स्पीकर से मिले प्राथमिक शिक्षक, पुरानी पेंशन योजना लाभ देने की मांग की


प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2004 की विज्ञप्ति द्वारा नियोजित शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की मांग करते हुए स्पीकर प्रेमचंद्र अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों ने नई पेंशन योजना को कर्मचारियों के साथ धोखा बताते हुए विज्ञप्ति की शर्तों के अनुसार पुरानी पेंशन योजना के लाभ की मांग की है।

वर्ष 2004 में उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए बीएड प्रशिक्षितों को विशिष्ट बीटीसी के तहत प्राथमिक शिक्षकों के रूप में भर्ती के लिए समाचार पत्रों के माध्यम से विज्ञप्ति जारी की थी। विज्ञप्ति के अनुसार इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना था किंतु भर्ती प्रक्रिया में विलंब के कारण शिक्षकों की नियुक्ति के दौरान नई पेंशन योजना से आच्छादित कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि नई पेंशन योजना को लेकर देशभर के कर्मचारियों में नाराजगी है और कर्मचारी इसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करार देते आ रहे हैं। वर्ष 2004 की विज्ञप्ति मैं पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किए जाने की शर्त होने के बावजूद शिक्षकों को पेंशन का लाभ ना मिलने से शिक्षक अपनी नियुक्ति के दौरान से ही नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में आज प्राथमिक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल से ऋषिकेश में मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिक्षिका कंचन उनियाल ने बताया है कि एक ही विज्ञप्ति के द्वारा नियुक्त कुमाऊं मंडल के कुछ जनपदों में शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है जबकि राज्य भर में करीब 2300 शिक्षकों को इस लाभ से वंचित कर उन पर उनकी इच्छा के विरुद्ध नई पेंशन योजना थोप दी गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंता एवं तनाव में हैं।

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने शिक्षकों को नियमानुसार कार्यवाही का आश्वासन दिया है। ज्ञापन देने वाले शिक्षकों में मंजू रावत, प्रमोद रावत, संजय सिंह, दीवान सिंह आदि उपस्थित रहे।

पुरानी पेंशन बहाली, केन्द्र सरकार लेगी निर्णय

राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की सिफारिश की है। राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है। राज्य में 1 अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षक और कर्मचारी खुद को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों द्वारा आंदोलन भी चलाया जा रहा है। देश के अंदर राज्यों की भांति ही उत्तराखंड में भी यह आंदोलन लगातार तेजी पकड़ रहा है। विधानसभा के पिछले सत्र में कांग्रेस विधायकों ने भी नए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन का लाभ देने का मुद्दा उठाया था। हाल में पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन से जुड़े कर्मचारी नेताओं व अन्य संगठनों ने भी सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया था।
वहीं, सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारियों की यह काफी लंबे वक्त से डिमांड थी। फिलहाल, राज्य सरकार की ओर से सिफारिश की गई है। सिफारिश पर केंद्र की ओर से जो दिशा निर्देश होंगे, हमें उनका पालन करना होगा।
बता दें कि नई पेंशन योजना को लेकर देश के विभिन्न राज्यों समेत उत्तराखंड में भी विरोध हो रहा था। साथ ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही थी। फिलहाल, सरकार ने जोर पकड़ती पुरानी पेंशन योजना की मांग को थोड़ा विराम लगाया है। हालांकि, सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया है कि इस बारे में अगला फैसला केंद्र के इशारे पर ही लिया जाएगा। वहीं, इस मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत लोगों में एक उम्मीद जगी है।

पुरानी पेंशन योजना के लिए आवाज उठा रहे कार्मिकों को रावत का समर्थन

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से पुरानी पेंशन योजना के लिए आवाज उठा रहे कार्मिकों को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा और विधानसभा से बाहर रहकर भी कर्मचारियों के हिमायती हैं और पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने के पक्ष में हैं।
सोशल मीडिया में पुरानी पेंशन योजना के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री ने पोस्ट किया कि वर्ष 1999 में कर्मचारी अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे। भाजपा के चुनाव जीतने के बाद वाजपेयी सरकार ने पब्लिक सेक्टर की इकाइयों को निजी पूंजीपतियों को बेचना शुरू कर दिया। तात्कालिक पेंशन योजना के स्थान पर एक नई पेंशन योजना लेकर आए। आज केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी तड़प रहे हैं। रावत के मुताबिक 2019 में भी उन्होंने हल्द्वानी में एक सभा में कहा था कि मोदी के मोहनास्त्र में फंसकर हमें न नकारें। पूर्व सीएम हरीश रावत का ये भी कहना है कि वह लोकसभा और विधानसभा से बाहर रहकर भी कर्मचारियों के हिमायती हैं और पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने के पक्ष में खडे हैं।