बिना पंजीकरण के राज्य में नही मिलेगा प्रवेश

गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से अनलॉक-4 की गाइडलाइन जारी होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश में आने वाले लोगों की प्रति दिन 2000 लोगों की सीमा का प्रतिबंध हटा दिया है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी की वेबसाइट http://dsclservices-org-in/apply-php पर पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्यों को केंद्र की अनुमति के बिना कंटेनमेंट जोन से बाहर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं होगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रति 2000 लोगों को ही आने की अनुमति थी। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को अतिरिक्त 50 पास जारी करने को कहा गया था। 
केंद्र की एसओपी के जारी होने के तुरंत बाद ही आपदा प्रबंधन एंव पुनर्वास विभाग के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने दो अलग-अलग आदेश जारी किए। पहले आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया कि प्रदेश में आने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर कोई रोकटोक नहीं होगी। दूसरे आदेश में यह जोर देकर कहा गया कि राज्य में बाहर से आने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। खास बात यह भी है कि बॉर्डर चेक पोस्ट पर पंजीकरण दस्तावेज दिखाने की शर्त को नहीं हटाया गया है। इसी के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अधिकृत लैब से ही कराना होगा। 
इस आदेश को जारी करते हुए प्रदेश सरकार ने चार अगस्त को जारी गाइडलाइन को अतिक्रमित नहीं किया है। चार अगस्त की गाइडलाइन के दो प्रावधानों को ही छेड़ा है। ऐसे में कोविड लोड वाले शहरों से आने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। इसी तरह से क्वारंटीन होने के पहले के नियम ही प्रभावी माने जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले ही राज्यों से कहा था कि स्थानीय स्तर पर आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त करें। संक्रमण को बढ़ता देखते हुए प्रदेश सरकार दो हजार का प्रतिबंध हटाने के पक्ष में नहीं थी। 22 अगस्त के केंद्र सरकार के पत्र ने इस स्थिति का बदल दिया। अनलॉक-4 गाइडलाइन में एमएचए ने स्पष्ट कहा कि कोई स्थानीय प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि गृह मंत्रालय की गाइडलाइन भी प्रदेश में पूरी तरह से लागू होगी। उसी के अनुरूप यह फैसला भी किया गया है। पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और इसके पीछे कारण यह है कि प्रदेश में बाहर से आने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो आसानी से संपर्कों की तलाश की जा सके। दो हजार की सीमा खत्म कर दी गई है। एमएचए की गाइड लाइन के अनुरूप ही यह नियम लागू होंगे।
 

बिना मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन नही करने पर दो बसे सीज

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश के रायवाला थानाक्षेत्र में अवैध तरीके से 70 और 69 सवारियों को लेकर आ रही यूपी नंबर की दो बसों को सीज किया है। साथ ही दोनों बस के मालिक और चालकों पर मुकदमा भी दर्ज किया है।
थानाध्यक्ष रायवाला हेमंत खंडूरी ने बताया कि सप्त ऋषि बैरियर पर चेकिंग के दौरान मंगलवार को बस संख्या यूपी53ईटी-9901 और यूपी95टी-4135 को रोककर जांचा गया। जांच के दौरान बस के अंदर सामाजिक दूरी का उल्लंघन मिला, अधिकांश यात्री बिना मास्क के बैठे मिले। थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों बसे देहरादून आ रही थी। दोनों ही बसों में 32-32 यात्रियों के बैठने की अनुमति हैं, मगर, बस में 70 और 69 यात्री भरे हुए मिले। बताया कि बस चालक पर सक्षम अधिकारी द्वारा निर्मित पास भी नहीं मिला।
थानाध्यक्ष ने यूपी53ईटी-9901 बस के चालक जयराम पुत्र भगरासन निवासी ग्राम कहला थाना बढ़ोली जिला गोपालगंज बिहार एवं वाहन स्वामी अभिषेक निवासी गोरखपुर उत्तर प्रदेश तथा बस संख्या यूपी95टी-4135 के चालक अजय पाण्डे पुत्र चन्द्रिका पाण्डे निवासी ग्राम तेलियां बसोली थाना बसंतपुर जिला सीवान बिहार एवं वाहन स्वामी केसी जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही दोनों बसों को सीज किया है।