बिहार विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने वाले जेडीयू नेता खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी किया है। मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया है।
बिहार विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने वाले जेडीयू नेता खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने अब ऐसा करने पर माफी मांग ली है। नारा लगाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग उनसे नाराज थे। इमारत-ए-शरिया ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया था। फतवा जारी होने पर फिरोज ने हालांकि कहा था कि वह इससे डरने वाले नहीं।
हालांकि, अब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री फिरोज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने माफी मांग ली है। उन्होंने कहा, ‘जो इससे आहत हुए हैं मैं उनसे माफी मांगता हूं। मैंने किसी को भला-बुरा नहीं कहा है। किसी ने नहीं पूछा कि मेरे मन में क्या है।’ इससे पहले फतवा जारी होने पर फिरोज ने कहा था, ‘भगवान ही जानता है कि मैंने किस इरादे से ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। मेरा काम ही बताएगा कि मैं कौन हूं। मैं इमारत-ए-शरिया की काफी इज्जत करता हूं, लेकिन उन्हें फतवा जारी करने से पहले मेरे इरादों को समझना चाहिए था, आखिर मैं क्यों डरूं?’
बता दें कि जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के शुक्रवार को विश्वास मत जीत लेने के बाद फिरोज ने विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। उन्होंने कहा था, ‘अगर जय श्रीराम का नारा लगाने से बिहार की 10 करोड़ जनता का फायदा होता है, तो मैं सुबह-शाम जय श्रीराम कहूंगा, हमारे इस्लाम में नफरत करने की कोई जगह नहीं है, इस्लाम की बुनियाद मोहब्बत और प्रेम का होता है। मैं रहीम के साथ राम को भी पूजता हूं, खुदा आत्मा में बसते हैं।’