नगर में संस्कृत शोभायात्रा और तिरंगा यात्रा निकालीं

संस्कृत सप्ताह के समापन अवसर पर संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा संस्कृत छात्र सेवा समिति द्वारा नगर में एक भव्य संस्कृत शोभायात्रा एवं तिरंगा यात्रा निकाली गयी। जिसमें नगर के समस्त संस्कृत विद्यालयों के छात्र, प्रधानाचार्य, अध्यापक, संत महात्मा, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग सम्मिलित हुए।
यात्रा का शुभारंभ ऋषिकेश नारायण श्री भरत भगवान के मन्दिर से हुआ। यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए त्रिवेणी घाट पर समपन्न हुई। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल भरत मन्दिर के महन्त वत्सल प्रपन्नाचार्य, भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय शास्त्री, अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष गोपालाचार्य, जनार्दन आश्रम के प्रबंधक केशवस्वरूप ब्रह्मचारी, महन्त रवि प्रपन्नाचार्य, प्रदीप शर्मा, काली कमली के प्रबंधक स्वामी अच्युतानंद, पार्षद रीना शर्मा आदि ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारम्भ किया।
इस मौके पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव का क्षण है। जहाँ एक और हम सब मिलकर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं वहीं दूसरी और संस्कृत सप्ताह भी सम्पूर्ण देश में बडे हर्ष के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा संस्कृत प्राचीन काल से ही हमारे देश का गौरव रही है। संस्कृत के बल पर ही भारत को विश्व गुरु जैसी उपाधि प्राप्त थी। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सबको संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने वर्तमान में परिवारों में संस्कारों के आभाव पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत संस्कारों की जननी है। संस्कृत का संरक्षण-सम्वर्द्धन होगा तो संस्कृति भी मजबूत होगी और समाज संस्कारों कौ और मजबूती के साथ ग्रहण करेंगे।
महन्त वत्सल प्रपन्न शर्मा ने भी सभी को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि ये सभी का सामूहिक प्रयास अत्यन्त सराहनीय है। इससे संस्कृत भाषा के प्रति समाज में जागृति होगी। शोभायात्रा के शुभ अवसर पर प्रधानाचार्य डाँ. ओमप्रकाश पूर्वाल, डॉ. जनार्दन कैरवान, डॉ. गिरीश पाण्डेय, सुरेन्द्र दत्त भट्ट, विनायक भट्ट, आचार्य सुभाष चन्द्र डोभाल, सुशील नौटियाल, जितेन्द्र भट्ट, नरेन्द्र मैठाणी, डॉ. सुनील थपलियाल, डॉ. हर्षानंद उनियाल, डॉ. संदीप भट्ट, सूर्यप्रकाश रतूड़ी, सुबोध बमोला, संस्कृत छात्र सेवा समिति के संगठन मंत्री विकास कोठारी, निमाई चरण दास, प्रेम प्रकाश नवानी, नरेन्द्र सकलानी, अध्यक्ष सर्वेश तिवाडी, महामंत्री विनोद नौटियाल, कमल डिमरी, पुरुषोत्तम कोठारी, सूरज विजल्वाण, विपिन बहुगुणा, मनोज कुमार द्विवेदी सहित सभी संस्कृत विद्यालयों के अध्यापक एवं छात्र उपस्थित रहे।

संस्कृत सप्ताह के तहत शहर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा

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शोभायात्रा में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक
संस्कृत शोभायात्रा में भारत माता की झांकी आकर्षण का केंद्र
उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के तत्वावधान में संस्कृत सप्ताह के तहत शनिवार को शहर में शोभायात्रा निकाली गई। विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने शोभायात्रा के जरिये संस्कृत भाषा के विकास और संवर्द्धन का संदेश दिया। शोभायात्रा में भारतीय संस्कृति और सभ्यता की झलक देखने को मिली। भारत माता की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। संस्कृत में मंत्रोचारण, श्लोक और नारे गूंजते रहे।
पुराना रोडवेज बस अड्डा परिसर से शोभायात्रा का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारी द्वितीय राजभाषा है। इसके उत्थान और संवर्द्धन के लिए हम सभी को आगे आना होगा। संस्कृत शिक्षा के अपर सचिव विनोद रतूड़ी ने कहा कि संस्कृत विश्व की सभी भाषाओं में प्रमाणिक एवं शुद्ध है। संस्कृत आध्यात्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भाषा भी है। हम सबको प्रयास करना चाहिए कि संस्कृत आम जनमानस की भाष बने। आने वाला युग संस्कृत युग कहलाए। कहा कि सरकार संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए त्रिवेणीघाट पर संपन्न हुई।
इस अवसर पर नगर पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, सुरेश चरण बहुगुणा, कांग्रेस प्रदेश महामंत्री राजपाल खरोला, शक्तिधर बहुगुणा, हरीश गुरुरानी, सुनील थपलियाल, रामकृष्ण पोखरियाल, जनार्दन कैरवान, पुरुषोत्तम कोठारी, जितेंद्र भट्ट, सुभाष चंद्र डोभाल, विपिन बहुगुणा, मनोज शर्मा, डॉ. ओम प्रकाश पुर्वाल, सूरज बिजल्वाण, अभिषेक शर्मा, विनोद बिजल्वाण, कैलाश व्यास, किशोरी लाल रतूड़ी, देवेंद्र प्रसाद भट्ट, विशाल डंगवाल आदि उपस्थित रहे।

दो हजार बच्चों ने लिया हिस्सा
संस्कृत शोभायात्रा में 20 विद्यालयों के करीब दो हजार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। यात्रा में श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, हरिशचंद गुप्ता कॉलेज, दर्शन महाविद्यालय, नेपाली संस्कृत भाषा अकादमी, सरस्वती विद्या, शिशु मंदिर आदि स्कूलों के बच्चे शामिल हुए।