डीजीपी के निर्देश, सभी पुलिसकर्मियों का होगा कोविड एंटीजन टेस्ट

ऋषिकेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की वीआईपी ड्यूटी में लगे सात पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों के कोविड एंटीजन टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना के मामले सामने आने लगे हैं। राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी और 12 अन्य विभागों के कार्मिक पॉजिटिव पाए गए। जिसके बाद डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि प्रदेश के सभी पुलिस कर्मियों के कोरोना टेस्ट कराए जाएंगे। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि कोरोना को देखते हुए सभी लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्य सरकार जो भी गाइड लाइन जारी करेगी उसे फॉलो किया जाएगा।
आपको बता दें डीजीपी अशोक कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सभी जनपद प्रभारियों एवं शाखा/इकाई प्रभारियों को उनके अधिनस्थ नियुक्त समस्त पुलिस कार्मिकों का रैपिड एन्टीजन टेस्ट कराये जाने के निर्देश दिए। जिससे पॉजिटिव पाए जाने वाले कार्मिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके। साथ ही अन्य कार्मिकों/परिजनों में संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और कोरोना संक्रमित क्षेत्रों का भी पता लगाया जा सके।

जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल में संक्रमित की मौत
कु़माऊं के जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल में भर्ती नैनीताल निवासी 70 वर्षीय एक कोविड संक्रमित मरीज की मौत हो गई। मरीज 15 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ अरुण जोशी के अनुसार, मरीज की भर्ती के समय से ही स्थिति गंभीर बनी हुई थी। निमोनिया, सांस व अन्य दिक्कतें भी थीं। अस्पताल में करीब तीन महीने बाद किसी की कोविड संक्रमित की मौत हुई है।

एफआरआई के सभी अधिकारी पूरी तरह स्वस्थ
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षण लेने आए बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों के कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा। जिलाधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अगुवाई में टीम ने रविवार को अकादमी में जाकर कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। एकेडमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी ने बताया कि फिलहाल सभी अधिकारी पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है। लिहाजा उनके बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी अधिकारियों को 12 मंगलवार तक उनके मूल कैडर वाले राज्यों में भेजने की इजाजत दे दी है। एडीशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी के मुताबिक सभी आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा।
बता दें कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में देश के सभी राज्यों के 48 आईएफएस अधिकारी मिड टर्म प्रशिक्षण के लिए आए थे। इन अधिकारियों को आईआईएम लखनऊ और नईदिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। लेकिन जब नईदिल्ली में अधिकारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया तो 11 अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसमें से तीन कोरोना संक्रमित अधिकारी तो नईदिल्ली से ही अपनी मूल कैडर वाले वाले राज्यों में भेज दिए गए थे। जबकि आठ अधिकारियों को देहरादून भेजकर अकादमी में क्वारेंटीन कर दिया गया था।

पांच पुलिस मुख्यालयों के उच्चीकरण किए जाने पर सीएम त्रिवेंद्र ने दी सहमति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित पुलिस वार्षिक सम्मेलन में प्रतिभाग किया। बैठक के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यां एवं भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गैरसैंण में इंडियन रिजर्व बटालियन की तीसरी यूनिट खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को मजबूती प्रदान करने के लिए इसका मॉर्डनाईजेशन अति आवश्यक है। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 05 पुलिस लाईनों के उच्चीकरण किए जाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एंटी ड्रग पॉलिसी लाए जाने की आवश्यकता है। ड्रग्स में अंकुश लगाते हुए जो क्षेत्र अभी इससे अछूते हैं, उन क्षेत्रों में इसे फैलने से रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए जनजागरूकता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र पुलिस कैडेट के लिए भी वर्दी की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने पैट्रॉलिंग बढ़ाने हेतु वाहनों की संख्या बढ़ाए जाने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा, दुर्घटना एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस विभाग को हैली सर्विस भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस को अपग्रेड करने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की बैठकें समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए। इससे पुलिस विभाग की चुनौतियों और समस्याओं को समझे जाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि अभी सबसे बड़ी चुनौती कुम्भ-2021 है। इसकी सफलता के लिए हमारा सिस्टम पूरी तरह से तैयार है। पुलिस विभाग के मॉर्डनाईजेशन के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। सीमिति संसाधनों के बावजूद कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में पुलिस विभाग एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्कर ने अतिमहत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

सचिव गृह नितेश झा ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने पिछले 20 वर्षों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए एक अच्छा मुकाम हासिल किया है। पुलिस विभाग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बहुत सी नियमावलियां बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध को रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसके लिए पुलिस सिस्टम को मॉर्डनाईज किया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जा रही है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में अनेक पहल की गयी हैं। समाज सुधार के क्षेत्र में ऑपरेशन मुक्ति जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप 717 भीख मांगने वाले बच्चों को विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया है एवं उनकी निगरानी भी की जा रही है। भीख मांगने वाले बच्चों के माता-पिता को जागरूक करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। क्राईम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम के क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड का देश में 5वाँ और पर्वतीय राज्यों में प्रथम स्थान है।

पुलिस उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि ऑपरेशन स्माईल के तहत पिछले 05 साल में 2300 बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारजनों से मिलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश, सी.पी.यू. के गठन के लिए वर्ष 2017 में एवं ई-सुरक्षा चक्र के लिए वर्ष 2018 में पुरस्कार प्राप्त कर चुका है, इसके साथ ही विगत 03 वर्षों में प्रदेश के 03 थानों ने देश के टॉप-10 थानों में अपना स्थान बनाया है।

इस अवसर पर सचिव राधिका झा, सौजन्या एवं निदेशक सतर्कता वी.विनय कुमार सहित पुलिस विभाग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।