ई-टेंडर के विरोध में ठेकेदार महासंघ ऋषिकेश ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एकजुट हुए ठेकेदारों ने त्रिवेणीघाट पर स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय में तालाबंदी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ई-टेंडर लागू कर छोटे ठेकेदारों को बेरोजगार बना दिया है।
सोमवार को ठेकेदार महासंघ ऋषिकेश के अध्यक्ष संजय पोखरियाल के नेतृत्व में तीर्थनगरी ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र के ठेकेदार लोनिवि तिराहा पर एकत्रित हुए। यहां से ई-टेंडर के विरोध में नारेबाजी करते हुए त्रिवेणीघाट परिसर स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंचे। यहां उग्र प्रदर्शन करते हुए कार्यालय से कर्मियों को बाहर किया और एसडीओ के कक्ष में ताला जड़ दिया। कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार छोटे ठेकेदारों का आर्थिक उत्पीड़न कर रही है। ई-टेंडर के लागू होने से छोटे ठेकेदार बेरोजगार हो गए हैं। बताया कि ई-टेंडर में 2 करोड़ से नीचे का काम नहीं है, ऐसे में डी श्रेणी के ठेकेदारों को विभागों में काम नहीं मिल रहा, इससे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना संकट में डी श्रेणी के ठेकेदार पहले ही आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। अब इस ई-टेंडर ने सब कुछ चौपट कर दिया है। एक स्वर में कहा कि ई-टेंडर प्रक्रिया को जल्द वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किया। धरना प्रदर्शन में महासंघ सचिव भगवती सेमवाल, घृपाल सिंह बगियाल, महेश चौहान, नरेश बिष्ट, रमेश रांगड़, हर्षपति सेमवाल, कमलेश डंगवाल, विक्की पंवार, प्रताप सिंह पोखरियाल, खुशीराम रतूड़ी, सुखदेव शर्मा, बालेश्वर, देव सिंह दुमोगा, सर्वेश रावत आदि मौजूद रहे।