मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट को नए साल में लगेंगे पंख

उत्तराखंड के लिए नया साल 2024 नई उम्मीदें लेकर आएगा। खासकर सड़क परिवहन को लेकर स्वीकृत और प्रस्तावित पांच बड़ी योजनाएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। इन योजनाओं को धरातल पर उतारने में धामी सरकार भी नए साल में संकल्पकृत हैं। खासकर पर्यटन के लिहाज से 4 बड़ी रिंग रोड और जाम से मुक्ति दिलाने वाले 6 रोड ओवर/अंडर ब्रिज योजनाओं के जमीन पर उतरने की उम्मीदें हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की कमान संभालते ही पर्यटन और तीर्थाटन को प्राथमिकता में रखा है। इनमें केदारखंड क्षेत्र के धामों और पर्यटन स्थलों को सड़क, पार्किंग, सुरक्षा कार्य, सौंदर्यीकरण आदि के रूप में संवारने का काम जारी है। जबकि मानसखंड में संवारने पर काम चल रहा है। बाबा केदारनाथ में 327 करोड़ के 47 बड़े काम में से 6 पूरे हो गए हैं। कुछ का पर कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। सभी कार्यों को सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बर्फबारी के बीच भी कई काम केदारनाथ में चल रहे हैं। इसी तरह भगवान बदरीनाथ धाम में 399 करोड़ से 32 कार्य किये जा रहे हैं। यहां अभी तक कुछ बड़े कार्य पूरे हो गए हैं। बाकी कार्य प्रगति पर हैं, जो अक्टूबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मानसखंड को भी देवभूमि के तीर्थाटन और पर्यटन की मुख्य धारा से जोड़ने की शुरुआत हो गई है। यहां मानस खण्ड मंदिर माला योजना के तहत प्रथम चरण में प्रसिद्ध 16 मंदिरों को जोड़ने वाली लगभग 500 किमी से ज्यादा दूरी के 20 मार्गों पर करीब एक हजार करोड़ खर्च प्रस्तावित हैं। योजनाओं पर काम शुरू हो गया हैं। यह कार्य भी नए साल में धरातल पर उतर जाएंगे। इससे देवभूमि में सुगम और सुरक्षित तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को पंख लगेंगे।

टिहरी झील किनारे बनेगी 234 किमी लंबी सड़क
उत्तराखंड में टिहरी झील के विकास को लेकर मुख्यमंत्री धामी खासे गंभीर हैं। यहां जलक्रीड़ा और साहसिक गतिविधियों के अलावा वर्षभर पर्यटन से जोड़ने की योजना है। इसके लिए देहरादून से सुरंग मार्ग भी प्रस्तावित है। जबकि मसूरी, धनोल्टी, ऋषिकेश, नरेंद्रनगर, चम्बा सर्किट पर भी काम चल रहा है। इन्हीं योजनाओं में महत्वपूर्ण टिहरी झील के चारों तरफ 234 किमी रिंग रोड निर्माण प्रस्तावित है। इस योजना को धामी सरकार में स्वीकृति मिलने के बाद प्रथम चरण में 152 करोड़ के आगणन पर कार्य चल रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर धामी सरकार प्रथामिकता के साथ काम कर रही है। इस योजना के बनने से टिहरी बांध झील वर्षभर पर्यटन गतिविधियों का केंद्र रहेगी।

जाममुक्ति को तीन शहरों में बनेगी रिंग रोड
राज्य में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राजधानी देहरादून, धर्मनगरी हरिद्वार और पर्यटन नगरी हल्द्वानी में रिंग रोड का निर्माण सरकार की प्रथामिकता में शामिल है। हल्द्वानी में रिंग रोड के प्रथम चरण के कार्यों की स्वीकृति मिल गई हैं। जल्द यहां कार्य शुरू होंगे। जबकि हरिद्वार और देहरादून रिंग रोड की एनएचएआई डीपीआर बनाने में कार्य कर रही है। इन तीन शहरों में लम्बे अरसे से रिंग रोड की जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन बजट और तकनीकी अड़चनें आने से योजनाएं परवान नहीं चढ़ पाई। लेकिन 2024 में इन योजनाओ के धरातल पर उतरने की उम्मीदें हैं।

राज्य में 6 रोड ओवर और अंडर ब्रिज बनेंगे
शहर में जाम और वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दून, हरिद्वार और हल्द्वानी में 6 रोड ओवर और अंडर ब्रिज सेतु बंधन योजना से स्वीकृत कराए हैं। इन ब्रिज के लिए भारत सरकार से 194 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं। लोनिवि के एचओडी दीपक यादव का कहना है कि नए साल में सभी ओवर और अंडर ब्रिज पर काम शुरू करने का लक्ष्य है। इनमें दून के धर्मपुर से हरिद्वार बायपास माता मंदिर रोड, हरिद्वार में ज्वालापुर से अम्बुवाला धनपुरा मार्ग, लक्सर में रुड़की से बालावाली मार्ग तथा नैनीताल में वनभूलपुरा से शनिबाजर मंडी गेट के बीच, गदरपुर से दिनेशपुर, मदकोटा से हल्द्वानी के बीच अंडर रोड ब्रिज बनेंगे। यह कार्य भी 2024 में धरातल पर दिखेंगे।

देवभूमि के केदारखण्ड और मानसखंड के विकास को लेकर सरकार काम कर रही है। तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिले, इसके लिए सड़क, पुल और जरूरी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। 2024 में राज्य के कई ड्रीम प्रोजेक्ट धरातल पर दिखेंगे। इसके लिए सरकार दिनरात काम कर रही है। सरकार लक्ष्य के साथ समय पर काम पूरा करने में जुटी हैं। रिंग रोड और ओवर ब्रिज बनने से सुगम परिवहन के साथ जाम से मुक्ति मिलेगी।
’’पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड’’

मुख्य सड़क पर पड़ने वाले धर्मकांटा में सीसीटीवी लगाने के निर्देश

राज्य में जीएसटी संग्रह बढ़ाने को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बैठक की। इस दौरान जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही बड़े जीएसटी स्टेक होल्डर्स को सम्मानित कर उसे प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए।
मंगलवार को रिंग रोड स्थित आयुक्त कर कार्यालय के मीटिंग हाल में बैठक आयोजित हुई। इसमें मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य का कर बढ़ाना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। इसके लिए विभागीय अधिकारी युद्ध स्तर पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य में कर चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने और ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराई जाए। इससे कर चोरी की घटनाओं को रोक पाना आसान होगा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि कुमायूं में कर चोरी की शिकायत मिल रही है। इसके लिए ऑडिट करें और ऐसे लोगों की पहचान कर कार्यवाही करें। कहा कि यदि कोई विभागीय अधिकारी की इसमें संलिप्तता भी पाई जाती है तो उनके विरुद कार्यवाही करने से गुरेज न करें।
व्यापारियों को जीएसटी की सही जानकारी मिल सके, इसके लिए सभी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करें, इस बैठक में निचले स्तर तक बात पहुंचाने की दिशा में काम करें। सम्भव हो तो बैठक में डीलर को भी बुलाया जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्य सड़क पर पड़ने वाले धर्मकांटा में सीसीटीवी लगाए, जिससे मालवाहक वाहनों की सही जानकारी मिल सके। कहा कि जीएसटी के जिस भी सेंटर से कम राजस्व प्राप्त हो रहा है उसकी निरंतर समीक्षा करें।
बैठक में डॉ अग्रवाल ने देश में सबसे पहले सर्विस चार्ज को लेकर जागरूकता फैलाने पर विभागीय अधिकारियों को बधाई दी। कहा कि जो लोग अब भी सर्विस चार्ज ले रहे हैं और उसे टर्न ओवर का पार्ट नहीं बना रहे हैं, उनकी पहचान की जाए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, विभागीय सचिव दिलीप जावलकर, आयुक्त कर इकबाल अहमद सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।