राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने उत्तराखंड को दिया आयुष्मान उत्कृष्टता सम्मान-2022

आयुष्मान योजना के बेहतर संचालन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार-2022 से नवाजा गया। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की चौथी वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित आरोग्य मंथन-4 कार्यक्रम के अवसर पर केंद्रीय मंत्रालय की ओर से यह पुरस्कार दिया गया।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा उत्तराखंड में संचालित आयुष्मान योजना ने गत 4 वर्षों में कई उपलब्धियों को हासिल किया है। प्रदेश में अभी तक 48.50 लाख से अधिक कार्ड बनाए जा चुके हैं। सभी पात्र परिवार के शत- प्रतिशत कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा 5.70 लाख से अधिक बार मरीजों ने निशुल्क उपचार सुविधा का लाभ उठाया है। अस्पतालों के समय से पेमेंट भुगतान को लेकर भी उत्तराखंड देश में अव्वल रहा है। अब तक प्रदेश सरकार के आयुष्मान योजना की निशुल्क उपचार सुविधा पर ₹989 करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं। इसके अलावा योजना का दुरुपयोग ना हो उसके लिए भी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से ठोस कदम उठाए गए हैं।

खुशखबरीः 207 और बीमारियों का इलाज अटल आयुष्मान योजना से हो सकेगा

एक जनवरी से अटल आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड पर 207 अतिरिक्त बीमारियों का इलाज मुफ्त में हो सकेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना में 1350 बीमारियों के इलाज पैकेज को बढ़ाकर 1557 कर दिया है। उधर, केंद्र ने 275 बीमारियों के इलाज पैकेज की दरों में 10 से 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। ये दरें एक जनवरी से लागू होंगी।

अटल आयुष्मान योजना में पांच लाख का मुफ्त इलाज कराने के लिए अभी तक विभिन्न प्रकार की बीमारियों के हिसाब से 1350 इलाज के पैकेज निर्धारित किए गए थे। गोल्डन कार्ड धारक को इन्हीं पैकेज के अनुसार अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा थी। लेकिन अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना में 207 तरह की बीमारियों को योजना में शामिल कर 1557 पैकेज तय किए हैं।

नई बीमारियों के इलाज का पैकेज योजना के सिस्टम में अपलोड किया जा रहा है। वहीं, प्राधिकरण ने निजी अस्पतालों की आपत्ति के बाद 275 बीमारियों के इलाज पैकेज की दरों में बढ़ोतरी की है। इसमें बाईपास सर्जरी, ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी, गाल ब्लेडर में पथरी, पेसमेकर स्टेंट, घुटना प्रत्यारोपण समेत अन्य बीमारियों का इलाज शामिल है।

हालांकि बढ़ी हुईं दरों का मरीज पर किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। क्योंकि गोल्डन कार्ड पर मरीजों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज कराने की सुविधा है। इसका भुगतान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से किया जाता है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दिलीप कुमार कोटिया ने बताया कि कि जिन बीमारियों के इलाज पैकेज की दरें बढ़ाई गई हैं, वे एक जनवरी से लागू की जाएगी।