लोकसभा उप चुनाव में मायावती के लड़ने से भाजपा में बैचेनी!

राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती का अगला कदम क्या होगा? आखिर किस तरीके से मायावती अपने पॉलिटिकल करियर में निखार लाएंगी? मिली जानकारी के मुताबिक मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा गुस्से में आकर नहीं दिया है बल्कि ये इस्तीफा एक प्लानिंग के तहत हुआ है। मायावती अपनी राजनीति सेट करने के लिए फूलपुर से लोकसभा का उप-चुनाव लड़ सकती हैं और इस लड़ाई में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी उनका साथ देंगे।
फूलपुर से यूपी में हो सकती है महागठबंधन की शुरुआत
राजनीति के गलियारों में एक सुगबुगाहट और जोर पकड़ रही है। दबी जुबान में बीएसपी के खेमे में चर्चा है कि बहन जी उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा से उप चुनाव में खड़ी हो सकती हैं। वह भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समर्थन के साथ। यानी साल 2019 से लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में महागठबंधन का एक प्रयोग फूलपुर लोकसभा के उप चुनाव के वक्त किया जा सकता है।
मायावती को मिल सकता है अखिलेश का साथ
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस तरह के गठबंधन पर सकारात्मक बयान दे ही चुके हैं। वहीं मायावती ने भी पिछले दिनों भाजपा को रोकने के लिए किसी के भी साथ हाथ मिलाने का बयान दिया था। भाजपा को शिकस्त देने की तैयारी में जुटा विपक्ष इसके लिए यूपी में महागठबंधन की तैयारी में जुटा है। बिहार में राजनीतिक संकट के बीच जहां लालू यादव का विपक्ष को एकजुट करने को लेकर 27 अगस्त की रैली अभी प्रस्तावित ही है। बसपा सूत्रों की माने तो यूपी की विधानसभा चुनाव के बाद खाली हुई लोकसभा सीट में महागठबंधन मायावती को प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रहा है।
फुलपुर में होना है उपचुनाव
दरअसल उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से मौजूदा वक्त में भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य सांसद हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के बाद मौर्य, यूपी सरकार में उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लिहाजा उप राष्ट्रपति चुनाव के बाद उनका और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का अपनी गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देना तय है। जिसके बाद फूलपुर और गोरखपुर में उप चुनाव होंगे।
मुश्किल में बीजेपी !
लोकसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा की अभीतक की रणनीति के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस उपचुनाव से दूर रहेंगे। ऐसे में जाहिर है कि सीएम योगी आदित्नाथ पर ही लोकसभा की दोनों सीटें जीतने का दबाव होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती के महागठबंधन की प्रत्याशी बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक कौशल की भी पूरी परीक्षा हो जाएगी।

गैंगरेप पीड़िता पर एसिड अटैक की घटना से योगी पहुंचे अस्पताल

लखनऊ।
रायबरेली से लखनऊ आ रही गैंगरेप पीड़िता पर ट्रेन में एसिड अटैक किया गया, जिसके बाद उसे लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार सुबह अस्पताल का दौरा किया और पीड़िता से मुलाकात की।
सीएम आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी केजीएमयू के गांधी वार्ड पहुंचे। गैंगरेप पीड़िता का हाल पूछने के बाद सीएम ने एक लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की। आदित्यनाथ ने पीड़िता का मुफ्त में इलाज कराने के साथ-साथ पूरे परिवार को सुरक्षा दिए जाने का आदेश दिया। सीएम तकरीबन दस मिनट तक गांधी वार्ड में रुके।
गैंगरेप पीडि़ता पर हुए एसिड अटैक मामले में पुलिस जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एसएसपी लखनऊ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में दो आरोपियों को रायबरेली के ऊंचाहार से गिरफ्तार भी किया गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ पूरे एक्शन में हैं। वे आज लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में सुविधाओं का जायजा लेने पहुंचे थे। वहीं, इससे पहले वे गुरुवार को हजरतगंज थाने भी गए थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 मार्च को गोरखपुर में योगिराज बाबा गंभीरनाथ की शताब्दी पुण्यतिथि समारोह में शामिल होने जाएंगे। यह समारोह गोरखनाथ मंदिर में सुबह 11 बजे होगा। मुख्यमंत्री लखनऊ से 25 मार्च की दोपहर में ही गोरखपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर की यह पहली यात्रा है।

सबको साथ लेकर चलने से होगा विकास: योगी

लखनऊ।
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कुर्सी संभालते हुए आज भाजपा के-सबका साथ सबका विकास-का नारा दोहराया और कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों के लिए समान रूप से कार्य करेंगी।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास होगा। किसानों के विकास के लिए योजनाएं लाई जाएंगी।चुनाव घोषणा पत्र में किए सारे वादे पूरे करेंगे।
यूपी की सत्ता संभालने के बाद अपनी पहली प्रेसवार्ता में योगी ने कहा कि हमने जनता से जो वादा किया है, उसे हम पूरा करेंगे। जनता के सामने हमने जनसंकल्प पत्र रखा था, उस पर पूरा काम किया जाएगा। राज्य के विकास के लिए औद्योगिक विकास पर जोर दिया जाएगा। प्रदेश ने जो जनादेश दिया है, उस पर हम पूरी तरह से खरे उतरेंगे। प्रदेश बीते 15 साल में काफी पिछड़ गया है। भोजन, आवास, पेयजल और शौचालय जैसी व्‍यवस्‍था का विकास किया जाएगा। केंद्र में भाजपा की सरकार ने ‘सबका साथ और सबका विकास’ का जो संकल्‍प लिया है, उसी प्रकार प्रदेश में काम किया जाएगा।
इससे पहले आज योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा ने उप मुख्यमंत्री पद के लिए शपथग्रहण किया। इसके लिए समारोह दिन में दो बजे कांशीराम स्मृति उपवन में शुरू हुआ। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, 13 राज्यों के मुख्यमंत्री, 15 केंद्रीय मंत्री तथा दर्जनों सांसद, भाजपा नेता शामिल हुए। इसके बाद योगी ने लोकभवन जाकर सीएम पदभार संभाला और पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने अपनी कैबिनेट के सभी मंत्रियों के साथ बैठक भी की।

उत्तराखंड का लाल आदित्यनाथ उर्फ अजय यूपी का सीएम

सात भाई बहनों में पांचवें नंबर पर हैं योगी आदित्यनाथ
बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट, प्राथमिक शिक्षा ग्राम ठांगर के विद्यालय में हुई
ऑटोनॉमस पीजी कॉलेज ऋषिकेश से एमएससी की, पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के पंचूर गांव के निवासी

ऋषिकेश।
पिता आनंद सिंह बिष्ट एवं माता सावित्री देवी के लाडले योगी (मूल नाम अजय)बचपन से ही मेघावी छात्र रहे। पिता आनंद सिंह 1991 में वन विभाग में रेंजर पद से सेवानिवृत्त हुए जबकि माता सावित्री देवी गृहणी हैं। योगी आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है। प्राथमिक शिक्षा ग्राम ठांगर के प्राथमिक विद्यालय में हुई। 1983 में इंटर कॉलेज चमकोटखाल से नौवीं एवं 1984 में टिहरी के गजा से हाईस्कूल प्रथम श्रेणी में पास किया। 1986 में भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। राजकीय डिग्री कॉलेज कोटद्वार से 1989 में बीएससी एवं 1991 में ऑटोनॉमस कॉलेज से एमएससी प्रथम श्रेणी में पास की। बचपन से ही होनहार रहे योगी आदित्यनाथ ऋषिकेश के इंदिरानगर में किराए का कमरा लेकर रहे। 1993 में गोरखपुर चले गए। वर्ष 1994 में गोरखपुर के सांसद और महंत अवेद्यनाथ ने अजय सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। 1998 में सबसे कम उम्र में वह पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद 1999, 2004, 2009 एवं 2014 को पांचवीं बार सांसद चुने गए। 2002 में योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन भी किया।

ऋषिकेश में रहे दो साल
योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय बिष्ट ऋषिकेश के इंदिरानगर में दो साल रहे हैं। अशोक भद्री के आवास में रहकर उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने कोटद्वार से बीएससी की पढ़ाई की। अपने भाई की शादी में पिछले वर्ष यमकेश्वर स्थित गांव में पहुंचे योगी अपने पुराने मकान मालिक से मिलना नहीं भूले। योगी भाई की शादी में जाने से पहले अशोक भद्री के आवास इंदिरानगर पहुंचे थे जहां स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया था। उनके भाई के मित्र विनोद भट्ट ही उन्हें लेकर गांव पहुंचे थे।

ऋषिनगरी में भी है पीठ की धर्मशाला
ऋषिनगरी में लक्ष्मणझूला स्थित योगेन्द्र श्री शीलनाथ समाधि मंदिर और धर्मशाला गोरखपुर पीठ का ही अंग है। योगी जब भी ऋषिनगरी पहुंचते हैं तो शीलनाथ मंदिर में आना नहीं भूलते हैं। ऋषिकेश निवासी विनोद भट्ट बताते हैं कि पिछली दफा जब वह अपने भाई की शादी में पहुंचे थे तो उन्होंने अपनी वाई श्रेणी की सुरक्षा को दिल्ली वापस भेज दिया था। उन्होंने कहा था कि उनको अपने मूल गांव जाने के लिए कोई सुरक्षा नहीं चाहिए। उत्तराखंड की शांत वादियों में सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है।

भाई से मिलने जाएंगे लखनऊ
योगी के भाई मानेन्द्र ने हिन्दुस्तान को बताया कि भाई की उत्तर प्रदेश में ताजपोशी से पूरा क्षेत्र खुशी से झूम उठा है। घर में बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि वह योगी के पीआरओ से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका नम्बर व्यस्त जा रहा है। शीघ्र ही एक-दो दिन में लखनऊ जाकर भाई को बधाई देंगे। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों को लेकर लखनऊ जाने पर विचार चल रहा है।