केंद्रीय वन मंत्री के साथ सीएम ने किया राजाजी नेशनल पार्क का भ्रमण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव एवं प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को मोतीचूर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क का भ्रमण किया। इस अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से लाई गई एक बाघिन को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर वन क्षेत्र में बाड़े से छोड़ा गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क का यह क्षेत्र पर्यटन हब बने, लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने आएं, इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आज राजाजी नेशनल पार्क के मोतीचूर रेंज में एक बाघिन को छोड़ा गया है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाए रखने एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा उपस्थित थे।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से नई दिल्ली में भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से 04 नदियों गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियाँ इस सत्र के अन्त तक अर्थात 31 मई, 2023 तक वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत शीघ्र विस्तार किए जाने एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने के लिए अनुरोध किया। वन मंत्री ने इस अनुरोध पर शीघ्र ही उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय नदियों में मानसून के दौरान जमा उपखनिज (आरबीएम) को बाढ़ नियंत्रण एवं नदी किनारों पर स्थित वन एवं कृषि भूमि की सुरक्षा करने, आपदा प्रबन्धन के निवारणात्मक उद्देश्यों को पूरा करने, नदी तल के ऊपर उठने पर नियंत्रण पाने और आम जनता व विशेष रूप से किसानों के नदी तटीय अधिकारों (त्पचंतपंद त्पहीजे) के संरक्षण करने हेतु हटाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इन नदियों से आर०बी०एम० की उपलब्धता सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक व सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार जैसे अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहत जरूरी है जो लगभग 50000 स्थानीय और प्रवासी श्रमिकों को सार्थक रोजगार भी प्रदान करता है। वर्तमान में भी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा उपरोक्त 04 नदियों की वन स्वीकृति को 28 फरवरी, 2023 तक बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से इन 04 नदियों गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियाँ इस सत्र के अन्त तक अर्थात 31 मई, 2023 तक वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत शीघ्र विस्तार किए जाने एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने का अनुरोध किया।