सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने सीएम के लिए आयोजित कराई पूजा

प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके सहयोगी स्टाफ भी चिंतित है। उनके बेहद करीबी माने जाने वाले सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत ने उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए महामृत्युंजय का पूजन और हवन कराया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के कोरोना पाॅजीटिव आने के बाद उनका दून चिकित्सालय से इलाज चल रहा था। उन्हें हल्के बुखार और खांसी के चलते निमोनिया की शिकायत को देखते हुए एतिहातन एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जहां उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार आ रहा है। उनके सहयोगी स्टाफ में सोशल मीडिया का बेहतर प्रबंध देख रहे सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत उनके स्वास्थ्य को लेकर खासे चिंतित रहे। जब से उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया है तब से नितिन रावत महामृत्युंजय का जाप करवा रहे थे। अब मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य में सुधार आने और जल्द ही एम्स से छुट्टी मिलने की खबर ने सभी को राहत प्रदान की है। नितिन रावत ने महामृत्युंजय का जप पूरा कराने के बाद हवन कर आज पूजन कार्य को सम्पन्न कराया।
बता दें कि नितिन रावत युवा होने के साथ ही मुख्यमंत्री की टीम में बेहद विश्वसनीय माने जाते है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने उनके कार्य की कई बार प्रशंसा कर उनसे कई सहयोगियों को सीख लेने की नसीहत भी दी है। नितिन रावत का कार्य ग्राउंड लेवल का कार्य काना जाता है।

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सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत ने बताया कि पंडित देवेंद्र प्रसाद भट्ट एवं उनके साथियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वास्थ्य को लेकर उनसे मुलाकात की थी। जिसके बाद महामृत्युंजय का पूजन और हवन का कार्यक्रम तय किया गया। जिसके बाद रानीपोखरी भोगपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बागेश्वर महादेव के समक्ष महामृत्युंजय यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री के स्वस्थ व उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए मनोकामना की गई।

कोविड डेथ रेट को कम करने के विशेष प्रयास करें मंडलायुक्त व जिलाधिकारीः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से कोविड वेक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये प्राथमिकतायें निर्धारित करते हुए वेक्सिनेशन सेन्टरों के चिन्हीकरण एवं आवश्यक उपकरणों के साथ ही मैन पॉवर की उपलब्धता का पूरा प्लान समय पर सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने स्कूलों के बजाय अस्पतालों एवं उसके आस पास क्षेत्रों में वेक्सिनेशन सेन्टर स्थापित करने को कहा है।

मुख्यमंत्री आवास में मण्डलायुक्तों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोविड 19 के बचाव से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये है कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी लैब में प्रतिदिन हो रहे टेस्टो एंव उनकी क्षमता आदि का पूरा विवरण उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाए। कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, किसी अन्य रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पताल में पहुंचने या अन्य किस कारण से हो रही है, इसका पूरा विश्लेषण किया जाए। किसी भी कोविड के मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाना है, तो इसमें बिल्कुल भी विलम्ब न किया जाए। रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाए। आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए। यदि व्यक्ति सिम्पटोमैटिक है, तो उनका शत प्रतिशत आरटीपीसीआर हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर व पर्वतीय क्षेत्रों में 48 घण्टे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाए। कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कन्ट्रोल रूम एवं ट्रोल फ्री नम्बर पर कॉल करें। जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाए। कोविड के लक्षण पाये जाने पर भी यदि कोई टेस्ट कराने के लिए मना कर रहें है, तो ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाए। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है, तब तक पूरी सर्तकता बरती जाए।

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए अस्पतालों की नियमित रूप से मोनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी हेल्थ वर्करों को भी मोटिवेट करने पर ध्यान देने के साथ ही प्रदेश में टेस्टिंग के लिये पूरी क्षमता का उपयोग किये जाने पर ध्यान देने को कहा।

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने अपने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में कोविड के प्रभाव, उसके रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में टेस्टिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही वेक्सिनेशन प्लान आवश्यक तकनीकि कार्मिकों वैक्सीन सेन्टरों की स्थापना आदि का पूरा प्लान तैयार करने को कहा ताकि जनवरी के प्रथम सप्ताह में यदि वैक्सीन उपलब्ध हो जाती है तो निर्धारित मानकों के अनुरूप तद्नुसार त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।