पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि गंगा में हुयी प्रवाहित

हर की पौड़ी गंगा में अटल जिंदाबाद के साथ हजारों की संख्या में पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने प्रवाहित की। इस दौरान स्व. अटल जी के परिजनों के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ही उत्तराखंड सरकार के मंत्री, पार्टी के कई बड़े नेता, कार्यकर्ता और साधु-संत उपस्थित थे।

वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य, पुत्री नमिता, नातिन निहारिका, भांजा सांसद अनूप मिश्रा और अन्य परिजन भी पहुंचे। यहां से सभी लोग दो हेलीकॉप्टर में अस्थि कलश के साथ हरिद्वार के भल्ला इंटर कॉलेज के मैदान पर उतरे। वर्ष 1996 में इसी मैदान पर अटल जी की जनसभा में हजारों लोग पहुंचे थे।

करीब पौने बारह बजे अस्थि कलश को फूलों से सजे सेना के ट्रक पर रखा गया। कलश के साथ परिजनों के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी ट्रक में सवार हुए।

हरिद्वार के भल्ला इंटर कॉलेज से विसर्जन स्थल हरकी पैड़ी तक चार किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगा। यात्रा मायापुरी, ललतारौ पुल, कोतवाली, अपर रोड होते हुए करीब एक बजे हरकी पैड़ी पहुंची। इस दौरान लोग अस्थि कलश की एक झलक पाने को बेताब दिखे। सड़क पर उमड़े सैलाब के अलावा लोग घरों की छतों पर एकत्र होकर लगातार पुष्प वर्षा कर अपने प्रिय नेता को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे।

अस्थि विसर्जन के लिए श्री गंगा सभा की ओर से पहले ही सभी तैयारियां कर ली गईं थीं। ठीक एक बजे वाजपेयी परिवार के पुरोहित पंडित अखिलेश त्रिपाठी और श्री गंगा सभा के आचार्य हरिओम जैवाल ने मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड आरंभ किए। करीब 15 मिनट तक चली पूजा के बाद विधि विधान के साथ अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर दी गईं।

अस्थि विसर्जन के मद्देनजर पुलिस ने हरकी पैड़ी क्षेत्र को जीरो जोन घोषित कर दिया था। प्रातरू कालीन गंगा आरती के बाद क्षेत्र में आम जन की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस के करीब एक हजार जवान तैनात किए गए थे।