समिति की बैठक में कोई फाइनल निर्णय नहीं हो सका है लेकिन अधिकारियों को कहा गया है कि ड्राफ्ट के तकनीकी पहलुओं की जांच कर लें। संकेत मिल रहे हैं कि नई पॉलिसी में कुछ निर्धारित सीमा तक स्थानीय ठेकेदार ही निर्माण कार्य काम कर सकेंगे। जल्दी ही समिति अपनी संस्तुतियों की रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।

बैठक में कोविड महामारी और रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। प्रदेश में सड़कों से लेकर स्कूल व अन्य सरकारी भवनों की हालातों पर विभाग के सभी अधिकारियों को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। आपको बता दें कि उपसमिति की बैठक अगले शनिवार को एक बार फिर विधानसभा में की जायेगी। अधिकारियों को आगामी बैठक में पूरी तैयारियों के साथ आने को कहा गया है।

सीएम तीरथ ने निर्माण कार्यों के लिए प्रदान की वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर के अन्तर्गत देवीखेत-स्यालना हल्का वाहन मार्ग के निर्माण (द्वितीय चरण-लागत 01 करोड़ 13 लाख) की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृत को मंजूरी दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र लैन्सडौन के अन्तर्गत विभिन्न 03 विकास कार्य (लागत 02 करोड़ 41 लाख), विधानसभा क्षेत्र सितारगंज के ग्राम नकुलिया में (लागत 01 करोड़ 29 लाख) जूनियर हाईस्कूल से उतर की ओर रायसिख बस्ती तक मार्ग का नव निर्माण कार्य की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री तीरथ ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत जनपद बागेश्वर के विधानसभा क्षेत्र कपकोट में गोगिना कीमू मोटर मार्ग नव निर्माण (लागत 01 करोड़ 11 लाख), मा0 मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत जनपद पिथौरागढ़ के विधासभा क्षेत्र गंगोलीहाट के अन्तर्गत लाखातोली-रूंगड़ी मोटर मार्ग के निर्माण कार्य (लागत 51.20 लाख) एवं विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट के अन्तर्गत 02 निर्माण कार्यों के लिये 01 करोड़ 61 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की। विधानसभा क्षेत्र चैबटटाखाल के अन्तर्गत पोखड़ा में संगलाकोटी-गुडिण्डा-तिलखोली-जजेड़ी मोटर मार्ग का पठोलगांव तक विस्तार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति साथ ही चैबट्टाखाल में 11 विभिन्न निर्माण कार्य (लागत 03 करोड़ 66 लाख) की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा क्षेत्र लालकुंआ के अन्तर्गत मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत 02 कार्यो की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जिनमें मण्डी-हल्द्वानी से तीनपानी मोड तक मार्ग का चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य (लागत 01 करोड़ 18 लाख) तथा ग्राम गजेपुर गौलापुर में वन भूमि में मार्ग निर्माण (लागत 2.20 लाख) की मंजूरी प्रदान की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र खटीमा में सड़ासड़िया से प्रतापपुर न0 4 तक मार्ग का डामरीकरण-पुननिर्माण कार्य (लागत 01 करोड़ 11 लाख) की मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने पौड़ी जनपद के विधानसभा क्षेत्र पौड़ी के अन्तर्गत 02 निर्माण कार्यों के लिए 01 करोड़ 27 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र राजपुर के दो निर्माण कार्यों के लिये भी मुख्यमंत्री ने 01 करोड़ 40 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार-पिथौरागढ़-रूद्रपुर में संविदा के माध्यम से तैनात प्राचार्यो को वित्तीय-प्रशासकीय अधिकार एवं प्राचार्य हेतु अनुमन्य सुविधायें प्रदान करने की मंजूरी दी है।