निगम को निराश्रित पशुओं के लिये मिला स्थाई ठिकाना, प्रेस वार्ता कर मेयर ने दी जानकारी

लगातार प्रयासों के बाद नगर निगम को निराश्रित पशुओं के लिए स्थायी ठिकाने की जगह मिल गई है। राजस्व विभाग ने निगम को ग्रामसभा रायवाला में 13 बीघा भूमि आवंटित कर दी है। इसी जमीन पर जल्द ही गोशाला, नंदीशाला और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी।

नगर निगम कार्यालय में शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान मेयर शंभू पासवान ने यह जानकारी दी। बताया कि निगम प्रशासन बीते लंबे समय से भूमि आवंटन के लिए प्रयासरत था। पहले राजस्व विभाग की ओर से भूमि आवंटन के बदले चार करोड़ रुपये की मांग की गई थी, लेकिन निगम के सीमित बजट को देखते हुए निःशुल्क भूमि देने का आग्रह किया गया था। अब राजस्व विभाग ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल ने बताया कि आवंटित भूमि पर सबसे पहले सुरक्षा दीवार के निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद गोशाला, नंदीशाला और एबीसी सेंटर के निर्माण के लिए शासन से बजट स्वीकृति के लिए एस्टिमेट भेजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले छह महीने मेंयह सभी कार्य पूर्ण हो जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूरा पर निराश्रित पशुओं को चारापानी और सुरक्षित आश्रय मिलेगा, बल्कि शहरवासियों को भी सड़कों पर घूमने वाले पशुओं से निजात मिलेगी। बैठक में सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

उत्तराखंडः धरातल पर दिखाई दे रहा महिला सशक्तिकरण को समर्पित प्रोजेक्ट ऑटोमेटेड पार्किंग

देहरादून शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट ऑटोमेटेड पार्किंग का कार्य पूर्ण ही गया है तथा इसका कोरोनेशन तथा परेड ग्राउंड में पार्किंग का संचालन भी शुरू हो गया है । जल्द ही यह पार्किंग मुख्यमंत्री द्वारा विधिवत रूप से जनमानस को समर्पित की जाएंगी।
यह राज्य की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित प्रथम पार्किंग है। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित इस पार्किंग को जिला प्रशासन द्वारा अनुदान दिया जाएगा। शहर के तीन स्थानों पर बनाई गई इन ऑटोमेटेड पार्किंग की परेड ग्राउंड पर 96, तिब्बती मार्केट पर 132 ,तथा कोरोनेशन चिकित्सालय में 18 वाहन क्षमता वाली इस पार्किंग में परेड ग्राउंड तथा कोरोनेशन में स्वसंचालन शुरू हो गया है जिसे विधिवत रूप से जनमानस को समर्पित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश व जिलाधिकारी सविन बंसल के सतत प्रयासों से जनपद देहरादून अंतर्गत आधुनिक सुविधायुक्त आटोमेटेड पार्किंग निर्माण कार्य पूर्ण। जिलाधिकारी के अभिनव पहल से एक ओर जहाँ कोरोनेशन अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ अब भौतिक ढांचे को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है, जिससे शहर की चिकित्सा व्यवस्था और अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगी। वहीं शहर के बढ़ती ट्रैफिक के दृष्टिगत शहर में व्यवस्थित रूप से पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने में डीएम का प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। आधुनिकता की दौड़ में ऑटोमेटेड पार्किंग आवश्यकता अनुसार कम स्थान पर निर्मित हो जाती है जिसे भविष्य में एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। जहां एक ओर सड़कों पर यातायात का बहुत अधिक दबाव है वही पर्याप्त पार्किंग न होने की वजह से शहर वासी वह पर्यटक नो पार्किंग जोन में वाहन पार्क करने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन का यह प्रयास शहर की यातायात व्यवस्था पर दबाव कम करने को एक उम्मीद की किरण के तौर पर देखा जा रहा है यदि यह सफल रहा वह भविष्य में शहर में कई स्थानों पर इस प्रकार की पार्किंग नजर आएँगी। यह इस पार्किंग की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे जरूरत के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी शिफ्ट किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से नए जीएसटी स्लैब के बारे में सुझाव व फीडबैक लिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून स्थित गढ़ी कैंट बाज़ार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों और आमजन से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से नए जी.एस.टी. स्लैब के बारे में सुझाव व फीडबैक लिया तथा उनसे आम जनता को घटे हुए जी.एस.टी. दरों की जानकारी देने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनता को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं पर जी.एस.टी. दरों में कमी की है। “नेक्स्ट जनरेशन जी.एस.टी” के रूप में शुरू की गई यह पहल जनता को राहत देने के साथ ही व्यापार और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों से संवाद कर कहा कि स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना हर नागरिक का कर्तव्य है। स्वदेशी को प्राथमिकता देने से हमारे किसान, कारीगर और छोटे व्यापारी सशक्त होंगे। इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां के स्थानीय उत्पाद देशभर में अपनी अलग पहचान रखते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे स्थानीय उत्पादों को अपनाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

न्यायालय निर्णयः चेक बाउंस का आरोपी हुआ बरी

न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने चेक बाउंस मामले में परिवादी द्वारा वित्तीय क्षमता का साक्ष्य प्रस्तुत न कर पाने पर आरोपी को दोषमुक्त किया है। मामला वर्ष 2014 का है, इस मामले में आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव पांडेय ने ठोस पैरवी की।

दरअसल, भट्ट कॉलोनी श्यामपुर निवासी अमित ने न्यायालय में दाखिल अपने वाद में बताया था कि खैरीखुर्द श्यामपुर निवासी देवेंद्र प्रसाद डोण्डियाल नामक व्यक्ति को उन्होंने वर्ष 2014 में 20 लाख रूपये उधार दिये थे। बताया था कि देवेंद्र सिंह सेे उनकी वर्ष 2010 से जान पहचान है। उन्होंने दायर वाद में यह भी बताया था कि वर्ष 2018 में जब आरोपी से अपने दिए हुए रूपये वापस मांगे तो आरोपी ने दो अलग-अलग चेक उन्हें दिए जो बाउंस हो गए।

न्यायालय में आरोपी देवेंद्र प्रसाद डोण्डियाल के बयान हुए तो उन्होंने बताया कि वादी के साथ वह पार्टनरशिप में काम करते हैं। उनकी ओर से वादी को कोई चेक नहीं दिए गए। इसके विपरित वादी ने उनकी कार में पूर्व से ही हस्ताक्षर कर रखी हुई चेक बुक में से चेक निकालकर दुरूपयोग किया गया है।

आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव पांडेय ने मामले में ठोस पैरवी करते हुए न्यायालय में न्यायधीश के समक्ष वादी से जिरह की और वादी की वित्तीय क्षमता पर प्रश्न पूछा। जिस पर न्यायालय को मालूम हुआ कि वादी ने वर्ष 2011 में 12वीं की परीक्षा पास की हैं तथा 2013 में पॉलिटेक्निक में एडमिशन लिया जिसे वर्ष 2015 में पूर्ण किया गया तथा वादी ने अपना व्यापार वर्ष 2017 से शुरू किया।

अधिवक्ता संजीव पांडेय ने न्यायालय को बताया कि जब वादी ने अपना व्यापार ही वर्ष 2017 से शुरू किया तो वर्ष 2014 में वादी द्वारा आरोपी को 20 लाख रूपये देना कैसे संभव है। न्यायालय ने अधिवक्ता के प्रश्न पर वादी से वित्तीय क्षमता जानी जिस पर वादी कोई साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत न कर सका। साथ ही वादी कोर्ट में अपनी आय का माध्यम बताने में भी असफल रहा।

न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार मिश्र की अदालत ने यह पाया कि वादी और आरोपी के मध्य कोई देनलेन नहीं हुआ है। इसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी देवेंद्र प्रसाद डोण्डियाल को दोषमुक्त करार दिया।

सराहनीयः आपदा प्रबंधन प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में उत्तराखण्ड पुलिस का एक और महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थाना डालनवाला, देहरादून परिसर में स्थापित किए गए 13 लॉन्ग रेंज आधुनिक सायरनों का विधिवत लोकार्पण किया। यह पहल राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड एक आपदा संभावित राज्य है, जहां समय रहते सतर्कता और सूचना प्रसारण अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दृष्टि से ये अत्याधुनिक सायरन प्रणाली अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है, और तकनीक के माध्यम से पुलिस एवं आपदा प्रबंधन विभाग को सशक्त बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पहाड़ी राज्य होने के कारण उत्तराखंड में आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं हमारे राज्य को समय-समय पर चुनौती देती रहती हैं।

इस वर्ष भी हमें कई भीषण आपदाओं का सामना करना पड़ा। हमारी सरकार इन आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हम राज्य में आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 किलोमीटर और 16 किलोमीटर की रेंज वाले ये सायरन न केवल प्राकृतिक आपदाओं के समय हमें अलर्ट करेंगे, बल्कि नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद उपयोगी होंगे। यदि समय रहते लोगों को चेतावनी मिल जाए, तो न केवल जानमाल की हानि को कम किया जा सकता है, बल्कि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य भी अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह लॉन्ग रेंज सायरन केवल किसी संभावित आपदा की चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आम जनमानस को जागरूक करने तथा समय पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने में भी सहायक होंगे। ये सायरन भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों, संवेदनशील स्थानों और आपदा संभावित इलाकों में स्थापित किए गए हैं।”

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रणाली का नियमित परीक्षण किया जाए तथा आम जनता को इसके बारे में जागरूक किया जाए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इसकी अधिकतम उपयोगिता सुनिश्चित की जा सके।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन और उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डालनवाला थाने में स्थापित बाल थाने का निरीक्षण भी किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सेवानिवृत पुलिस कार्मिकों, उत्तराखंड पीसीएस एसोसिएशन तथा उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों तथा कार्मिकों द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में सहायता राशि के चेक सौंपे गए।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, पुलिस महानिदेशक, आपदा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी देहरादून, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

ऋषिकेश में अंडरग्राउंड बिजली लाइन के लिए 547 करोड़ मंजूर, सीएम ने पीएम का आभार किया

गंगानगरी ऋषिकेश में प्रमुख बाजारों और मार्गों पर बिजली लाइन अंडरग्राउंड की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 547 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।

ऋषिकेश कुंभ क्षेत्र (गंगा कॉरिडोर) में विद्युत लाइनों के भूमिगतीकरण तथा ऋषिकेश, हरिद्वार एवं देहरादून में विद्युत प्रणाली को स्वचालित (स्काडा) किए जाने हेतु प्रस्तावित डी.पी.आर. के सापेक्ष केंद्र सरकार से कुल रू० 547.83 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। बिजली लाइन भूमिगत किए जाने से ऋषिकेश शहर के नागरिकों को विशेष सुविधा मिलेगी। इससे भीड़ भरे बाजारों से तारों का जाल हट पाएगा, साथ ही सड़कों बाजारों में आवाजाही भी सुगम हो पाएगी।

उत्तराखंड सरकार लगातार विद्युत अवसंरचना के आधुनिकीकरण का प्रयास कर रही है। अंडरग्राउंड केबलिंग से विद्युत आपूर्ति अधिक स्थिर होगी, साथ ही आपदा और प्रतिकूल मौसम के कारण पैदा होने वाले अवरोधों से सुरक्षा मिलेगी, रखरखाव की लागत घटेगी तथा शहर का सौंदर्य भी बेहतर होगा। इस वित्तीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री ।

लाइलाज राजू का बिना समय गंवाए डीएम ने भिजवाया निजी बर्न स्पेशिलिस्ट हॉस्पिटल

जिला प्रशासन के सहयोग से हेल्पिंग हेंड चिकित्सालय में असहाय व्यथित राजू का सफल आपरेशन कर लिया तथा राजू पूरी तरह से स्वस्थ है। जिलाधिकारी सविंन बसंल के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम प्रतिदिन राजू का हालचाल जानने चिकित्सालय जाती है तथा जिला प्रशासन की टीम चिकित्सालय के सम्पर्क में है। जिलाधिकारी ने चिकित्सालय प्रबन्धन का राजू के उपचार में सहयोग हेतु अभार व्यक्त किया। जिला प्रशासन तथा हेल्पिंग हेंड चिकित्सालय के सहयोग से राजू के उपचार चल रहा है। जिला प्रशासन राजू के पुनर्वास की भी तैयारी कर रहा है इसके लिए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

विगत दिवस कलेक्टेट परिसर में असहाय राजू पंहुचा जिसका एक हाथ बुरी तरह से जला हुआ था। राजू ने जिलाधिकारी को अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि वह होटल में मजदूरी कराता है तथा चमोली में उसका गर्म पानी से जल गया, दून अस्पताल ने हायर सेंटर को रेफर कर दिया है, उसके पास उपचार के लिए पैसे नही है। जिस पर जिलाधिकारी संविन बसंल ने बर्न स्पेशलिस्ट निजी चिकित्सालय से दूरभाष पर वार्ता करते हुए राजू के उपचार का अनुरोध किया जिस हेल्पिंग हेंड हॉस्पिटल के डॉ कुश ने राजू को तत्काल हास्पिटल भेजने को कहा। जिला प्रशासन ने सारथी वाहन से राजू को चिकित्सालय में भर्ती कराया।

दरअसल असहनीय पीड़ा से छटपटाते हुए अचानक राजू नाम का एक व्यक्ति डीएम दफ्तर पहुंचा। कहा ‘‘साहिब मेरा नाम राजू है। मेरे कोई भी अपना नही है, लावारिस हूॅ। गढ़वाल से आया हूॅ। मेरे हाथ पर गरम पानी गिरने से हाथ जल गया है। इलाज की जरूरत है। बहुत दर्द हो रहा है। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं सुन रहा, बहुत परेशान हूॅ, हाथ की सर्जरी होनी है। पैसा नही है, मदद करों। अपने रुंधे कंठ से ये कहते कहते राजू की आंखें दर्द के आंसुओं से छलक उठी।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूरी संवेदना के साथ असहाय, अनाथ राजू की मार्मिक व्यथा सुनी। राजू के अधजले हाथ के असीमित और असहनीय पीड़ा को महसूस किया और बिना वक्त जाया करते राजू के उपचार हेतु फोन पर चिकित्सकों से परामर्श किया। दून अस्पताल ने राजू के हाथ की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। जिलाधिकारी ने सहस्रधारा आईटी पार्क स्थित एक निजी अस्पताल में स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ कुश से वार्ता की और राजू को तत्काल प्रशासन के सारथी वाहन से चिकित्सक के पास पहुंचाया। जहां अब राजू के अधजले हाथ का मुफ्त इलाज हो रहा है।

रायपुर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सीएम ने लिया जायजा, स्थानीयों से की वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने किरसाली चौक, आई.टी पार्क, ननूरखेड़ा, आमवाला, तपोवन, शांति विहार में स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुनते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नियमित रूप से नालियों की सफाई करने और जलभराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतते हुए चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय पुलिस बलों, सभी विभागों को भी अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही रिस्पॉन्स समय को कम से कम रखते हुए प्रभावित लोगों की जान माल की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक उमेश शर्मा काऊ एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

रानीपोखरी में चोरी के मोबाइल के साथ एक गिरफ्तार

थानाध्यक्ष विकेंद्र चौधरी ने बताया कि 16 जून को अक्षय शर्मा निवासी रानीपोखरी ने तहरीर दी। बताया कि होटल फूड स्वैग भोगपुर से अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनका मोबाइल चोरी कर लिया गया है। बताया कि पुलिस की टीम ने सीसीटीवी की फुटेज खंगालने के बाद नागाघेर पहुँची। वहां मुखबिर की सूचना के आधार पर एयरपोर्ट तिराहे की तरफ जाखन नदी पुल के पास से चोरी के मोबाइल के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

थानाध्यक्ष ने आरोपी की पहचान आलोक निवासी नागाघेर रानीपोखरी के रूप में कराई। पुलिस टीम में हरीश सती, शशिकांत उपस्थित रहे।

सीएस की अध्यक्षता में हुई व्यय वित्त समिति की बैठक आयोजित

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में व्यय-वित्त समिति की बैठक आयोजित हुई। व्यय-वित्त समिति की बैठक के दौरान ऋषिकेश में जानकी सेतु के पास राफ्टिंग मैनेजमेंट सेंटर के निर्माण कार्य एवं डोईवाला-दूधली मोटर मार्ग के डबललेन कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राफ्टिंग मैनेजमेंट सेंटर के डिजाइन में पहाड़ी संस्कृति और ग्रीन बिल्डिंग को शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग मैनेजमेंट सेंटर को सेल्फ सस्टेनेबल बनाया जाए ताकि इसके संचालन एवं रखरखाव के लिए फंड्स की व्यवस्था होती रहे।

बैठक के दौरान बताया गया कि राफ्टिंग मैनेजमेंट सेंटर निर्माण की कुल लागत 4404.27 लाख है। इसके निर्माण के बाद राफ्टिंग पॉइन्ट्स पर ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से लाइव वीडियो मॉनिटरिंग के साथ ही परमिट, समय-सारणी और क्राउड कंट्रोल जैसे कार्य किए जाएंगे। बैठक में 1306.64 लाख की लागत के डोईवाला-दूधली मोटर मार्ग के डबललेन कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गयी।

इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं श्रीधर बाबू अद्दांकी सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।