मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना का हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राज्य के 141 पी.एम.श्री विद्यालयों एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का शिलान्यास भी किया गया। मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में एन.डी.ए एवं आई.एम.ए में चयनित कैडेट को पुरस्कार की धनराशि भी प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज राज्य में केंद्र सरकार सहायतित “विद्या समीक्षा केन्द्र“ एवं “पीएम श्री योजना“ का शुभारंभ किया गया है, यह प्रदेश के लिए हर्ष का विषय है। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द प्रधान का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र विद्यालय, छात्रों एवं अध्यापकों से संबंधित सभी आंकड़ों को रियल टाइम आधार पर संकलित करेगा तथा छात्र आकलन के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सभी का मार्गदर्शन करेगा। इस केंद्र में आज से अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं की रियल टाइम ऑनलाइन उपस्थिति प्रारम्भ भी हो गई है। इस केंद्र का उपयोग शीघ्र ही शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मानव संसाधन पोर्टल, विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के ऑनलाइन रख-रखाव, ऑनलाइन स्थानान्तरण, ऑनलाइन नियुक्ति, ऑनलाइन मॉनिटरिंग आदि के लिए भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में से है, जहां केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर प्रारम्भ की गई योजनाओं को जनहित में सबसे पहले क्रियान्वित किया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का शुभारंभ उत्तराखण्ड ने सबसे पहले किया। पीएमश्री योजना के तहत राज्य में 141 स्कूल इस योजना के अन्तर्गत विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 72 करोड़ की धनराशि स्वीकृत भी की गई है। इस सहयोग के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में बालिकाओं के लिए 40 कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास संचालित हैं, जिनमें सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विद्या समीक्षा केन्द्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखण्ड है। जिसमें अभी 05 हजार स्कूल जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवम्बर तक प्रदेश के सभी 22 हजार स्कूलों को सभी डाटा के साथ जोड़ने के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य के कक्षा 01 से 12वीं तक के लगभग 23 लाख 50 हजार विद्यार्थी इस विद्या समीक्षा केन्द्र से जुड़ेंगे। राज्य के 01 लाख 22 हजार से अधिक शिक्षकों का डाटा भी इसमें रहेगा। विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से बच्चों एवं शिक्षकों की प्रतिदिन की उपस्थिति का पता चलेगा। दीक्षा टीवी एवं इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी। राज्य के सभी डायट, को जोड़ने एवं शिक्षकों की कैपिसिटी बढ़ाने की व्यवस्था इसमें बनाई जा रही है। स्कूली शिक्षा की सभी जानकारी विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दार्शनिक तत्व है। 21वीं सदी की भारत की नई पीढ़ी ज्ञान के आधार पर विश्व का नेतृत्व करने वाली है। राज्य में मॉडल स्कूल के रूप में प्रारंभिक चरण में पी.एम.श्री के तहत 141 स्कूलों का चयन किया गया है। उच्च शिक्षा में राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना और मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि जी 20 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ग्लोबल मॉडल के रूप में स्वीकृति करा दी। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल भारत के 30 करोड़ विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, विश्व के विकसित देशों के विद्यार्थियों के लिए नया बैंचमार्क बना रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रसार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड उन्हें अपने गृह राज्य की तरह ही प्रिय है।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड विद्या समीक्षा केन्द्र का शुभारंभ करने वाला गुजरात के बाद देश का दूसरा राज्य है। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखण्ड बना। राज्य में शुरू की गई उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना में विभिन्न संकायों में स्नातक स्तर पर छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष महाविद्यालय स्तर/विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 03 हजार रुपये, 02 हजार रुपये एवं 1500 प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। स्नातक अंतिम वर्ष के उपरान्त प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एकमुश्त पुरस्कार राशि के रूप में क्रमशः 35 हजार रुपये, 25 हजार रुपये एवं 18 हजार रुपये दिये जायेंगे।

विभिन्न संकायों में विषयवार स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं प्रतिवर्ष महाविद्यालय स्तर / विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 05 हजार रुपये, 03 हजार रुपये एवं 02 हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। परा स्नातक अंतिम वर्ष के उपरान्त प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एकमुश्त पुरस्कार राशि के रूप में क्रमशः 60 हजार रुपये, 35 हजार रुपये तथा 25 हजार रुपये की धनराशि दी जायेगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध / अन्वेषण एवं नवाचार के वातावरण का सृजन करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों और मूल्यों के अनुरूप उत्कृष्ट शिक्षा और शोध के केन्द्र के रूप में संस्थाओं को विकसित करते हुए शिक्षकों एवं छात्रों को शोध एवं नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस अवसर पर सांसद नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, भारत सरकार के अपर शिक्षा सचिव विपिन कुमार, उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली, विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तरकाशी के साल्ड गांव में जगन्नाथ मंदिर का होगा पुनरुद्धार, धर्मेंद्र प्रधान ने बताया दिलचस्प किस्सा

सोशल मीडिया आजकल कई ऐसी धरोहर को हमारे सामने लाने का काम करता है, जिनके बारे में हमें अधिक पता नहीं होता. कुछ ऐसा ही उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में हुआ,यहाँ के साल्ड गांव में जगन्नाथ मंदिर में स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर का अब विकास होगा. दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आज उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान इस मंदिर का जिक्र किया. उन्होंने बताया की कैसे उन्हें ओड़िशा की अभिनेत्री सब्यसाची और अर्चिता से इस मंदिर के बारे पता चला.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया दिलचस्प किस्सा-
दरअसल साल भर पहले उड़ीसा के एक व्यक्ति जनार्दन महापात्र देहरादून गए थे. अपनी बेटी की एडमिशन का वहां दाखिला कराना था. इस दौरान उन्हें जगन्नाथ मंदिर की तलाश थी. इसी क्रम में वह उत्तरकाशी के मान्यता
12 वी सदी के जगन्नाथ मंदिर में गए. इसके बाद उन्होंने सब्यसाची और अर्चिता को बताया. उन्होंने जब इसको लेकर ट्वीट किया तो इसपर मेरा धर्मेंद्र प्रधान का ध्यान गया. उन्होंने इस संदर्भ में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी से बात की. आज केंद्रीय मंत्री वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान सीएम पुष्कर धामी ने इस परिसर को विकसित करने की बात कही है ,यह एक भारत श्रेष्ठ भारत का बेहतर उदाहरण है !
प्रधानमंत्री मोदी अपने उत्तराखंड दौरे पर कह चुके हैं, ‘यह दशक उत्तराखंड का होगा !
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को परिवार सहित महाप्रभु जगन्नाथ पुरी ओड़िसा दर्शन के लिए आंमंत्रित किया’
प्रधानमंत्री मोदी अपने उत्तराखंड दौरे पर कह चुके हैं, ‘यह दशक उत्तराखंड का होगा।

राज्य में उद्योगों को दिया जा रहा बढ़ावाः पुष्कर सिंह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री के बीच राज्य में शिक्षा के विकास और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा देवभूमि उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग मेहनती एवं कर्मशील हैं। प्रदेश के युवाओं की प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को पूरी मदद दी जाएगी। हुनरमंद लोगों की प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। रोजगार के साथ ही युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में स्वरोजगार की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। केंद्र सरकार का हर क्षेत्र में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान से सीएम ने की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य के सर्वांगीण विकास में अमूल्य सहयोग प्रदान किया जाता रहा है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को राज्य की शैक्षिक उपलब्धियों से अवगत कराते हुए बताया कि राज्य को शिक्षा से सम्बन्धित सतत् विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2020-21 में चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ है तथा राज्य को फ्रण्ट रनर ( Front Runner) राज्यों में सम्मिलित किया गया है। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर विद्यालयी शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु राज्य को यथा अपेक्षित सहयोग एवं निर्देशन दिया गया है।

राज्य सरकार द्वारा कुछ महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं को समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021-22 के बजट में सम्मिलित किया गया है। जिसमें केन्द्र का महत्वपूर्ण सहयोग अपेक्षित है। इनमें विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम ( Virtual Classroom) की स्थापना, विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम (Smart Classroom) की स्थापना, आकांक्षी जनपदों के बच्चों के लिए ई-टेबलेट ( e-tablet), शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति अनुश्रवण प्रणाली (Teachers:Real Time Attendance Monitoring System), छात्र-छात्राओं हेतु स्पोकन इंग्लिश कार्यक्रम (Spoken English Programme), वर्चुअल रियलिटी लैब (Virtual Reality Lab), डिजिटल साक्षरता ( Digital Literacy), डिजिटल माइक्रोस्कोप (Digital Microscope) और प्रारम्भिक स्तर पर विद्यालयों में विज्ञान एवं गणित के विकास के लिए कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केन्द्र से सहयोग का अनुरोध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्याहन भोजना योजना के अन्तर्गत आच्छादित कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं की प्रोटीन/आयरन/कैलोरी की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मोटा अनाज ( Millet) सब्सिडी के आधार पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि छात्र छात्राओं के पोषण स्तर सुधार के साथ ही स्थानीय कास्तकारों को भी इसका लाभ मिल सके। इस संदर्भ में सब्सिडी को सम्मिलित करते हुये आवश्यक प्रस्ताव भारत सरकार के अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड राज्य में पूर्ण रूप से केन्द्रपोषित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) खोले जाने के सम्बन्ध में स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार उक्त संस्थान हेतु जनपद देहरादून में निःशुल्क भूमि की व्यवस्था कर ली गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर विद्यालयी शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु राज्य को उपलब्ध कराये गये भौतिक संसाधनों जिसमें निर्माण कार्य आदि सम्मिलित हैं के साथ ही डिजिटल लर्निंग हेतु 1100 विद्यालयों के लिए वर्चुअल कक्षायें एवं 920 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षायें, व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु 200 विद्यालयों के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम आदि में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया जिससे राज्य को उक्त उपलब्धि प्राप्त हो सकी है। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा समय-समय पर दिये गये सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए राज्य की ओर से आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली भी उपस्थित थे।