सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी बोले, धीरे धीरे नियत्रंण में हो रहे हैं संक्रमण के हालात


पत्रकारों को संबोधित करते हुए सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार नीचे की ओर आ रही हैं। संक्रमण पर काफी हद तक रोक लग रही है। उन्होंने बताया कि गत दिवस प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 2071 मामले आए थे, और 7051 मरीज स्वस्थ हुए। वर्तमान समय में हमारा रिकवरी रेट 81 प्रतिशत तक पहुंच गया है। अब हम पहले से बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने सप्ताह वार भी संक्रमण और नियंत्रण के आंकड़ों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल से 3 मई के सप्ताह में औसत पाजिटिव केस 5887 के थे, 4 मई से 10 मई तक औसत 7375, 11 मई से 17 मई को औसत 5887 तथा 18 मई से 24 मई के सप्ताह में औसतन पाजिटिव 3397 केस आए।

उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान प्रदेश में कई तैयारियां की गई हैं। कोविड के खिलाफ स्वास्थ्य इंतजामों को और दुरूस्त किया गया है। खासतौर पर आक्सीजन उत्पादन की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास प्रदेश सरकार ने किए हैं। प्रदेश में अभी तक 11 आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं। नैनीताल, हल्द्वानी, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कालेज श्रीनगर, चंद्र मोहन सिंह नेगी बेस अस्पताल कोटद्वार में प्लांट शुरू किए जा चुके हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल रूद्रप्रयाग, मेला अस्पताल हरिद्वार, जिला अस्पताल हरिद्वार, जिला अस्पताल रूद्रपुर, नरेंद्रनगर, जिला अस्पताल चमोली, उत्तरकाशी में आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं। सरकार की कोशिश है कि सभी जिला अस्पतालों व उप जिला अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाए जाएं। ताकि निर्वाध रूप से आक्सीजन की सप्लाई हो सके। चंपावत, पिथोरागढ़ व बागेश्वर में भी जल्द प्लांट फंक्शनल हो जायेगा। एक और खास बात यह है कि मुख्यमंत्री जी के अनुरोध पर भारत सरकार ने प्रदेश में आक्सीजन की आपूर्ति लोकल स्तर पर करने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा पूर्व आपूर्ति क्षमता को बढ़ाकर 200 मैट्रिक टन कर दिया है। अब 25 मई से प्रदेश को उत्तराखण्ड के प्लांटों से ही आक्सीजन की आपूर्ति होगी। इंडिया ग्लाइकोस काशीपुर से 40 एमटी, लिंडे सेलाकुई से 100 एमटी, ए लिक्विट से 33 एमटी और इसके अलावा अन्य इकाइयों से 27 एमटी आक्सीजन की आपूर्ति होगी। यह प्रदेश के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 30 हजार से अधिक टेस्टिंग हो रही है। यह पूरे देश के आंकड़ा दर से अधिक है।

प्रदेश में ब्लैक फंगस को लेकर सचिव डा पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि एम्स ऋषिकेश में पंजाब, हरियाणा आदि बाहरी प्रांतों के मरीज भी ब्लैक फंगस का उपचार करा रहे हैं। यहां 100 से अधिक केस हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकृत किया गया है। ताकि दवा व अन्य व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन हो सके। कहा कि इस उपचार में एमफोटरिसम बी का अहम रोल रहा है। प्रदेश को कोटे के हिसाब से 170 लाइफोसोमन मिली थी जिसमें 90 का उपयोग किया जा चुका है, और 430 एमफोटरिसम में से 261 का उपयोग किया जा चुका है। प्रदेश में इन इंजेक्शनों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए अन्य संस्थानों को भी आर्डर किया गया है ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के 118 मामले हैं जिसमें से 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। और पांच लोग डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। सरकार की कोशिश है हर हाल में इस तरह के संक्रमित लोगों की जान बचाई जा सके।

उन्होंने कहा कि जिस तरह कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर सिर्फ बच्चों को प्रभावित करेगी तो ऐसा नहीं है। लेकिन इसमें अहम यह है कि 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों में से अधिकांश वैक्सीनेट हो चुके हैं। 18 साल से उपर के लोग भी वैक्सीनेट हो रहे हैं। और 18 साल से कम आयु वर्ग वाले बच्चे अभी वैक्सीनैशन की प्रक्रिया में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन आपूर्ति के लिए ग्लोबल टेंडरिंग के अलावा और भी रास्ते तलाशे जा रहे हैं। कोशिश है कि प्रदेश में जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगे।

मानसिक स्वास्थ्य और पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के स्टेट नोडल अफसर डीआईजी डॉ नीलेश भरणे ने बताया कि मानसिक अवसाद से गुजर रहे लोगों की मदद के लिए सरकार ने एक हैल्प लाइन 104 जारी किया है। और एक मनु सारथी कार्यक्रम भी चलाया गया है। इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए 109 काउंसलर नियुक्त किए गए हैं। इसमें रोजाना 25 से 50 कॉल्स रोज आ रही हैं। गंभीर मामलों के उपचार के लिए एम्स अस्पताल में भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा ऑनलाइन वेबिनार व सेमिनार के जरिए भी उपचार व जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

सीएम तीरथ बोले, आक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन को सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में बढती आक्सीजन की माँग को देखते हुए मै. लिण्डे इण्डिया के लिक्विड आक्सीजन प्लांट के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिकार्ड समय में अंडरग्राउंड कैबलिंग पूर्ण करने पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी जज्बे के साथ काम करते हुए हम कोविड के खिलाफ लङाई में अवश्य जीत हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के कारण देश में ऑक्सीजन की कमी की समस्या के दृष्टिगत ऑक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन सम्भव हो सके, इसके लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि देहरादून स्थित सेलाकुई क्षेत्र में मै. लिण्डे इण्डिया द्वारा वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 160 टन लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है जो कि वर्तमान में कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की माँग के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दिनांक 23.04.2021 के पश्चात् दिनांक 08.05.2021 के मध्य मै. लिण्डे को पोषित करने वाली 33 के०वी० लाइन में 5 ट्रिपिंग व 1 मौके पर अन्डर वोल्टेज के कारण प्लान्ट में उत्पादन बाधित होने की सूचना प्राप्त हुई। ट्रिपिंग के कारणों की समीक्षा में पाया गया कि 33 के०वी० लाईन का लगभग 3.00 कि०मी० भाग ऐसे क्षेत्र से गुजरता है जहाँ garbage/animal waste फेंके जाने के कारण बड़ी संख्या में पक्षी क्षेत्र में आकर्षित होते हैं एवं मुख्यतः बर्डफाल्ट के कारण 33 के०वी० लाईन पर ट्रिपिंग दर्ज की जा रही थीं।

वर्तमान समय में एक-एक लीटर ऑक्सीजन की महत्ता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उक्त समस्या का समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सचिव (ऊर्जा), उत्तराखण्ड शासन, राधिका झा द्वारा दिनांक 08.05.2021 को सेलाकुई में ऑक्सीजन प्लांट एवं 33 के०वी० लाईन का स्थलीय निरीक्षण / समीक्षा की गयी। तथा आच्छादित क्षेत्र में garbage/animal waste तत्काल हटाने के निर्देश दिये गये। जिला प्रशासन को यह भी निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नया कूडा इत्यादि न डाले। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि मै. लिण्डे को पोषित करने वाली इस समस्या से आच्छादित 3 कि०मी० की लाईन को भूमिगत किया जाये जिसके लिये लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली जानी आवश्यक थी। भूमिगत केबल डाले जाने के कार्य का व्यय लगभग रु. 3.2 करोड़ की स्वीकृति ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत करायी गई एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु 7 दिनों का समय निर्धारित किया गया जब तक भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण हो लाईन पर ट्रिपिंग रोकने के लिये स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लाईन के प्रत्येक विद्युत पोल पर मानवशक्ति कार्योजित करते हुये पक्षियों को लाईन के निकट न आने से रोका गया।

दिनांक 09.05.2021 को भूमिगत केबल डाले जाने का कार्य प्रारम्भ करते हुए लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली गई और दिनांक 15.05.2021 को रिकार्ड 7 दिन के समय में यह कार्य पूर्ण कर लाईन ऊर्जीकृत की गई। कोविड के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में भी भूमिगत केबिल डाले जाने हेतु केबल अलवर तथा दिल्ली, एच०डी०पी० पाईप गाजियाबाद, ज्वाईटिंग किट लखनऊ तथा मानव शक्ति सहारनपुर से मंगायी गयी। रात-दिन युद्धस्तर पर कार्य सम्पादित कर यह कार्य एक सप्ताह के अल्प समय में पूर्ण कराया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य को अल्प समय में पूर्ण किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा सभी कार्यों को कराये जाने हेतु विशेष स्वीकृति प्रदान की जिससे कोविड माहमारी के दृष्टिगत एक भी लीटर ऑक्सीजन की हानि न हो।

ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आक्सीजन प्लान्ट को होने वाली एक भी ट्रिपिंग की समीक्षा की जा रही है तथा उनके द्वारा टास्क फोर्स का गठन करते हुये केन्द्र से पी०जी०सी०आई०एल० एवं टाटा पावर के अधिकारियों को इस हेतु समीक्षा व सहयोग हेतु देहरादून भेजा गया। इस टास्क फोर्स द्वारा भी उत्तराखण्ड में किये गये निर्णयों व कार्यों सही पाया। उक्त कार्य बिना किसी शटडाउन के पूर्ण कराया गया। मात्र 3.5 घण्टे का शटडाउन केबल को जोड़ने के लिये लिया गया तथा इस 3.5 घण्टे में भी 10 कि०मी० की ओवरहेड लाईन में यथाआवश्यक कार्य पूर्ण किये गये जिससे विद्युत आपूर्ति में निरन्तरता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही साथ मै. लिण्डे के प्लान्ट में वोल्टेज डिप के कारण ट्रिपिंग न हो इस हेतु रिले की सैटिंग पिटकुल, पी.जी.सी.आई.एल. व टाटा पावर के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की गयी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिए गए निर्देशों के क्रम में अत्यंत अल्प समय में यह कार्य पूर्ण किये जाने पर सचिव (ऊर्जा), राधिका झा, प्रबन्ध निदेशक यू०पी०सी०एल० डा० नीरज खैरवाल, निदेशक (परियोजना), जगमोहन सिंह स्थाण, निदेशक (परिचालन) अतुल कुमार अग्रवाल तथा अन्य समस्त अधिकारियों की सराहना की। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय द्वारा रिकार्ड समय में भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण किये जाने पर ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड की सराहना की गई।

80 मीट्रिक टन आक्सीजन को सीएम ने किया प्रदेश के कई जगहों के लिए रवाना

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हर्रावाला स्थित रेलवे स्टेशन पर केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए भेजी गई 80 मेट्रिक टन ऑक्सीजन को प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए रवाना किया। सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उत्तराखंड की विषम परिस्थितियों को देखते हुए राज्य को केंद्र सरकार की तरफ से भरपूर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऑक्सीजन गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल में भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले भी ऑक्सीजन की कमी नहीं थी लेकिन जैसे-जैसे ऑक्सीजन बेड अस्पतालों में बढ रहे हैं वैसे ही खपत भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऑक्सीजन सप्लाई लगातार आगे भी जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 18 साल से ऊपर की आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया है, जिसके बाद नौजवानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है और आगे कोई भी आवश्यकता पड़ने पर केंद्र ने प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड गाइडलाइन का हर हाल में पालन करें और कोरोना से बचने के लिए लगातार सावधानी बरतें।