सरकार के तीन वर्ष की उपलब्धियों पर प्रदेश की जनता को मिलने जा रहा सीधा लाभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 22 मार्च से 25 मार्च तक सभी जिला मुख्यालयों में और 24 मार्च से 30 मार्च तक विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर बहुद्देशीय शिविरों का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाए। जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं का लोगों को लाभ दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन आयोजनों में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को शामिल किया जाए। सभी कार्यक्रमों को जन-जन का कार्यक्रम बनाया जाए। सरकारी योजनाओं के माध्यम से जिन लोगों ने अपने कार्यक्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं, उनकी सफलता की गाथाओं को अन्य लोगों को भी बताया जाए। पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, खेती, बागवानी और अन्य क्षेत्रों में राज्य में अच्छा कार्य करने वालों को इन आयोजनों में शामिल किया जाए। समाज के प्रतिष्ठित लोगों, सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों, राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित राज्य के लोगों और विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को भी इन कार्यक्रमों में शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनका नियमित लाभ भी दिया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे योजना, स्वरोजगार और स्टर्टअप्स को बढ़ावा देने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं के विकास, एक जनपद दो उत्पाद योजना, कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए और तेजी से कार्य किये जाएं। जिन लोगों ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत अच्छा कार्य कर पलायन को रोकने में योगदान दिया है, उनको प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्द्धन के साथ जल संचय की दिशा में जनपदों में और तेजी से कार्य किये जाएं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी.अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा दौरान विशेष अभियान के जरिए खाद्य सुरक्षा पर नजर रखेगी धामी सरकार

धामी सरकार ने आगामी चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा और पर्यटन सीजन के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए व्यापक अभियान शुरू किया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर यात्रियों और आम जनता को स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए खाद्य पदार्थों की सघन जांच, मिलावट पर सख्ती और स्वच्छता अभियान को तेज कर दिया गया है। इसको लेकर अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती और सख्त जांच

राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा और पर्यटन स्थलों पर खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की है। हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून, टिहरी, ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में स्थायी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती की गई है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में अन्य जिलों से अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। यात्रा मार्गों और प्रमुख तीर्थस्थलों के होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट, मिठाई विक्रेताओं और खाद्य विक्रेताओं की नियमित जांच होगी। फूड सेफ्टी टीमों को हाईवे और यात्रा मार्गों पर मोबाइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से तैनात किया जाएगा। आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि “यात्रियों को किसी भी हाल में अस्वच्छ और मिलावटी खाद्य पदार्थ नहीं परोसे जाने देंगे। खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”

मिलावट पर कड़ी कार्रवाई और गुणवत्ता की सख्त जांच

दुग्ध उत्पाद, मसाले, तेल, आटा, मैदा, मिठाई, शीतल पेय और पैक्ड फूड जैसे उत्पादों की प्रयोगशाला जांच होगी। मिलावट पाए जाने पर FSSAI एक्ट 2006 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।बिना लाइसेंस और पंजीकरण के खाद्य व्यापार करने वालों पर सीधी कार्रवाई होगी। खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
आयुक्त ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यात्रियों और श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराना है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

ग्रीन यात्रा और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा

पर्यटन और चारधाम यात्रा के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।Single-use plastic (एकल उपयोग वाली प्लास्टिक) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। यात्रा मार्गों पर गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन अनिवार्य किए जाएंगे। होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट में कचरा प्रबंधन के कड़े नियम लागू होंगे। RUCO (Re-Purpose of Used Cooking Oil) अभियान के तहत उपयोग किए गए खाद्य तेल को पुनर्चक्रित किया जाएगा।

जागरूकता अभियान और सख्त दिशा-निर्देश

यात्रियों को FSSAI लाइसेंस प्राप्त प्रतिष्ठानों से ही खाद्य पदार्थ खरीदने की अपील की गई है। अस्वच्छ या संदिग्ध खाद्य पदार्थ की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 18001804246 पर की जा सकती है। खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। मिलावटी और खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने सभी यात्रियों और स्थानीय निवासियों से अपील करते हुए कहा, “सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें। किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ की जानकारी तत्काल हेल्पलाइन पर दें ताकि कार्रवाई की जा सके।”

सख्त नियमों के तहत कार्रवाई

बिना लाइसेंस के खाद्य व्यापार करने वालों पर चालान और प्रतिष्ठान सील किए जाएंगे। मिलावटी या खराब गुणवत्ता वाला भोजन बेचने पर FSSAI एक्ट 2006 के तहत कड़ी सजा दी जाएगी। अस्वच्छ वातावरण में खाद्य निर्माण और बिक्री करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

सरकार की अपील–सुरक्षित यात्रा, स्वच्छ यात्रा

राज्य सरकार और खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सभी श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से स्वस्थ, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों के सेवन की अपील की है। आयुक्त डा० आर० राजेश कुमार ने कहा, “हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन के दौरान किसी भी यात्री को खाद्य सुरक्षा संबंधी कोई असुविधा न हो। आम जनता की सतर्कता और सहयोग से ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”

सीएम ने ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड को लेकर बाइक रैली को दिखाई हरी झंडी

आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारिता समिति (डोईवाला देहरादून) के तत्वाधान में ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड को लेकर बाइक रैली को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

आदर्श संस्था की अध्यक्ष आशा कोठारी ने बताया कि तिलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित आदर्श संस्था सामाजिक व रचनात्मक क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में ड्रग मुख्य उत्तराखंड को लेकर यह अभियान चलाया जा रहा है। इससे पूर्व स्काउट गाइड विभाग के साथ पूरे प्रदेश में भी यह अभियान चलाया गया था।

इस मौके पर आदर्श संस्था के अध्यक्ष हरीश कोठारी, अध्यक्ष वांडरर्स सिद्धार्थवासन, ममता पांगती नागर, श्रीयाक्ष गौड, दिनेश नागर, हिमांशु रतूड़ी, युवा मोर्चा के जिला महामंत्री विनायक नौटियाल, सारांश डोगरा, अभिषेक राणा, कार्तिक बुटोला, सागर ठाकुर, भावना सभरवाल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सरकारी अधिसूचनाओं में विक्रम संवत एवं हिन्दू माह के उल्लेख के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में जारी होने वाली सरकारी अधिसूचनाओं, गजट नोटिफिकेशनों, उद्घाटन पट्टिकाओं एवं शिलान्यास शिलाओं में तिथि और वर्ष के साथ-साथ विक्रम संवत एवं हिन्दू माह (यथा फाल्गुन, कृष्ण पक्ष/शुक्ल पक्ष) का उल्लेख सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को आवश्यक आदेश तत्काल निर्गत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में जारी होने वाले सभी अधिसूचनाओं, शिलान्यास शिलाओं, उद्घाटन पट्टिकाओ में इन पारंपरिक समय-गणना मानकों का समावेश किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रम संवत भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंग है।

प्रेमचंद अग्रवाल ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

उत्तराखंड के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा बजट सत्र के दौरान उनके एक विवादास्पद भाषण के कुछ हफ़्तों बाद आया है। इस भाषण में उन्होंने पहाड़ी लोगों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सिर्फ पहाड़ियों के लिए नहीं है। विपक्ष ने भाजपा पर पहाड़ी निवासियों की उपेक्षा और अपमान करने का आरोप लगाया था। इसके बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास पर अपना इस्तीफा सौंपा।

फरवरी में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की एक टिप्पणी पर प्रेमचंद अग्रवाल ने गुस्से में प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए इसलिए संघर्ष नहीं किया था कि श्पहाड़ीश् और श्देसीश् के बीच भेदभाव किया जाए। अग्रवाल ने विपक्षी विधायकों के साथ बहस के दौरान एक आपत्तिजनक शब्द का भी इस्तेमाल किया था। उनकी इस टिप्पणी से लोगों में, खासकर राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों में काफी गुस्सा था।

प्रदेश में पर्वतीय होली के लिये हुआ सार्वजनिक अवकाश घोषित

उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेशवासियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार उत्तराखण्ड राज्य के अधीन समस्त शासकीय/अशासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों/विद्यालयों में दिनांक 15 मार्च 2025 (शनिवार) को पर्वतीय होली के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।

यह अवकाश प्रदेश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों एवं विद्यालयों में लागू रहेगा। हालांकि, यह अवकाश बैंकों, कोषागारों एवं उप कोषागारों पर लागू नहीं होगा।

जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय पर्वतीय संस्कृति एवं परंपराओं के सम्मान में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रदेशवासियों को पारंपरिक पर्वतीय होली के उत्सव को हर्षाेल्लास के साथ मनाने का अवसर प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री आवास में होली मिलन कार्यक्रम का भव्य आयोजन, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री आवास में आज उत्तराखण्ड की समृद्ध संस्कृति के रंगों के साथ भव्य होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व प्रेम, सौहार्द और एकता का प्रतीक है, जो समाज में सांस्कृतिक एकता और समरसता को सुदृढ़ करता है।

कार्यक्रम में मंत्रीगणों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए गणमान्य लोगों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के विविध रंग दिखाई दिए। गढ़वाल, कुमाऊं, जौनसार, थारू सहित विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने अपनी-अपनी परंपराओं के अनुसार मनाई जाने वाली होली का शानदार प्रदर्शन किया। पारंपरिक होली गायन, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे होली के इस पावन पर्व को सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाएं और समाज में प्रेम, भाईचारे एवं शांति का संदेश दें।

कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों ने मुख्यमंत्री के साथ मिलकर रंग-गुलाल खेला और एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं।

“जल शक्ति अभियान“ से 1000 गाँवों में तालाबों और पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित कर रहेः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वाडिया इंस्टीट्यूट में जलवायु परिवर्तन एवं नवीकरणीय ऊर्जा-चुनौतियाँ और समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए। सीएम ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने खड़ा है। उन्होंने पिछले वर्ष की गर्मी के अनुभव को याद करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण देहरादून सहित विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान पहले की तुलना में बहुत अधिक रहा। ऐसे समय में, जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता फैलाने एवं इसके समाधानों पर गहनता से चर्चा करने का एक सराहनीय प्रयास है। यह संगोष्ठी न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को समझने का एक अवसर है, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारे संकल्पों को मजबूती देने का भी एक विशिष्ट मंच है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “हरियाली मिशन“ के अंतर्गत लाखों की संख्या में पौधे रोपे जा रहे हैं। “जल शक्ति अभियान“ के माध्यम से 1000 गाँवों में तालाबों और पारंपरिक जल स्रोतों को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी का गठन भी किया है, जिसके अन्तर्गत अभी तक 5500 जलीय स्त्रोतों तथा 292 सहायक नदियों का चिन्हीकरण कर उनका उपचार किया जा रहा है। वाडिया इंस्टीट्यूट के सहयोग से हमने ग्लेशियर अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया है, जिससे हम प्रकृति द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को समझ सकें और उसके क्षरण को रोकने हेतु प्रभावी नीतियां बनाकर कार्य कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन-गेम्स की थीम पर किया गया। पूरे आयोजन के दौरान मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के नाम पर एक-एक रूद्राक्ष के पौधे लगाकर 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित किया गया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां जीडीपी की तर्ज़ पर जीईपी यानि ग्रोस इनवायरमेंट प्रोडक्ट का इंडेक्स तैयार कर जल, वन, भूमि और पर्वतों के पर्यावरणीय योगदानों का आँकलन करने का प्रयास हो रहा है। जीवाश्म आधारित ईंधन के स्थान पर ग्रीन ऊर्जा को वृहद् स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। “नई सौर ऊर्जा नीति” लागू करने के साथ ही वर्ष 2027 तक 1400 मेगावाट सोलर क्षमता पाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में “पी०एम० सूर्यघर योजना” और “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ उठाकर बड़ी संख्या में लोग सोलर पैनल लगवा रहे हैं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन संपदाओं को संरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ा जाए। इससे हमारे वन भी संरक्षित रहेंगे और लोगों को आजीविका भी मिलेगी। वनों में लगने वाली आग को न्यून करने के लिए विस्तृत प्लान बनाया गया है।

इस मौके पर लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, यूथ फाउंडेशन के संस्थापक कर्नल अजय कोठियाल (से नि), प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, निदेशक वाडिया डा विनीत कुमार गहलोत, वैज्ञानिक डॉ जे बी सिंह, डा हृदया चौहान सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक और श्रोता मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने किया चार हेली सेवाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार हेली सेवाओं का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया है। इन सेवाओं के जरिए जरिए देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर और मसूरी और हल्द्वानी से बागेश्वर का हवाई सम्पर्क स्थापित हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “उड़ान“ योजना के अंतर्गत शुरू की जा रही इन चार हेली सेवाओं से राज्य में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेंगे। बागेश्वर नैनीताल और मसूरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। इन क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वादियाँ, हरे-भरे पहाड़, ऐतिहासिक मंदिर और समृद्ध संस्कृति देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। नैनीताल अपनी मनोरम झीलों, नयना देवी शक्तिपीठ और कैंची धाम जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। सरयू और गोमती नदी के पावन संगम पर स्थित बागेश्वर का क्षेत्र, पवित्र बागनाथ मंदिर और प्रसिद्ध उत्तरायणी मेले के लिए जाना जाता है। हेली सेवा की शुरुआत से अब इन क्षेत्रों की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों का आनंद लेने वाले पर्यटक यहां और भी आसानी से पहुंच सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से इन स्थानों पर पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 8 से 10 घंटे लगते हैं, इस सेवा के प्रारंभ होने से यह यात्रा करीब 1 घंटे की हो जाएगी। इमरजेंसी की स्थिति में इन क्षेत्रों में रहने वाले हमारे लोगों को बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी को भी हवाई यात्रा करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से उड़ान योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएं सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं। इन हेली सेवाओं से अब तक गौचर, श्रीनगर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, मुन्स्यारी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सफलतापूर्वक जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हेली सेवाएं राज्य में न केवल आवागमन को सुगम बनाएंगी, बल्कि दैवीय आपदा के समय राज्य के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के लिए भी एक जीवनरेखा के रूप में भी कार्य करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में हवाई संपर्क को और अधिक सशक्त बनाने के लिए घरेलू उड़ानों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी लगातार प्रयासरत है।

सीएम ने यात्रियों से की वर्चुअल बातचीत

मुख्यमंत्री ने इन हेली सेवाओं के शुभारंभ अवसर पर इनसे यात्रा करने वाले लोगों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की। संबंधित क्षेत्रों के विधायकगणों, अन्य जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों ने इन सेवाओं के शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक उमेश शर्मा काऊ, खजानदास, सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला, मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा सोनिका, वर्चुअल माध्यम से विधायक सुरेश गड़िया, श्रीमती पार्वती दास, राम सिंह कैड़ा एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सप्ताह में सात दिन संचालित होगी सेवा

देहरादून से मसूरी की हेली सेवा उत्तराखंड हवाई सम्पर्क योजना के तहत संचालित की जा रही है, जबकि शेष तीन हेली सेवाएं केंद्र सरकार की क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के तहत संचालित की जा रही हैं। देहरादून – मसूरी के बीच पांच सीटर, जबकि शेष जगहों के लिए सात सीटर हेलीकॉप्टर सेवाएं देगा। देहरादून से बागेश्वर, नैनीताल और और हल्द्वानी से बागेश्वर की हेली सेवा सप्ताह में सातों दिन दिन में दो बार संचालित होगी। जबकि मसूरी देहरादून हेली सेवा पहले माह में प्रतिदिन एक उड़ान भरेगी।

किराया विवरण

01 – देहरादून – नैनीताल
किराया – 4500 प्रति यात्री
देहरादून से उड़ान- सुबह 8.15, दोपहर- 02.25 बजे
नैनीताल से उड़ान- सुबह 9.10, दोपहर- 03.20 बजे

02 – देहरादून – बागेश्वर
किराया – 4000 प्रति यात्री
देहरादून से उड़ान- सुबह 10.20, दोपहर- 12.30 बजे
बागेश्वर से उड़ान- सुबह 11.10, दोपहर- 01.20 बजे

03 – हल्द्वानी – बागेश्वर
किराया – 3500 प्रति यात्री
हल्द्वानी से उड़ान- सुबह 08.30, दोपहर- 02.45 बजे
बागेश्वर से उड़ान- सुबह 09.00, दोपहर- 03.00 बजे

04 – देहरादून – मसूरी
किराया – 2578 प्रति यात्री

राज्य सरकार ने शुरू किया पर्वतीय क्षेत्रों में नये शहर की स्थापना को कार्य

आवास विभाग के माध्यम से नये शहरों की परिकल्पना पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया गया है। इसी क्रम में आवास विभाग द्वारा उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 में आवश्यक संशोधन विधानसभा के बजट सत्र में पारित किया गया था। आवास विभाग के निर्देशन में उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण द्वारा नये शहरों की स्थापना हेतु विस्तृत अध्ययन उपरान्त पर्वतीय क्षेत्रों में नये शहर की स्थापना हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। यह जानकारी आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दी।

आवास मंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्यान्तर्गत शहरी क्षेत्रों में बढते जनसंख्या दबाव के कारण शहरों में यातायात तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा है, जिस कारण नये शहरों की ओर कदम बढ़ाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में मैदानी क्षेत्रों में पलायन तेजी से बढ़ रहा है, जिसका मूलभूत कारण पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिक आवश्यकता के अनुरूप नये शहर विकसित न हो पाना भी है।

डा. अग्रवाल ने बताया कि अभी तक उत्तराखण्ड राज्य में टिहरी बाँध बनने के फलस्वरूप तत्समय उत्तर प्रदेश राज्य में नयी टिहरी शहर की स्थापना के अलावा अन्य कोई नया शहर अब तक नियोजित रूप से नहीं बन सका है। राज्य सरकार द्वारा इस समस्या के समाधान के लिये आवास विभाग के माध्यम से नये शहरों की परिकल्पना पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। बताया कि आवास विभाग के निर्देशन में उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण द्वारा नये शहरों की स्थापना हेतु विस्तृत अध्ययन उपरान्त पर्वतीय क्षेत्रों में नये शहर की स्थापना हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

डा. अग्रवाल ने बताया कि इसमें सर्वप्रथम बेलकेदार, श्रीनगर, जिला पौड़ी गढ़वाल अन्तर्गत स्थल चयन करते हुए प्रस्तावित शहर के अन्तर्गत आने वाली सरकारी भूमि आवास विभाग को हस्तान्तरित किये जाने की कार्यवाही प्रारम्भ किये जाने के साथ ही प्रस्तावित नये शहर की महायोजना हेतु कन्सल्टेन्ट चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है। बताया कि उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया है कि वह माह मार्च, 2025 तक कन्सल्टेन्ट के चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर आगामी 06 माह अन्तर्गत प्रस्तावित शहर की महायोजना एवं मॉडल तैयार कर अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित कर लें।

डा. अग्रवाल ने बताया कि कुमाऊँ मण्डल के पर्वतीय क्षेत्र हेतु भी यथाशीघ्र नये शहर की स्थापना हेतु भूमि चयन की कार्यवाही पूर्ण कर लेने के लिये भी निर्देशित किया गया है। आवास मंत्री ने बताया कि आवास विभाग की प्राथमिकता है कि पर्वतीय क्षेत्र में उचित शिक्षा, स्वास्थ्य, बेहतर रोजगार के अवसरों के साथ आवासीय सुविधाओं के साथ नये शहरों की स्थापना पर कार्य करें।