एक फरवरी से उत्तराखंड में भी केजरीवाल अभियान शुरू करने जा रही आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में एक फरवरी से प्रदेश की सभी 70 विधानसभाओं में ‘‘उत्तराखंड में भी केजरीवाल’’ अभियान शुरू करने जा रही है। जिसमें 70 वीडियो वैन के माध्‍यम से सभी विधानसभाओं में पार्टी की नीतियों के साथ प्रदेश की मुख्य समस्याएं व उनके समाधान भी बताए जाएंगे।

पार्टी के संगठन मंत्री दिनेश असवाल ने बताया कि एक फरवरी को आप के वरिष्ठ नेता दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया देहरादून से अभियान की शुरुआत करेंगे।अभियान की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह कंपेन 45 दिन तक चलेगा। इसमें वीडियो वैन सभी विधानसभाओं में नुक्कड़ मीटिंग व 6500 जनसभाएं करेंगे। उन्‍होंने बताया कि मिशन 2022 के लिए पार्टी उत्तराखंड में सदस्यता अभियान शुरू करेगी। 45 दिनों तक चलने वाले सदस्‍यता अभियान में 10 लाख घरों में जाकर एक लाख सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्‍होंने बताया कि पार्टी के साथ लगातार कार्यकर्त्‍ता जुड़ रहे हैं और वह भी इस अभियान को चलाने में सहयोग करेंगे। इस मौके पर समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी, अमित बिश्नोई, दिनेश कुलियाल, धनपाल रावत, चंद्रमोहन भट्ट, गणेश बिजल्वाण, जगदीश कोहली, अमन नोटियाल, उमंग देवरानी, लालमणि रतूड़ी, जयप्रकाश भट्ट, योगेश जखमोला उपस्थित थे।

रेप आरोपी अगर पकड़ा न जाता, तो चुनाव लड़ने का था इरादा

रेप का आरोपी गुरमीत राम रहीम सिंह अब 20 साल तक जेल में ही रहेगा। डेरा प्रमुख के तौर पर पिछले कई सालों में राम रहीम ने अपना रसूख इतना बड़ा कर लिया था कि हर राजनीतिक दल उसके आगे अपना सिर झुकाता नजर आता था, लेकिन फिर भी राम रहीम का इतना बड़ा कद उसे सजा दिलवाने से नहीं रोक सका।
सूत्रों के अनुसार, राम रहीम जब यह देखता था कि हर पार्टी चुनाव में जीत के लिए उसके पास ही आती है। यह देखकर वह भी अपने राजनीतिक पार्टी शुरू करने की सोच रहा था। राम रहीम ने अपने डेरे में एक राजनीतिक विंग भी बना रखी थी। जो कि सभी राजनीतिक गतिविधियों पर खबर रखती थी।
राम रहीम हर चुनाव में किसी ना किसी पार्टी को समर्थन का ऐलान करता था। उसके सभी अनुयायी उस पार्टी को वोट देते थे। जिसका फर्क सीधे तौर पर चुनावी नतीजों पर पड़ता था। राम रहीम को यह उम्मीद रहती थी कि अगर सरकार में उसका समर्थन रहेगा। तो उसपर चल रहे सभी केसों में थोड़ी ढील बरती जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था। शायद इसलिये वह अब खुद की पार्टी उतारने की तैयारी में था।