क्या हुआ जब ग्रामीणों ने एसडीआरएफ टीम की मदद को किया मना

एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर सौंग नदी की बाढ़ से घिरे गौहरीमाफी के परिवारों को जरूरी सामान उपलब्ध कराया है। मगर, चाहे शासन हो या प्रशासन दोनों की यहां की समस्या का निदान करने में विफल साबित हो रहे है। यहां अभी तक बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में शायद कुछ दिन और लग सकते है।
क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू अभियान चलाये हुये है। सोमवार को भी टीम को संसाधन जुटाने में पांच घण्टे से अधिक का समय लग गया। जिससे लोगों आक्रोशित होने लगे। इस दौरान रेस्क्यू कर लाया जा रहा एक युवक पानी की लहरों में गोता खा गया। हालांकि टीम ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन इससे ग्रामीण भड़क उठे। गुस्साए लोगों ने प्रशासन पर उनकी जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।

कुछ लोगों ने एसडीआरएफ की रैपिड की रस्सियां काट दी। हंगामा बढ़ता देख एडीआरएम वित्त वीएस बुदियाल और एसडीएम हरगिरि ने किसी तरह लोगों को समझाया। वहीं ग्रामीणों ने रैपिड में बैठने से मना कर दिया। इसके बाद रेस्क्यू रोक दिया गया। वहीं निर्देश के बाद भी रायवाला प्राथमिक केंद्र से चिकित्सक क मौके पर नहीं आए। हैंडपंप से दूषित पानी निकलने की वजह से संक्रामक व जल जनित रोगों के फैलने का खतरा बढ़ रहा है। दोपहर बाद फिर से रेस्क्यू शुरू किया गया।

एसडीएम हरगिरि ने बताया कि जिन घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है वहां से लोगों को आनंदमयी स्कूल में बने राहत कैंप में लाया गया है। गांव में रसद, रसोई गैस व् अन्य जरुरी सामग्री पहुंचाने का काम मंगलवार से शुरू किया जाएगा। जरुरी सामग्री मंगा ली गयी है, वितरण के लिए और सूची बनाने का काम चल रहा है।