सेलाकुई में सीएम ने किया डक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नवीन प्लांट का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद देहरादून के सेलाकुई में स्थापित में डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नवीन प्लांट का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिक्सन कंपनी हमेशा से ही भारत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में अग्रणी रही है।
मुख्यमंत्री ने प्लांट का निरीक्षण कर विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड में भी डिक्सन रोजगार के नये-नये अवसर सृजित करने में सफल होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिक्सन टेक्नोलॉजी की इस फैक्ट्री के माध्यम से जिन भी युवाओं को रोजगार मिलेगा, उनमें बहुत से युवा भविष्य में अन्य युवाओं को रोजगार देने में समर्थ होंगे। क्योंकि आज का युवा स्वयं नौकरी पाने के साथ-साथ स्वरोजगार के माध्यम से नौकरी देने वाला बन रहा है। यही नहीं बहुत से युवा भविष्य में स्वयं की कोई फैक्ट्री लगाने में भी सफल होंगे। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। जिसका एक उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद बहुत सी कंपनियों ने उत्तराखंड में अपने उद्योग लगाकर हमारे युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दिया है। इससे भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। हमारी सरकार युवा सपनों को साकार करने के साथ ही युवा प्रतिभाओं के साथ न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए हमने प्रदेश में सबसे कठोर ’’नकल विरोधी कानून’’ बनाकर भर्तियों में घोटाले करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की। वर्तमान में 7 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है और जल्द ही कई हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विशिष्ट ’’सिंगल विंडो सिस्टम’’ द्वारा युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के क्षेत्र में सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में ’’विदेश रोजगार प्रकोष्ठ’’ का भी गठन किया है। हमारी सरकार स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फण्ड भी तैयार करने जा रही है, इससे युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फण्ड मिल सकेगा। हमने ’’मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन’’ एवं ’’वैश्विक रोजगार योजना’’ को कैबिनेट में मंजूरी दी। इन योजनाओं के द्वारा युवाओं में कौशल विकास के लिए कार्य किया जाएगा, जिससे वे देश में ही नहीं बल्कि में विदेशों में भी रोजगार प्राप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के टिकट, वीजा आदि से संबंधित प्रक्रियाओं में भी सरकार सहायता करेगी। विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं से सम्बन्धित डाटाबेस तैयार करने के लिए ’‘अपुणी सरकार पोर्टल’’ पर एप्लीकेशन विकसित की जा चुकी है। हम युवाओं को रोजगार देने के लिए हर वो प्रयास कर रहें हैं, जिससे प्रदेश की रोजगार दर में वृद्धि हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा तो हमारा प्रदेश हर राज्य के लिए एक मिसाल बनेगा, क्योंकि रोजगार बहुत सी समस्याओं का स्वतः ही समाधान कर देता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डिक्सन जैसी कंपनियां जहां एक ओर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रदेश का नाम रोशन करेगी, वहीं उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ’’विकल्प रहित संकल्प’’ की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी।

डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन श्री सुनील वचानी ने बताया कि यह उत्तराखंड में डिक्सन की चौथी फैक्ट्री है। पूरे देश में डिक्सन की अब 23 फैक्ट्री हैं जिसमें 27000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

कार्यक्रम में स्थानीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रवि वचानी, वाइस चेयरमैन एवं एमडी अतुल लाल आदि उपस्थित रहे।

राज्य सरकार का प्रयास, राज्य में औषधि निर्माण क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नवनिर्मित एफडीए भवन व राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने औषधी परीक्षण प्रयोगशाला का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रदेश के फार्मा सेक्टर के लिए बहुत अहम दिन है। आज औषधि नियंत्रण संगठन एवं राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को केंद्र में रख कर 6.56 करोड़ रुपये की लागत से एफ.डी.ए. भवन का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त 13.22 करोड़ रुपये की लागत से एफ.डी.ए. भवन में औषधि नमूनों की गुणवत्ता जांचने हेतु राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है। इस प्रयोगशाला में वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य में औषधि निर्माण और इस क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए। इस दिशा में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में औषधि निर्माण की ईकाइयां लगातार बढ़ रही हैं। राज्य में लगभग 300 औषधि निर्माता कम्पनियां कार्य कर रही हैं। ये सभी इकाइयां अपने उत्पादन के जरिए हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रकृति प्रदत्त अनेक संपदाएं हैं। उत्तराखण्ड आयुष, योग धर्म एवं संस्कृति की भूमि तो है ही। अब उद्योगों की भूमि भी बन रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा औषधि निर्माता कंपनियों को हर संभव मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि 2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा, तब तक उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में फार्मा सेक्टर क्या योगदान दे सकता है, इस दिशा में ध्यान दिया जाए। उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में सबका योगदान जरूरी है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में औषधि निर्माता कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। दवा कंपनियों को लाइसेंस लेने में दिक्कतें न हो इसकी लिए ऑनलाईन प्रक्रिया अपनाई जा रही है। 2024 तक राज्य को क्षय रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ब्लड डोनेशन एवं संस्थागत प्रसव में उत्तराखण्ड श्रेष्ठ राज्यों में है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, प्रधानाचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना, औषधी नियंत्रक ताजबीर सिंह, प्रबंध निदेशक एकम्स ग्रुप संदीप जैन, आर.के.जैन एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।