राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन देने का रास्ता साफ

राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों से इतर चिह्नित आंदोलनकारियों के आश्रित पति या पत्नी भी अब पेंशन के हकदार हो गए हैं।
यह पेंशन उन्हीं आश्रितों को मिलेगी, जिन आंदोलनकारियों की मृत्यु एक जून, 2016 से पहले हो चुकी है। उन्हें प्रतिमाह 4500 रुपये पेंशन देने का निर्णय लिया गया है। इन आश्रितों को अभी तक पेंशन के दायरे में नहीं लिया गया था।
अलग चिह्नित किए गए आंदोलनकारी, जिनकी मृत्यु एक जून, 2016 को पेंशन स्वीकृत होने का शासनादेश जारी होने से पहले हो चुकी है, उनके आश्रित पति या पत्नी को अब पेंशन मिलेगी। पहले यह आश्रित पेंशन 3100 रुपये प्रतिमाह थी। 17 दिसंबर, 2021 के शासनादेश में पेंशन राशि को बढ़ाकर प्रतिमाह 4500 रुपये किया गया है।

राज्य आंदोलन के संस्मरण सुनाते हुए भावुक हुए विधानसभा अध्यक्ष

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड राज्य निर्माण के आंदोलनकारीयों एवं शहीद हुए आंदोलनकारी के परिजन को पुष्पगुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण आंदोलनकारियों के संघर्ष के बल पर हुआ है।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी शहीद सूर्य प्रकाश थपलियाल की माता सत्यभामा थपलियाल, वरिष्ठ आंदोलनकारी सत्येश्वरी मनुड़ी, शकुंतला नेगी, गंभीर सिंह, विजय रावत, बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य संजय शास्त्री, जयंती नेगी को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शाल ओढ़ाकर एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस राज्य के निर्माण के लिए महिलाओं, पुरूषों एवं युवाओं का संघर्ष किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा है कि राज्य प्राप्ति के लिए अपने घर गृहस्थी के सारे काम निपटाने के बाद महिलाएं सड़कों पर उतरती थी और उत्तराखंड को अलग राज्य प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया।
विस अध्यक्ष ने कहा है कि राज्य आंदोलन कार्यों का सपना था कि पहाड़ी राज्य की राजधानी पहाड़ पर बने। उन्होंने कहा कि उनके विधान सभा अध्यक्ष के कार्यकाल में सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना कर आंदोलनकारियों का सम्मान करते हुए उनके सपनों को साकार करने का काम किया है।
विस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के लिए जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया है अब उनके सपनों को साकार करने का समय आ चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण को 21 वर्ष पूरे हो चुके हैं और 22 वें वर्ष में हम प्रवेश कर रहे हैं। अब उत्तराखंड अपने पैरों पर खड़ा हो चुका है, अब हमें विकास के नए नए आयाम स्थापित करने की आवश्यकता है।
विस अध्यक्ष ने राज्य निर्माण के दौरान चले आंदोलन के अनेक संस्मरण भी सुनाए जब मुजफ्फरनगर कांड की बात आई तो उनका गला भर आया। उन्होंने कहा है कि हमारे मातृशक्ति को अपमानित होना पड़ा परंतु उनके अपमान का बदला राज्य प्राप्त करके लिया। उन्होंने कहा कि अब हमें राज्य को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति को अपने निष्ठा व ईमानदारी के साथ इस राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का भी स्मरण किया है। उन्होंने कहा कि उन्हीं के प्रण से उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई है। बाजपेई ने उत्तराखंड राज्य बनाया है एवं प्रधानमंत्री मोदी जी उसको संवारने का काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा, प्रधान अनिल कुमार, अनीता तिवारी, जयंत किशोर शर्मा, रविंद्र राणा, शंभू पासवान, माधुरी गुप्ता, पूर्व प्रचारक चित्रमणि, जिला पंचायत सदस्य दिव्या बेलवाल, गौतम राणा, समां पवार, हेमलता चौहान सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

सरकारी अस्पतालों की तर्ज पर राजकीय मेडिकल कालेजों में भी मुफ्त उपचार-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार शहीदों के सपनों और राज्य आन्दोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ायेगी। जनता, सरकार के भाव को समझे। यह बात उन्होंने उत्तराखंड शहीद स्मारक रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य आन्दोलनकारियों के हित में कई घोषणायें कीं, जिनमें राज्य आन्दोलनकारियों को सरकारी अस्पतालों की तर्ज पर राजकीय मेडिकल कालेजों में मुफ्त उपचार उपलब्ध करवाने, उद्योग धंधों में राज्य आन्दोलकारियों और उनके परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने और विभिन्न विभागों में सेवारत राज्य आन्दोलनकारियों को हटाये जाने सम्बंधी मामले में ठोस पैरवी करना शामिल है।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उन शहीदों को नमन करता हूं जिनके सर्वाेच्च बलिदान की वजह से हमें उत्तराखंड राज्य मिला है। राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान खटीमा, मसूरी एवं मुजफ्फरनगर में लाखों आंदोलनकारियों ने भाग लिया जिसमें से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य का विकास शहीदों के सपनों के अनुरूप किया जाएगा। इसके लिए हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 सितम्बर 2021 को घोषणा की थी कि राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू की जायेगी, उसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। हमारी सरकार जो भी घोषणा करेगी उसको हर हाल में धरातल पर उतारा जायेगा। राज्य आंदोलनकारियों एवं शहीदों का सपना था कि युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े इसके लिए हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में यह फैसला लिया कि विभिन्न विभागों पर रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती निकालेंगे, जिनमें आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हर जिले में कैंप लगाए जा रहे हैं। इसक अलावा कोरोना से प्रभावित व्यवसायियों और स्वयं सहायता समूहों को क्रमशः 200 और 118 करोड़ के राहत पैकेज घोषित किये गये हैं जिनका पैसा प्रभावितों के खाते में आने लगा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई पहल करते हुए हमारी सरकार मरीजों को सरकारी अस्पतालों में 207 जांचें मुफ्त में करवाने की सुविधा दे रही है। कोरोना के कारण अनाथ और बेसहारा हुय बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय मंत्री एवं सांसद मुजफ्फरनगर संजीव बालियान, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, भाजपा उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मुजफ्फरनगर के विधायक प्रमोद उडवाल, राजेन्द्र अन्थवाल, प.. महावीर शर्मा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

ब्लू राइडर साइकिल क्लब हर वर्ष 2 अक्टूबर को कार्यक्रम का करेगा आयोजन

ब्लू राइडर साइकिल क्लब ऋषिकेश ने आज गांधी जयंती, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं उत्तराखंड अमर शहीदों की स्मृति में साइकिल रैली का आयोजन किया। रैली को ज्योति प्रकाश शर्मा, शैलेंद्र बिष्ट और अजय गर्ग ने हरी झंडी दिखाकर सुबह 6 बजे रवाना किया।
इसके बाद साइकिल रैली, अमित स्मारक से देहरादून रोड गोपाल कुटी पहुंची। जिसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीदों के चित्र पर फूलमाला चढ़ाकर सभी ब्लू राइडर सदस्यों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
साइकिल रैली का समापन त्रिवेणी घाट गांधी स्तंभ पर हुआ, जहां गंगा सभा के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा आदि द्वारा रैली स्वागत किया गया।
गांधी स्थल पर सभी ब्लू राइडर सदस्यों का सम्मान करते हुए जनप्रतिनिधि व एडवोकेट राकेश सिंह पार्षद एवं जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ने संयुक्त रुप से सभी साइकिल राइडरो को प्रशस्ति पत्र भेंट किए। सदस्यों ने मुजफ्फरनगर रामपुर में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया और समय-समय पर शहीदों की याद में ब्लू राइडर परिवार द्वारा कार्यक्रम का आयोजन करने की बात भी कही।
कार्यक्रम संयोजक मनोज सेठी, अब्दुल रहमान और संजय शर्मा की देखरेख में रैली संपन्न हुई। इस मौके पर ब्लू राइडर के सदस्य संजय गुप्ता, विजेंद्र रतूड़ी, भरत गुसाईं, अश्वनी व्यास, यशपाल चौहान, सुदेश शर्मा, सौरभ नैथानी, सुनील प्रभाकर, अशोक नेगी, कमलेश डगंवाल, पंकज बेजा, नटवर श्याम, सरदार बलवीर जसल, ललित सक्सेना, चंद्र सिंह नेगी, नवीन भट्ट, मनोज रावत, मुकेश जैन, मुकेश कृषाली, नरेंद्र कैनतुरा, चंद्र बल्लभ डिमरी, धीरज डोभाल, शेखर क्षेत्री, अतुल सरीन, दिनेश कोठारी, प्रिंस सक्सेना, राजीव लखेरा, अजय प्रजापति, राघव भटनागर, अमनदीप, विजय रावत, अमित उप्पल, नीरज अग्रवाल, नमित व्यास, प्रकाश डोभाल, नितिन राणा, गिरीश, विकास, गजेंद्र रावत, वीरेंद्र, महेश, राजीव आनंद, (9 साल के बच्चे आराध्य नैथानी, रूद्र, कृतार्थ, कृषाली,) आर्यन राजपूत, अमन सोहेल, अरब अग्रवाल, सारंग चौहान, रॉबिन कलूड़ा, अभिनव ब्यास, कुशाग्र राणा, सुजीत मंडल, नमन चतुर्वेदी, गौरव शर्मा, नीत अग्रवाल, गौरव अग्रवाल आदि भारी संख्या में ब्लू राइडर उपस्थित थे। रैली का संचालन जितेंद्र पाठी ने किया।
इस अवसर पर छोटे बच्चों ने भी बिना रुके पूरे रूट पर राइडरो के साथ पूरी साइकिल चलाई।

रामपुर तिराहे पर हुई अवमानना को कभी भुला नहीं जा सकता-प्रेमचन्द अग्रवाल

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी महिलाओं का पुष्प माला पहना कर सम्मान किया। इस अवसर पर विस अध्यक्ष ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण महिलाओं के संघर्ष के बल पर हुआ है। 2 अक्टूबर के दिन रामपुर तिराहे पर हुई अवमानना को कभी भुला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा है कि मैं स्वयं आंदोलनकारी रहा हूं परंतु वह ऐसी घटना थी जिससे हर व्यक्ति स्तब्ध था।
विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा है कि उस घटना के बाद संपूर्ण उत्तराखंड में आक्रोश की ज्वाला भड़की और परिणाम स्वरूप उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अब युवा अवस्था में पहुंच चुका है। उत्तराखंड राज्य का विकास हम सब लोगों के आशा व उम्मीदों पर टिका हुआ है। राज्य की प्रगति में समस्त उत्तराखंड वासियों को समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्यकता है।
विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा है कि यह समय संकल्प का समय है कि हम उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए निष्ठा पूर्वक कार्य कर इस प्रदेश की खुशहाली व तरक्की के लिए सामूहिक विकास पर आगे बढ़े।
राज्य आंदोलनकारी महिलाओं का सम्मान करते हुए कहा है कि यह सम्मान न केवल उन महिलाओं का है जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए संघर्ष किया बल्कि यह सम्मान उत्तराखंड की उन तमाम महिलाओं का है जो राज्य को आगे बढ़ाने के लिए दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रही है।
विस अध्यक्ष अग्रवाल ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों को भी नमन किया और कहा है कि हम शहीद आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की ओर अग्रसर है।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी कमला नेगी, शोभा चौहान, पुष्पा ध्यानी, पद्मा नैथानी, इंदु थपलियाल आदि महिलाओं का सम्मान किया गया। जबकि कार्यक्रम में पार्षद लव काम्बोज, चेतन चौहान, विजयलक्ष्मी शर्मा, राजेश कुमार, अरुण सिंह, रूपराम, जयंत कुमार आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।