मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सचिवालय व विधानसभा में प्रवेश हेतु आगन्तुकों के लिए ई-गेट पास सिस्टम का शुभारम्भ किया। सचिवालय व विधानसभा में वर्तमान पास व्यवस्था के साथ-साथ ई-पास व्यवस्था लागू की गयी है। यह स्वचालित व्यवस्था है। आगन्तुकों, कर्मचारियों तथा कार के लिए किसी भी स्थान तथा किसी भी समय गेट पास बनाया जा सकता है। ई-पास व्यवस्था हेतु पूर्व-पंजीकरण करवाया जा सकता है। इससे बाहर से आने वाले आगन्तुकों की पहचान आसानी से हो सकेगी। इससे गेट पास में शुद्धता, ज्यादा साफ फोटाग्राफ तथा एमआईएस रिर्कोडिग सुनिश्चित होगी।
ई-पास व्यवस्था की प्रक्रिया
ई-पास व्यवस्था हेतु आगन्तुक अपने तथा अपने वाहन के लिए सम्बन्धित अधिकारी से निर्धारित तिथि पर मिलने के लिए गेट पास हेतु मळंजमचंेे.नाण्पद पर ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
एक बार आगन्तुक द्वारा गेटपास हेतु आवेदन करने पर एप्लीकेशन द्वारा सम्बन्धित कार्यालय को स्वीकार-अस्वीकार करने हेतु भेजा जायेगा। एक बार आवेदन स्वीकार होने पर आगन्तुक को उनके उनके मोबाइल एवं ई-मेल पर एक ओटीपी भेजा जायेगा। आगन्तुक ओटीपी भरकर गेटपास के बूथ पर गेटपास प्रिंट कर सकता है। आगन्तुक गेटपास एप पर भी गेटपास हेतु आवेदन कर सकता है।
निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने बताया कि ई-पास सिस्टम के सम्बन्ध में आईटीडीए के माध्यम से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है तथा गेट पास बूथ से गेट पास हेतु कम्प्यूटर भी स्थापित कर दिया गया है। जिसका संचालन सुरक्षा कर्मिकों के द्वारा किया जा रहा है। साथ ही ई-गेट पास सुविधा के सम्बन्ध आईटीडीए के माध्यम से सचिवालय व विधानसभा में तैनात 92 निजी सचिवों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।