फर्जी रेड और भाई, कहानी एक घर की

फिल्मी स्टाइल में घर में छापा मारने वाली आयकर विभाग की फर्जी टीम का मास्टर माइंड सगा भाई ही निकला। आर्थिक तंगी और भाई से कहासुन के चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर यह योजना बनाई। शनिवार को पुलिस ने मास्टर माइंड सहित तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया। पुलिस ने इनके कब्जे से 22 लाख 26 हजार रुपये नगद, गहने, इनकम टैक्स महकमे की फर्जी मुहर, आईकार्ड और 4 मोबाइल बरामद किए हैं। घटना में प्रयुक्त कार को सील कर दिया है। तीन आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
शनिवार दोपहर कोतवाली में पत्रकारवार्ता में पुलिस क्षेत्राधिकारी डीसी ढौंढियाल ने बताया कि शुक्रवार तड़के रेलवे रोड स्थित वाल्मीकि नगर में फर्जी आयकर अधिकारी बनकर एक घर में रेड डालने के मामले में फरार मास्टर माइंड को उसकी महिला साथी के साथ गुमानीवाला, श्यामपुर से पकड़ा है। जबकि, एक अन्य आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान मास्टर माइंड सनी पुत्र राम सिंह निवासी वाल्मीकि बस्ती ऋषिकेश, रिचा चावला पत्नी स्व. हेमंत चावला निवासी राजा पार्क शकूरपुर साइड रानी बाग ईस्ट दिल्ली और निर्मल सिंह उर्फ निखिल पुत्र स्वर्ण सिंह निवासी राजा पार्क शकूर बस्ती दिल्ली के रूप में हुई है। निर्मल को पुलिस ने दिल्ली में दबिश देकर गिरफ्तार किया। ये सनी के भाई संदीप सिंह के घर फर्जी रेड डालकर लाखों की नगदी और कीमती ज्वेलरी ले उड़े थे। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि मामले में तीन आरोपी एक दिन पहले मौके से ही गिरफ्तार किए गए थे।

घटना में प्रयुक्त कार लावारिस हालत में मिली
शनिवार सुबह आरपीएफ प्रभारी की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने घटना में संलिप्त कार को हरिद्वार रोड बाइपास मार्ग स्थित योगनगरी रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया। तलाशी लेने पर कार से नगदी, ज्वेलरी, आयकर विभाग की फर्जी मुहर, स्टाम्प पेड और 4 मोबाइल फोन मिले।

भाई से कहासुनी के चलते बनी योजना
मास्टर माइंड सनी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कुछ समय से भाई संदीप सिंह के साथ उसकी कहासुनी चल रही थी। आर्थिक तंगी के चलते उसने सगे भाई के घर पर ही आयकर विभाग की फर्जी रेड डालने की योजना बनाई। योजना में अपने साथी निर्मल और उसके साथियों को शामिल किया। फर्जी रेड डालने से एक दिन पहले पूरी रिहर्सल की और सनी ने अपने भाई का घर आरोपियों को दिखाया।

पुलिस टीम में ये रहे शामिल
आयकर विभाग के फर्जी रेड का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक रवि सैनी, एसएसआई डीपी काला, एसआई नवीन डंगवाल, रामनरेश शर्मा, मनवर सिंह, शिवराम, जगदंबा प्रसाद, आरक्षी दुष्यंत कुमार, महेश पुरी, सतीश, संदीप छाबड़ी, नीरज कुमार, सत्येंद्र कठैत, शीशपाल, नंदू, अनित कुमार, सचिन राणा, योगेंद्र सिंह, एसओजी प्रभारी ओकांत भूषण, आरक्षी नवनीत नेगी, कमल जोशी, मनोज कुमार, सोनी कुमार, जमुना शामिल रहे।

बसपा सरकार में 18 हजार गुना बढ़ी बसपा सुप्रीमो के भाई की सम्पत्ति

बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार व पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई होते ही इनके करीबी भूमिगत हो गए हैं। आनंद और करीबियों के खिलाफ आयकर विभाग पुख्ता सबूत एकत्र कर चुका है और कभी भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यादव सिंह प्रकरण के दौरान भी आयकर छापे में मिली डायरियों व अन्य सबूतों के माध्यम से आयकर के रडार पर आनंद और उनके सहयोगी चल रहे हैं।
प्रदेश में 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही थी। उस वक्त कहा जाता था कि लखनऊ से भले ही सरकार चल रही हो, लेकिन इसका रिमोट नोएडा में ही था। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि किस बिल्डर को जमीन देनी है, किसे इंडस्ट्री या आईटी का प्लॉट देना है या फिर किसी तरह का आवंटन किया जाए यह भाई साहब यानी आनंद की इजाजत के बिना नहीं होता था। खास बात यह रही कि किसी भी आवंटन में लिखित तौर से उनका दखल नहीं होता था, लेकिन बिना उनकी अनुमति से पत्ता भी नहीं हिलता था। पूरी आवंटन की प्रक्रिया करने के लिए आनंद के करीबियों की भूमिका रहती थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में जितनी भी जमीन आवंटित की गई थी, सभी में अप्रत्यक्ष रूप से टीम की भूमिका रही थी। प्राधिकरण के अधिकारी उनके आवास पर फाइलें लेकर दौड़ लगाते रहते थे।
सूत्र बताते हैं कि नवंबर 2014 में जब तीनों प्राधिकरण के तत्कालीन चीफ इंजीनियर यादव सिंह के यहां पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था, तब भी अफसरों को यह जानकारी मिली थी कि घोटालों में और लोग भी हैं, लेकिन सीधे तौर से कोई साक्ष्य नहीं मिले थे, लेकिन आयकर विभाग ने इसकी गोपनीय जांच जारी रखी। साथ ही, यादव सिंह समेत उनके अन्य करीबियों के यहां जो दस्तावेज मिले थे, उनमें कहीं न कहीं नाम नाम आया था। आयकर विभाग की टीम ने प्राधिकरण से भी उन सभी दस्तावेज को निकलवा लिया था, जिसमें आनंद कुमार और उनके करीबियों के नाम से आवंटन थे। अब आईटी ने उन संपत्तियों को अटैच करना शुरू कर दिया है।

पांच सितारा होटल बनाने की योजना पर फिरा पानी
आयकर विभाग ने बसपा प्रमुख मायावती के भाई और भाभी का नोएडा स्थित 400 करोड़ रुपये कीमत का बेनामी प्लॉट जब्त किया है। आधिकारिक आदेश के मुताबिक, मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के लाभकारी मालिकाना हक वाले सात एकड़ प्लॉट को जब्त करने का अस्थायी आदेश आयकर विभाग की दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने 16 जुलाई को जारी किया था।
मायावती ने हाल ही में आनंद को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। 28,328.07 वर्ग मीटर या सात एकड़ का प्लॉट नोएडा के सेक्टर 94 में 2ए से पंजीकृत है। इस जमीन पर पांच सितारा होटल और अन्य लग्जरी सुविधाओं का निर्माण किए जाने की योजना थी। जब्ती का आदेश बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24 (3) के तहत जारी किया गया। बेनामी कानून का उल्लंघन करने पर सात साल की कैद या बेनामी संपत्ति की बाजार कीमत के हिसाब से 25 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है।

आनंद पर रियल एस्टेट में दूसरों के नाम पर निवेश कर करोड़ों रुपये मुनाफा कमाने का भी आरोप है। इस मामले को लेकर आयकर विभाग जांच कर रहा था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी इसकी जांच कर रहा है। जांच में आयकर विभाग ने कम से कम छह फर्म के मालिकाना हक को संदिग्ध पाया। जिन कंपनियों की बेनामी संपत्ति के तहत पहचान की गई, वे विजन टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड, बीपीटीपी इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, यूरो एशिया मर्चेंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, सन्नी कास्ट एंड फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड, करिश्मा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता इन कंपनियों के जरिये किए गए लेनदेन की इकलौती लाभार्थी हैं।

नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए आनंद
आनंद कभी नोएडा प्राधिकरण में मामूली क्लर्क थे। बहन मायावती के सत्ता में आने के बाद उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी। उन पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का कर्ज लेने का भी आरोप लगा था। बसपा शासन के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 49 कंपनियां खोलीं। 2014 में उनकी संपत्ति 1316 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2016 में नोटबंदी के दौरान उनके खाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा होने पर वह चर्चा में आए थे। जांच एजेंसियां पहले भी उनके घर व कार्यालयों में छापेमारी कर चुकी हैं।

कई आयकर अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (यूपी पश्चिम एवं उत्तराखंड) प्रमोद कुमार गुप्ता ने सोमवार को विभाग के 44 आयकर अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए। इनमें उपायुक्त, उप निदेशक, सहायक आयुक्त, सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी हैं।11 अधिकारियों को अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया है। सहायक निदेशक (जांच) सौरभ आनंद को प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय में तैनाती मिली है। इनके स्थान पर सहायक आयुक्त गौरव गर्ग को जांच निदेशालय भेजा गया है।
बेनामी संपत्ति अनुभाग का जिम्मा उपायुक्त अरविंद त्रिवेदी से हटाकर उपायुक्त शैलेंद्र कुमार पांडेय को सौंपा गया है। अरविंद त्रिवेदी मुख्य आयकर आयुक्त रेंज-2 के कार्यालय से संबद्ध किए गए हैं। कमल कुमार को अब सहायक आयुक्त ऑडिट, राघवेंद्र सिंह को टीडीएस विंग से मुख्य आयकर आयुक्त रेंज-4, श्रवण कुमार को जांच निदेशालय, अमरेंद्र नाथ को जांच निदेशालय से आयकर आयुक्त रेंज-3 में तैनाती दी गई है।

11 करोड़ नकदी बरामद, आभूषणों की कीमत का आंकलन करने में जुटी टीम

कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार और उनके सहायकों पर कथित कर चोरी के मामले को लेकर उनके कई ठिकानों पर चल रही आयकर विभाग की तलाशी में अब तक 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई है। गुजरात में राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों को भाजपा के पाले में जाने से रोकने के लिए कांग्रेस के 44 विधायकों को बेंगलूरू के रिजॉर्ट में रखा गया और उनकी जिम्मेदारी शिवकुमार को दी गई। गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं।
गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी कई ठिकानों पर छापेमारी जारी रही। आयकर अधिकारियों ने कई दस्तावेज, अकाउंट बुक्स और वित्तीय कागजात बरामद किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक दिल्ली से करीब 8.33 करोड़ रुपये, बेंगलूरू से 2.5 करोड़ रुपये और मैसुर से 60 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘विभिन्न ठिकानों से अभी तक करीब 11.43 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। कुछ ठिकानों पर तलाशी चल रही है।’’
उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान मिले कुछ आभूषणों की कीमत का आकंलन किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि विभाग कुछ कथित बेनामी संपत्ति समेत रियल एस्टेट में निवेशों से संबंधित दस्तावेजों का विश्लेषण भी कर रहा है। विभाग ने कहा कि वह कथित कर चोरी और रियल एस्टेट, आभूषण और अन्य क्षेत्रों में बड़े गुप्त निवेश के मामले में शिवकुमार की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग सिंगापुर और अन्य देशों में उनसे जुड़े निवेशों की जांच भी कर रहा है। आयकर विभाग ने कर चोरी के मामले में शिवकुमार के 64 ठिकानों और संपत्तियों पर कल तलाशी ली थी जिससे राजनीतिक तूफान आ गया था। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस शिवकुमार पर छापों के खिलाफ आज शहर में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने केंद्र पर तानाशाही वाला रवैया अपनाने और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले शिवकुमार वोक्कालिंगा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और देश के सबसे अमीर मंत्रियों में से एक हैं।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए दायर किए गए हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति 251 करोड़ रुपये से ज्यादा की बताई थी। कांग्रेस आलाकमान से नजदीकी रखने वाले 55 वर्षीय शिवकुमार को पार्टी को मुश्किल से निकालने वाला माना जाता है। वह छह बार विधायक रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा के लिए भी जाना जाता है। रिजॉर्ट पर कल मारे गए छापे को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ तथा कांग्रेस ने इसे एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए अभूतपूर्व रूप से निशाना बनाने वाला बताया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि भाजपा के खिलाफ आवाज को दबाने के लिए यह राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है।

शिंकजा कसते ही मीसा भारती पहुंची पति के साथ आयकर विभाग


नई दिल्ली।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेनामी संपत्ति के मामले में घिरी बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार आखिरकार बुधवार को आयकर विभाग के सामने पेश हुए। कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद वे लगातार अपनी पेशी को टालते आ रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों से करीब छह घंटे तक पूछताछ हुई।
गौरतलब है कि मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई में आयकर विभाग ने दिल्ली से पटना तक लालू प्रसाद यादव के परिवार की कई बेनामी संपत्तियां ज़ब्त कीं, जिनमें लालू की पत्नी राबड़ी देवी, उनके पुत्र तेजस्वी यादव, पुत्री मीसा भारती, दामाद शैलेश कुमार और लालू की अन्य दो बेटियों रागिनी और चंदा यादव की बेनामी संपत्तियां शामिल हैं।
ज़ब्त की गई संपत्तियों का बाज़ार मूल्य क़रीब 175 करोड़ रुपये बताया गया है, जबकि दस्तावेज़ों में इनकी क़ीमत महज़ 9.32 करोड़ रुपये दिखाई गई है। सभी के खिलाफ केस दर्ज कर नोटिस जारी किया गया है। हालांकि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसे राजनैतिक बदले की कार्रवाई बताया है, और आरोपों को झूठा करार दिया है।
इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बिहार इकाई के नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उन पर लगे आरोप गंभीर हैं। इसलिए यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।

लालू परिवार की जिन संपत्तियों को ज़ब्त किया गया है, उनका ब्योरा निम्न है…

बिजवासन (दिल्ली) में पालम फार्म्स
बेनामीदार : मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड
लाभार्थी : मीसा भारती, शैलेश कुमार
बही मूल्य : 1.4 करोड़ रुपये
बाज़ार मूल्य : 40 करोड़ रुपये

1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली
बेनामीदार : एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड
लाभार्थी : तेजस्वी यादव, चंदा यादव, रागिनी यादव
बही मूल्य : 1.9 करोड़ रुपये
बाज़ार मूल्य : 40 करोड़ रुपये

जालापुर, दानापुर, पटना में नौ प्लॉट
बेनामीदार : डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड
लाभार्थी : राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव
बही मूल्य : 1.9 करोड़ रुपये
बाज़ार मूल्य : 65 करोड़ रुपये

जालापुर, दानापुर, पटना में तीन प्लॉट
बेनामीदार : एके इन्फोसिस्टम
लाभार्थी : राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव
बही मूल्य : 1.6 करोड़ रुपये
बाज़ार मूल्य : 20 करोड़ रुपये