सीएम त्रिवेन्द्र ने की राज्य में फार्मा उद्योग की प्रगति पर समीक्षा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को कहा कि महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सेलाकुई चौकी को थाना बनाया जायेगा। साथ ही यहां महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में राज्य में फार्मा उद्योग की प्रगति की समीक्षा के दौरान उक्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने युवाओं में नशे के बढ़ते प्रचलन पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि जल्द से जल्द दवाईयों की जांच व नशे के व्यापार करने वालो पर कड़े नियन्त्रण हेतु पर्याप्त संख्या में ड्रग्स इन्सपेक्टरों की व्यवस्था की जाए।

सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि राज्य की स्थापना के समय मात्र 1500 मेडिकल स्टोर थे जिनकी वर्तमान में संख्या 15000 तक पहुंच गई है। राज्य में 80 ड्रग्स इन्सपेक्टरों की आवश्यकता है। जबकि वर्तमान में मात्र चार ड्रग्स इन्सपेक्टर कार्यरत है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य की दुर्गम पहाड़ी स्थिति को ध्यान में रखते हुए फार्मा उद्योग हेतु मशीनरी, कच्चा माल एवं पैकिंग के कारण दवाईयंो की लागत बढ़ने की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए फार्मा इकाईयों को माल भाडे में अनुदान के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने सचिव ऊर्जा तथा ऊर्जा निगमों के अधिकारियो को फार्मा उद्योगो को अबाधित बिजली आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने हरिद्वार में एक्सपोर्ट हब स्थापित करने की संभावनाओं पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्यात की जाने वाली दवाईया अर्न्तराष्ट्रीय गुणवता मानकों पर खरी उतरे इसके लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाए स्थापित करने हेतु प्रस्ताव पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फार्मा उद्योग तथा बायो डायवर्सिटी बोर्ड के मध्य समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु शीघ््रा बैठक आयोजित की जाए। देहरादून के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र व फार्मासिटी होने के कारण यहां पर महिला श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक हैं।

सेलाकुई फार्मासिटी में महिला सुरक्षा के मुद्ये पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वरिष्ठ पुलिस अघीक्षक देहरादून को निर्देश दिए कि सेलाकुई चौकी को थाने में तब्दील किया जाय तथा थाने में पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि दवा निर्यात बढाने तथा अत्याध्ुानिक इकाईयो, प्रयोगशालाओं व अन्य सुविधाओं की स्थापना हेतु औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को देखते हुए अन्य ऐसे उद्योग या अस्पताल जिन्हें सरकार द्वारा पूर्व में भूमि आवटित की गई थी। परन्तु जिसका उपयोग पिछले 10 वर्ष से नही हुआ, ऐसे खाली पडे भूखण्डों की सूचना एकत्र की जाए।