कोषाध्यक्ष पद पर सर्वाधिक 30 छात्रों ने नोटा का प्रयोग किया
डोईवाला।
अब छात्र राजनीति में भी नोटा का विकल्प कई प्रत्याशियों के समीकरण बदल सकता है। डोईवाला डिग्री कॉलेज में हुए छात्रसंघ चुनाव में इसके संकेत दिखे हैं। यहां पहली दफा छात्रसंघ चुनाव में नोट का प्रयोग हुआ। इसमें छह फीसदी छात्रों ने सभी प्रत्याशियों को नकारते हुए नोट का विकल्प चुना।
पहली बार नोट का विकल्प मिलने पर युवा मतदाताओं ने इसका खुलकर प्रयोग किया है। डोईवाला डिग्री कॉकेज के छात्रसंघ चुनाव में 71 मतदाताओं ने नोटा के कॉलम में मुहर लगाई। इसका मतलब है कि मतदाताओं ने संबधित पद के लिए किसी को योग्य नही ठहराया। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या राजनीतिक पार्टियों के बढ़ते दखल और छात्र राजनीति में सुधार के लिए नोटा कारगार साबित हो पाएगा। चुनाव सुधार कार्यक्रम के तहत जब मतदाता प्रत्याशियों में किसी को भी योग्य नहीं मानता है तो नोटा का प्रयोग करता है। यह अभिव्यक्ति की आजादी के तहत मतदाता को दिया गया अधिकार है। पहली बार में ही छात्रसंघ चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में नोटा का इस्तेमाल होने को राजनीति के जानकारी बदलाव का संकेत मान रहे हैं। कहा कि इससे छात्र राजनीतिक में बदलाव आ सकता है। देखना यह होगा कि इससे छात्र राजनीति में कितना सुधार आता है।