प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का सीएम ने किया आभार व्यक्त

केन्द्र सरकार ने उधमसिंह नगर के सितारगंज में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क (Integrated Aqua Park) की स्थापना की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्वीकृति दी है। कुल 44 करोड़ 50 लाख लागत की इस केन्द्र सहायतित योजना में केंद्र का अंशदान 40 करोड़ 05 लाख रुपए रहेगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की परियोजना मूल्यांकन समिति ( Project Appraisal Committee) द्वारा उधमसिंह नगर के सितारगंज में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क (Integrated Aqua Park) की स्थापना की संस्तुति दी गईं थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि इससे मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों व मत्स्यपालकों की आय में वृद्धि होगी।
एक्वा पार्क, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा लायी गयी एक अनूठी और अभिनव अवधारणा है, जहाँ विभिन्न मात्स्यिकी गतिविधियों को एक ही स्थान पर किया जाता है। ये मत्स्य पालको और सम्बन्धित हितधारको के लिए बहुत बढ़िया मंच प्रदान करने का कार्य करेगा। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य अन्तर्गत एक राज्य स्तरीय इण्टीग्रेटेड एक्वापार्क की स्थापना जनपद उधमसिंहनगर में की जा रही है।
एक्वापार्क के अन्तर्गत विभिन्न मात्स्यिकी विकास की गतिविधियो को जोड़ा जायेगा जिसमें 01-01 पंगेशियस एवं तिलैपिया हैचरी, बायोफ्लॉक यूनिट रीसर्कुलेशन यूनिट (आर०ए०एस०), ऑरनामेंटल फिशरीज हैचरी एवं रियरिंग यूनिट प्रसंस्करण यूनिट, प्रशिक्षण केन्द्र, इन्क्युबेशन सेन्टर, क्वांरटीन यूनिट आदि कार्य किये जायेगे ।
उक्त स्थापित किये जाने वाले एक्वापार्क से एक वर्ष में उत्तम गुणवत्तायुक्त 1.8 करोड मत्स्य बीज का उत्पादन 250 मेट्रिक टन मछलियों का उत्पादन 2800 टन मछलियो का प्रसंस्करण आदि कार्य किये जायेगे। एक्वापार्क की स्थापना होने पर प्रारम्भिक वर्ष में 5815 व्यक्ति / मत्स्य पालक जबकि योजना के दसवे वर्ष से प्रति वर्ष 10445 व्यक्तियो को लाभ मिलेगा।

कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति को सिडकुल जारी करे एनओसी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी के तहत संचालित करने संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश एमडी शूगर फेडरेशन को दिये हैं। इसके साथ ही सितारगंज के कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एन.ओ.सी निर्गत करने के लिये एम.डी सिडकुल को भी उन्होंने निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के भी निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

सितारगंज क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने क्षेत्रीय समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने तथा विनिवेशक को मिल परिसर में अनुपूरक इकाइयों की स्थापना आदि के सम्बन्ध में पूर्व में सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने के साथ पीपीपी की संभावनाओं पर यथा शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये समय सीमा भी तय करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में उन राज्यों की चीनी मिलों का भी अध्ययन किया जाय, जहाँ इस प्रकार की प्रक्रिया सफल रही हो। उन्होंने मिल बन्द होने से क्षेत्रीय गन्ना किसानों को गन्ना बिक्री में कोई कठिनाई न हो इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

इस सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक शूगर फेडरेशन चंदेश यादव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि चीनी मिल की विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एवं आरएफपी तैयार करने हेतु नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। उनके द्वारा आरएफपी तैयार कर उपलब्ध करा दी गई है जिसे नियोजन विभाग के परामर्श से प्री फिजिविलिटी रिपोर्ट तैयार करने हेतु निर्धारित शुल्क के साथ नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को भेजा गया है। उनके द्वारा 30 नवम्बर तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस सम्बन्ध में निर्देशानुसार कार्यवाही कर दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने सितारगंज की कैलाश नदी के खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एमडी सिडकुल को निर्देश देते हुए कहा कि नदियों की रीवर ट्रेडिंग से नदियों में एकत्र सामग्री की सफाई भी होती है। इससे सतह ऊंची होने से बरसात में नदी के बहाव से नदी क्षेत्रों को होने वाले नुकसान को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

बैठक में विधायक सौरभ बहुगुणा, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, एम.डी सिडकुल एस.ए. मुरूगेशन, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।