जनपदों की कम उपलब्धि पर ठोस कार्य योजना बनाने के दिये निर्देश

सचिवालय सभागार में पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति को देखते हुए जिन जनपदों की उपलब्धि कम है वह ठोस रणनीति के तहत तेज गति से कार्य कर लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य पूरा करने में कोई समस्या हो तो उच्चाधिकारियों अथवा उनके संज्ञान में लाये ताकि उसका निराकरण किया जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों से 15 मार्च तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए तथा 15 मार्च को पुनः समीक्षा बैठक बुलाने के निर्देश सचिव पंचायती राज हरबंस सिंह चुघ को दिए तथा अधिकारियों से पूर्ण प्रगति के साथ आगामी बैठक में स्वयं प्रतिभाग करने के निर्देश दिए।
उन्हांने पंचायती विभाग की जनपदों में अवस्थित संपत्तियों का ब्यौरा भी एक सप्ताह में निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा सम्पत्ति से होने वाली आय का भी ब्यौरा भेजने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि पंचायती विभाग की लाखों की संपत्ति जनपदों में है किन्तु उसकी विभाग द्वारा पर्याप्त देखरेख के अभाव में अपेक्षाकृत कम आय हो रही है।
उन्होंने ग्राम्य पंचायती के सुदृढ़ीकरण हेतु ग्राम पंचायत अधिकारियों के पद आवश्यकतानुसार बढ़ाने के लिए नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने निदेशक एच.सी.सेमवाल को निर्देशित किया कि नियमावली में पहाड़ों में भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप पदों को आवश्यकतानुसार बढ़ाने तथा मैदानी क्षेत्रों में जनसंख्या के आधार पर गा्रम पंचायत राज अधिकारी के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव को नियमावली में लाया जाए। उन्होंने प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए तथा गांव पंचायतों में चल रहे विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों में दोहरापन (डुप्लीकेसी) रोकने के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने जिला पंचायत अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान तथा लोकल गवरमेंट निर्देशिनी समयबद्व कार्यक्रम में तैयार करने के निर्देश दिए। पंचायती राज मंत्री ने ग्राम पंचायत में संचालित कार्यक्रमों में शत् प्रतिशत भुगतान डी.बी.टी. प्रणाली से करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री द्वारा पंचायत भवन के निर्माण, मरम्मत, कॉमन सर्विस सेंटर की वित्तीय एवं भौतिक समीक्षा की गई। उन्होंने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से अबतक वर्षवार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपदों के जिला पंचायत अधिकारियों से जनपदवार की। उन्होंने जनपदों में अबतक प्रिआ सॉफ्ट प्रणाली से की जा रही ग्राम पंचायतवार कार्यवाही की समीक्षा भी की। मंत्री ने सी.एम. डैशबोर्ड एवं सी.एम. हैल्पलाईन की अद्यतन प्रगति की भी जनपदवार समीक्षा की।

जरुरत मंद को उचित समय में न्याय दिलाना प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सीएम डेशबोर्ड पर केपीआई के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिसूचित सेवाएं ऑनलाईन भी उपलब्ध होनी चाहिए। ई-डिस्ट्रिक्ट में वर्तमान की सेवाओं के साथ ही अन्य सेवाओं को भी शामिल किया जाए। जो जिला इसमें बेहतर प्रदर्शन करेगा, उसे पुरस्कृत किया जाएगा। विभागों को डिजी-लॉकर से जोड़ने के लिए सचिव समिति द्वारा विचार किया जाए। एक ही एप्प के अंतर्गत सभी सुविधाएं उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में सेवाएं निर्धारित समय में दी जा रही है या नहीं, इसके लिए सतत मॉनिटरिंग की जाए। सीएम हेल्पलाईन पर वर्तमान में प्रातः 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक संचालित की जा रही है। रात्रि 10 बजे से सुबह 8 बजे तक जो भी कॉल आती हैं, उनकी रिकार्डिंग की व्यवस्था की जाए और उन्हें संबंधित अधिकारियों को अग्रसारित किया जाए। सीएम हेल्पलाईन में सभी स्तरों के अधिकारियों की परफोरमेंस वेल्युशन किया जाए। लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए। प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक डिजीटल विलेज के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। ताकि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें।
बैठक में बताया गया कि स्टेट डाटा सेंटर के अंतर्गत वर्तमान में 12 विभाग जुड़े हैं। स्वान से 1474 कार्यालय जुड़ चुके हैं, मार्च 2020 तक 164 कार्यालय और जोड़ दिए जाएंगे। इन्वेस्टर्स समिट के बाद आईटी में 2286 करोड़ रूपए की ग्राउंडिंग हो चुकी है। सीएम डेशबोर्ड से 33 विभाग जुड़े हैं। पीएमजी-दिशा में युवाओं को डिजीटल साक्षरता की ट्रेनिंग दी जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेंद्र सिंह, सचिव आरके सुधांशु, राधिका झा, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, अपर सचिव चंद्रेश यादव, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

शिकायत मिलने के एक सप्ताह में कुछ न करने पर होगी कार्यवाही

जो अधिकारी सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत प्राप्त होने के एक सप्ताह में कोई भी कार्यवाही नहीं करते हैं और बिना समाधान के शिकायत अगले स्तर पर चली जाती है तो ऐसे लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध शासकीय कार्यवाही की जाएगी। शिकायत निस्तारण की केवल खानापूर्ति करने या गलत तरीके से निस्तारण करने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर सीएम हेल्प लाईन पर प्राप्त जन शिकायतों व जन समस्याओं पर समयबद्ध रूप से कार्यवाही कर रिपोर्ट सीएम हेल्पलाईन पर ऑनलाईन अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सीएम हेल्पलाईन पर एल-3 एल-4 स्तर के अधिकारी, शिकायतों को फोर्स क्लोज या स्पेशल क्लोज तभी करें जब बहुत आवश्यक हो, विभागीय कार्यवाही की जा चुकी हो और शिकायतकर्ता से अधिकारियों और कॉल सेंटर द्वारा सम्पर्क किया जा चुका हो। मांग जैसी प्रतीत होने वाली शिकायतों को फोर्स क्लोज करने की बजाय मांग के रूप में परिवर्तित किया जाए, जिसे भविष्य में आवश्यकतानुसार घोषणाओं के लिए चिन्हित या सम्मिलित किया जा सके।
अधिकारियों की सुविधा के लिए सीएम हेल्पलाईन एप भी उपलब्ध है। कम्प्यूटर के अतिरिक्त स्मार्ट फोन पर भी सीएम हेल्पलाईन एप पर लॉगइन कर सकते हैं। प्रत्येक माह सभी एल 1, एल 2, एल 3 व एल 4 स्तर के अधिकारियों का शिकायतों के निस्तारण के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। हर महीने मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा बैठक की जाएगी।