चयनित एलटी शिक्षकों को शीघ्र वितरित होंगे नियुक्ति पत्रः धन सिंह रावत

प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा संचालित चन्द्रयान अभियानों को शामिल किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। सभी राजकीय विद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन कर शिक्षक दिवस को धूमधाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जायेगा। हाल ही में चयनित एलटी शिक्षकों को आगामी 6 सितम्बर को नियुक्ति पत्र सौंपकर प्रथम तैनाती दी जायेगी।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर विद्यालयी शिक्षा विभाग की बैठक ली। जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। मीडिया को जारी बयान में डॉ. रावत ने बताया कि चन्द्रयान-3 अभियान की सफलता ने देश एवं दुनिया में भारतीय मेधा का परचम लहराया है। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से राज्य के विद्यालयी शिक्षा पाठ्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा संचालित चन्द्रयान अभियानों को शामिल किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विज्ञान वर्ग के अंतर्गत कक्षा 6वीं से 12वीं तक के लिये चरणवद्ध पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया है। आगामी 5 सितम्बर को सभी राजकीय विद्यालयों में शिक्षक दिवस को धूमधाम से मनाया जायेगा। इसी के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा हाल ही में चयनित एलटी शिक्षकों को आगामी 6 सितम्बर को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों नियुक्ति पत्र सौंपे जायेंगे। जिसकी तैयारी के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कतिपय विद्यालय ऐसे हैं जहां पर शिक्षक तैनात हैं लेकिन उनके विषय में छात्र-छात्राओं की संख्या शून्य है। ऐसे शिक्षकों को अन्यत्र विद्यालयों में जहां पर संबंधित विषय में छात्र पंजीकृत हों समायोजित किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सूची तैयार कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न राजकीय विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिये सितम्बर प्रथम सप्ताह में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर ठोस निर्णय लिया जायेगा ताकि उनकी समस्याओं का संतोषजनक समाधान निकाला जा सके। इसके साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आपदा से क्षतिग्रसत विद्यालयों के आपदा मद से शीघ्र मरम्मत एवं निर्माण कराने के भी निर्देश दिये।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग में वैज्ञानिकों से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मिशन चंद्रयान-3 से जुड़े हमारे वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य अनंत ऊर्जा का भण्डार तथा असीम क्षमतावान है। उन्होंने इस ऐतिहासिक सफलता के लिए वैज्ञानिकों के साथ इस अभियान से जुड़े सभी सहयोगियों को भी बधाई देते हुए कहा कि इस मिशन की सफलता में उनकी कौशल क्षमता, आत्मविश्वास, धैर्य संयम आदि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अब चन्दा मामा दूर के नहीं हमारे पास के, हमारे घर के हो गये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन यह इतिहास बना उस दिन स्कूली बच्चों के साथ वे इसके साक्षी बने थे। यह भी कारण रहा कि चाहते हुए भी वे उस दिन इस संस्थान में आकर वैज्ञानिकों से नहीं मिल पाये।

इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आई.आई.आर.एस) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संस्थान के साथ ही देहरादून एवं मसूरी स्थित केन्द्र एवं राज्य के विभिन्न वैज्ञानिक एवं तकनीकि संस्थानों के वैज्ञानिकों से संवाद कर उन्हें सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री युवा वैज्ञानिकों से भी संवाद कर उनसे भी विचार साझा किये। मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में पौधरोपण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से हमारे देश ने दुनिया में पहचान बनाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आधुनिक भारत का शिल्पी बताते हुए कहा कि उन्होंने विज्ञान व खेल सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में हमारे लोगों का हौसला बढ़ाकर सफलता दिलाई है तथा आत्मविश्वास जगाया है। यह भविष्य में भारत के मिशन आदित्य सहित अन्य मिशनों में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आने वाले समय में भारत विश्वगुरू बनने के साथ नेतृत्व करने वाला भारत बनेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने, चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल को शिवशक्ति प्वांइट तथा चंद्रयान 2 से जुड़े स्थल को तिरंगा प्वाइंट बताये जाने के लिए भी आभार जताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत कठिन से कठिन कार्यों को आसानी से हल करने वाला बना है। 2047 तक भारत विश्व के विकसित देशों में शामिल होगा तथा नेतृत्व करने वाला देश बनेगा। कोरोना काल का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौर में जहां विभिन्न देशों में अव्यवस्था रही, वही भारत ने इस दौर को व्यवस्थित ही नही किया बल्कि 11वीं से 5वीं अर्थव्यवस्था बनने में सफलता पाई। मुख्यमंत्री ने सभी वैज्ञानिक संस्थानों से अपेक्षा की कि वे हमारे उदीयमान विद्यार्थियों को अपने संस्थानों की कार्यप्रणाली से परिचित कराने की भी योजना बनाए। इससे हमारे देश के भावी कर्णधार देश व प्रदेश की चुनौतियों का सामना करने में सफल होगें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में विज्ञान एवं अनुसंधान के समन्वय का हमारा प्रयास है। हमारे वैज्ञानिकों के विचार राज्य के विकास एवं हिमालयी राज्यों की आपदा की चुनौतियों का सामना करने में मददगार हो सकते है। उन्होंने कहा कि राज्य में आदर्श चंपावत का कार्य तेजी से हो रहा है। चंपावत की भौगोलिक परिस्थिति पूरे राज्य को भांति है, यह पूरे राज्य के विकास का भी आधार बनेगा। राज्य में स्थित सभी वैज्ञानिक संस्थानों को साथ लाकर समग्र एवं सर्वागीण विकास का एकीकृत मॉडल विकसित करना हमारी प्राथमिकता है जिसके माध्यम से हम प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों को विकास की मुख्यधारा के जोड़ते हुए इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में बराबर संतुलन बनाते हुए इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की हमारी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आंकाशाओं को मूर्त रूप दे सकें। विज्ञान एवं तकनीक के माध्यम से उत्तराखण्ड / 25 की अवधारणा के अनुरूप एक सशक्त, सक्षम एवं समृद्ध उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए उन्होंने राज्य स्थित सभी प्रतिष्ठित संस्थानों की सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक की समस्याओं का समाधान उनकी अपेक्षानुसार तभी संभव होगा जब उनसे संवाद किया जायेगा। इकोलॉजी, इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, एकाउंटेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी के पाँच सशक्त स्तंभों पर व्यवस्थित मॉडल हमारे उत्तराखण्ड /25 के संकल्प के लिए आवश्यक है। हमारा संकल्प है कि उत्तराखण्ड राज्य अपने सृजन की रजत जयंती वर्ष 2025 तक एक श्रेष्ठ राज्य बनकर उभरे तथा माननीय प्रधानमंत्री जी की घोषणानुरूप् इक्कीसवीं सदी के इस तीसरे दशक में समृद्ध और सशक्त रूप में स्थापित हो। उत्तराखण्ड का यह विकास मूलक मॉडल देश के अन्य हिमालयी राज्यों के लिये भी मार्गदर्शक मॉडल बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हमें अपनी पारिस्थितिकी और आर्थिकी के संतुलन को बनाए रखना है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सार्थक प्रयोग हेतु लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ाना है। नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य युक्त उत्तराखण्ड की सभी प्राकृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासतों का संरक्षण करके इसे देश-विदेश में विशिष्ट पहचान दिलाने, अपनी संस्कृति, परम्पराओं जनजातीय विशिष्टताओं, बोलियों लोककलाओं, लोकगीतों और साहित्य, तीर्थाटन, पवित्र चारधाम यात्रा, मानसखण्ड आदि को नई पहचान देने का भी हमारा प्रयास है।

आई आई आर एस के निदेशक डॉ आर पी सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह संस्थान इसरो के 16 संस्थानों में एक है। विभिन्न देशों के वैज्ञानिक यहां आते है। ऑनलाइन स्टूडियो एवं लर्निंग सेंटरो के माध्यम से भी वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था संस्थान द्वारा की जा रही है।

इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत, निदेशक आई आई पी डॉ हरेन्द्र सिंह बिष्ट, डील के निदेशक डॉ ललित चन्द मंगल, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट के निदेशक श्रीधर कट्टी, वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ कालाचंद सेन के साथ अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक एवं युवा वैज्ञानिक उपस्थित थे।

जरूरतमंदों को भोजन करवाकर लायंस क्लब डिवाइन ने मनाई चंद्रयान-3 की सफलता

लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन द्वारा चंद्रयान-3 की सफलता के उपलक्ष में आज त्रिवेणी घाट पर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया गया।

लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन के संस्थापक लायन ललित मोहन मिश्र व अध्यक्ष लायन विकास ग्रोवर ने बताया कि चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को विश्व के टॉप 4 देशों में स्थान दिया है जिन्होंने चांद पर स्वयं का उपग्रह प्रक्षेपित कर दिया है इसमें विशेष रूप से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर प्रथम बार किसी भी देश द्वारा की गई।

कहा कि लैंडिंग अपने आप में भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाने की श्रेणी में खड़ा करती है, इस सफलता से संपूर्ण भारत वासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई दी है कि चंद्रयान 2 की असफलता के तुरंत बाद उन्होंने चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण कर दिया है। आशा जताई कि बहुत जल्द ही भारत दुनिया के उपग्रह अभियान में नंबर वन शक्ति बनेगा।

कहा कि इस खुशी के अवसर पर क्लब द्वारा आज त्रिवेणी घाट पर जरूरतमंद व यात्रियों को भोजन कराया गया साथ ही साथ मिष्ठान भी वितरित किया गया।

इस अवसर पर रजत भोला, संस्थापक ललित मोहन मिश्र, लायन महेश किंगर, जगमीत सिंह, आशु डंग, जगदीश पनेसर, आशु ढंग, अमित सूरी, सीनियर, अमित सूरी जूनियर, दिनेश अरोड़ा, हितेश सडाना, प्रदीप गुप्ता, कमल प्रजापति, कृष्णा कालरा, किशोर मेहता आदि उपस्थित थे।

सीएम ने चंद्रयान-3 की सफलता पर पीएम, वैज्ञानिक और देशवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में शासन के उच्चाधिकारियों, विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारियों व स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक सफल लैंडिंग का सजीव प्रसारण को देखा। सभी ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्बोधन सुना व देखा। मुख्यमंत्री ने भारत की इस ऐतिहासिक सफलता के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, इसरो की टीम, वैज्ञानिकों व देश-प्रदेश की जनता को बधाई व शुभकामनाएं भी दी।
कार्यक्रम में उपस्थित राजीव गांधी आवासीय नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा, रायपुर तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय, बनियावाला के छात्रों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चंद्रयान-3 की चन्द्रमा पर सफल लैंडिंग के साथ आज भारत विश्व का पहला देश बन गया है जिसके हम सभी साथी बने है। आज भारत दुनिया के हर क्षेत्र में नंबर एक बनने की दिशा में अग्रसर है। एक समय हमारे देश को सपेरो का देश कहा जाता था आज विज्ञान के क्षेत्र में देश नंबर 01 बना है। देश आज 11वीं से 5वीं अर्थव्यवस्था बन गया है। 2027-28 तक देश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के साथ 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर दुनिया का नेतृत्व करने वाला शक्तिशाली व समर्थ देश बनेगा। इसकी जिम्मेदारी हमारे युवा छात्रों की है। हमारे आज के युवा छात्र देश का भविष्य है। हमारे युवा छात्र भविष्य में जिस क्षेत्र में जाए उसका नेतृत्व करे तथा देश के सपने एवं अपेक्षाओं को पूरा करने में अपना योगदान देने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब चंद्रयान-2 सफल नही हो पाया तो प्रधानमंत्री ने हमारे वैज्ञानिकों को गले लगाकर उनका हौसला बढ़ाया तथा दुगनी ताकत से इस अभियान को पूर्ण करने की शुभकामनायें दी। आज प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन तथा हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से देश ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों से बातचीत कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी। सचिव शिक्षा रविनाथ रमन ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे।

चंद्रयान-3 की सफलता पर देशभर में मना उत्सव, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चांद पर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर दी है।

इसरो ने अपने सीधे प्रसारण में इसकी जानकारी दी है। इसरो के इस मिशन को सफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए खुशी जाहिर की है। इस दौरान उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा कि इस मिशन के बाद हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। इसरो मुख्यालय में विक्रम लैंडर के लैंड होते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़हाट से गूंज उठा। देशभर में जश्न का माहौल है। जगह जगह पटाखे फूट रहे हैं। लोग हमारे वैज्ञानिकों की कामयाबी पर जश्न मना रहे हैं।