सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में बोले सीएम, अगले 10 सालों का रोडमैप बनाये विभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाए। जनपदों में मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। जिसमें कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी भी हों। सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग कृषि एवं उद्यान विभाग के साथ समन्वय से कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों को 2025 तक बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर धरातल पर क्या कार्य कर सकते हैं एवं अगले 10 सालों का रोडमैप बनाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए बागवानी पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। 5 सालों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने के लिए सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सौंग एवं जमरानी बहुद्देशीय परियोजना पेयजल एवं सिंचाई की दृष्टि से राज्य के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सौंग बांध पेयजल परियोजना की अवशेष स्वीकृति संबंधी कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजनाओं में विलम्ब न हो, यदि कहीं कोई समस्या आ रही है, तो ऐसे मामले उच्च स्तर पर लाये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोलीढ़ेक, थरकोट झील एवं गगास जलाशय का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना पूर्ण होने की जो अवधि निर्धारित की गई हो, उस अवधि में वह पूर्ण हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ब्लॉक स्तर पर एक-एक गांव में पॉयलेट बेस पर स्प्रिंकलर आधारित सिंचाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के शहरी क्षेत्रों के लिए ड्रेनेज प्लान जल्द बनाया जाए। जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। जलाशयों की क्षमता वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग की अगली बैठक कब होगी, यह आज ही तय किया जाए। सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि बैठक में जो भी निर्णय लिए जाते हैं एवं जो लक्ष्य दिये जा रहे हैं, उनकी प्रगति की सम्पूर्ण जानकारी अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एच.सी. सेमवाल, एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव ललित मोहन रयाल, सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री से विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति की मांग

कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात कर राज्य के कृषि एवं उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए स्वीकृति तथा बजट स्वीकृतियों की पैरवी की गई।
1. पीअर-टू-पीअर लर्निंग के लिए उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले हिमालयी राज्यों के कृषि मंत्रियों व विभागाध्यक्षों के सम्मेलन का उद्घाटन करने आएंगे केन्द्रीय कृषि मंत्री।
2. प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परम्परागत कृषि विकास योजनांतर्गत 4300 तथा नमामि गंगे योजनांतर्गत 1800 नए क्लस्टरों हेतु बजट आवंटन।
3. पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों द्वारा उत्पादित परम्परागत फसलों के स्थानीय बीजों को सत्यापित बीजों के रूप में अनुदान पर वितरित किए जाने की अनुमति तथा राज्य को चार किश्तों के बजाए, पूर्व की भांति 50-50 प्रतिशत की दो किश्तों बजट आवंटित किए जाने हेतु।
4. राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत कृषक उत्पादक संगठन-एफपीओ के गठन हेतु सीबीबीओ के चयन मानकों में शिथिलता।
5. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-गेहूं के अंतर्गत बजट प्राविधान को बढ़ा कर 400 लाख किए जाने के लिए।
6. उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा विशेष आर्थिक सहायता हेतु हार्नेसिंग द हॉर्टिकल्चर पोटेन्सिअल ऑफ उत्तराखण्ड के प्रस्ताव हेतु 2000 करोड़ की बजट स्वीकृति।
7. बागवानी मिशन योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 200 करोड़ परिव्यय की कार्ययोजना तथा प्रधानमंत्री कृषि योजना के ‘‘पर ड्रॉप, मोर क्रॉप’’ घटक की कार्ययोजना हेतु 99.36 करोड़ की स्वीकृति।