ऋषिकेश में समाज कल्याण की शिकायतों की भरमार, डीएम ने तत्काल एडीओ की तैनाती के दिए आदेश

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिकेश तहसील परिसर में जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जन सुनवाई में 326 फरियादी अपनी-अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। जिलाधिकारी ने एक-एक कर सभी समस्याएं सुनी और अधिकांश शिकायतों का ऑन द स्पॉट समाधान किया। शेष मामलों पर अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा में समाधान के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन समस्याओं को गंभीरता से ले और प्राथमिकता पर उनका समाधान सुनिश्चित करें। जन सुनवाई के दौरान लोगों ने पेयजल, सडक, भूमि विवाद, प्रमाण पत्र निर्गमन, पेंशन, खाता खतौनी, राजस्व संबंधी मुद्दों सहित विभिन्न समस्याएं रखीं।

जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता आमजन की शिकायतों का समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण करना है। जनता और प्रशासन के बीच संवाद मजबूत होने से विकास कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे संवेदनशीलता के साथ शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।

ऋषिकेश में डीएम की जनसुनवाई में जनसैलाब उमडा। शाम 7ः30 बजे रात तक नान स्टाप मैराथन जन सुनवाई में कई शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण हुआ। ऋषिकेश में समाज कल्याण की शिकायतों की भरमार को देखते हुए डीएम ने तत्काल प्रभाव से ऋषिकेश में सहायक समाज कल्याण अधिकारी की तैनाती के आदेश दिए।

ऋषिकेश में प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से मीट की दुकान संचालित होने तथा बिना लाइसेंस के पशुओ का बध करने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त व एसडीएम ऋषिकेश को फूड सेफ्टी ऑफिसर के साथ टीम बनाकर छापेमारी करते हुए अवैध रूप से संचालित दुकानों पर कडी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

जन सुनवाई में जोगीवाला के समस्त ग्रामवासियों ने नशामुक्ति केंद्र से हो रही परेशानियां डीएम के सामने रखी। इस पर एसडीएम को जांच करते हुए केंद्र के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

गणेश विहार निवासी 80 वर्षीय मनीराम ने डीएम से गुहार लगाई कि उनके बेटे मनमाने ढंग से उन्हें उनकी ही संपत्ति से बेदखल कर रहे हैं। इसके साथ ही बुजुर्ग धर्मराज सिंह पुंडीर व विमला देवी को अपनी भूमि संबंधी मामलों पर भी जिलाधिकारी ने सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण को विधिक सलाह तथा निशुल्क सरकारी वकील उपलब्ध कराने को प्रेषित किया ।

भटोंवाला निवासी व्यथित विधवा अनीता ने जिलाधिकारी से गुहार लगायी कि उनके पति द्वारा बैंक से ऋण लिया गया था जिसका बीमा भी कराया था, पति की वर्ष 2024 में मृत्यु हो गई जिस कारण बैंक वाले अल्मोड़ा कोऑपरेटिव बैंक उन सभी के नाम नोटिस भेज रहे हैं जिसमें 12 वर्षीय नाबालिक बच्चों के नाम में नोटिस भेजा जा रहा है। इसका बच्चों पर मानसिक दुष्प्रभाव पड रहा हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से बीमा का क्लेम दिलाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने बैंक की आरसी जारी करने के निर्देश दिए।

नगर निगम के पार्षदों ने डीएम से शिकायत करते हुए बताया कि यूपीसीएल के आवासों में किराएदार रखें गए है जो खुलेआम बिजली चोरी करते हैं। इसके अलावा निगम क्षेत्र में विद्युत के कई पल जर्जर स्थिति में है जिनको विभाग द्वारा ठीक नहीं कराया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए है।

फरियादी पंकज गुप्ता ने हीरालाल लाल मार्ग पर सीवर लाइन न होने की समस्या पर पेयजल निगम को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए। रेलवे रोड ऋषिकेश पर कोई भी शौचालय न होने और यहां नगर निगम की खाली भूमि पर महिला शौचालय बनाने की मांग पर निगम को समस्या का समाधान करने को कहा गया। सीमा डेन्टल और गुमानी वाला में खाली भूमि पर निराश्रित गौवंश के लिए गौशाला सचालन हेतु सीवीओ को कार्रवाई करने को कहा।

जिला पंचायत सदस्य दिव्या बेलवाल ने राइका सत्य मित्रानंद हरीपुर कलां में शिक्षकों की कमी, रायवाला मुख्य बाजार में ट्रैफिक लाइट की समस्या और निराश्रित पशुओं के लिए गौशाला न होने की समस्या पर जिलाधिकारी में संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। फरियादी अभिषेक चावला ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने सरकारी रास्ता बंद कर दिया है जिससे वह अपने प्लॉट पर मकान नहीं बना पा रहे।

ऋषिकेश नगर निगम में शामिल किए गए 17 ग्रामीण वार्डों में पानी का बिल ज्यादा आने की शिकायत पर डीएम ने अधिशासी अभियंता को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। गड़ी एवं भल्ला फार्म में सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त होने की शिकायत अधिशासी अभियंता को आवश्यक कार्रवाई कर अवगत कराने की निर्देश दिए गए। जन सुनवाई में रजिस्ट्री में गडबडी, निजी भूमि पर अतिक्रमण, जमीन धोखाधडी, सीवर लाईन, यूनीपोल, सामाजिक पेंशन आदि मुद्दे छाए रहे

जन सुनवाई के दौरान ऋषिकेश विधायक प्रेम चन्द्र अग्रवाल, महापौर शंभू पासवान, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, सीएमओ डा. एमके शर्मा, एसडीएम योगेश मेहरा, पीडी डीआरडीए विक्रम सिंह, डीडीओ सुनील कुमार, नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

लालपानी में अनुबंध शर्तों की अनदेखी पड़ी भारी, डीएम ने तलब की विस्तृत रिपोर्ट, पेनल्टी, कार्रवाई तय

जिलाधिकारी ने आज ऋषिकेश के लालपानी क्षेत्र में निर्माणाधीन एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता एवं समयबद्धता की समीक्षा की।

ऋषिकेश अमित ग्राम में नगर निगम के माध्यम से 23.15 करोड़ की लागत से 240 मेट्रिक टन पर डे ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कार्यदाई संस्था निकाफ कंपनी को इस प्लांट के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था। कंपनी द्वारा दिसंबर 2025 में कार्य पूर्ण किया जाना था, परंतु कंपनी द्वारा अभी तक मौके पर 60 प्रतिशत कार्य किया गया है। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए नगर निगम और कार्यदायी संस्था को फटकार लगाई। डीएम ने अनुबंध की निर्धारित शर्तो और टाइम लाइन का पूरा ब्यौरा और प्लांट निर्माण के कार्यों में परिलक्षित समस्याओ की रिपोर्ट तलब की है। प्लांट में अभी तक एलटीपी मशीनें सेटअप न होने पर भी डीएम ने नगर आयुक्त को फोलोअप करने और मशीन इंस्टालेशन कार्यो को तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्लांट का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जाए तथा कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि यह प्लांट क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट के वैज्ञानिक निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे स्वच्छता व्यवस्था सुदृढ़ होगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने प्लांट में स्थापित की जा रही मशीनरी, कचरा पृथक्करण व्यवस्था, लीचेट ट्रीटमेंट और भविष्य की संचालन योजना की भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कर प्लांट को शीघ्र संचालित किया जाए।

इस अवसर पर महापौर नगर निगम ऋषिकेश शंभू पासवान, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार सहित कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि तथा अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

डीएम के निर्देश पर एसडीएम एवं नगर आयुक्त ऋषिकेश के नेतृत्व में चंद्रभागा में अवैध अतिक्रमण ध्वस्त

जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा चंद्रभागा क्षेत्र में अतिक्रमण के विरुद्ध व्यापक कार्रवाई की गई। एसडीएम ऋषिकेश एवं नगर आयुक्त ऋषिकेश के नेतृत्व में राजस्व विभाग तथा नगर निगम ऋषिकेश की संयुक्त टीम ने अभियान चलाते हुए गंगा किनारे अतिक्रमण कर बनाई गई 20 से अधिक अवैध अध्यासन को ध्वस्त किया। अभियान के दौरान पाया गया कि अवैध अतिक्रमण कर बसी उक्त झोपड़ियों से निकलने वाला सीवर सीधे गंगा नदी में प्रवाहित किया जा रहा था। इस संबंध में जिलाधिकारी को लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल एवं एसडीएम ऋषिकेश योगेश कुमार के नेतृत्व में टीम में शामिल राजस्वकर्मियों तथा नगर निगम के कार्मिकों ने मौके पर पहुँचकर क्षेत्र का निरीक्षण किया और कानून व्यवस्था बनाये रखते हुए अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया संपादित की। अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि गंगा नदी की स्वच्छता एवं जल संरक्षण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में है। किसी भी प्रकार का अतिक्रमण, अवैध निर्माण अथवा सीवर/कचरा निस्तारण संबंधित अनियमितता को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे क्षेत्रों की निरंतर निगरानी रखी जाए तथा भविष्य में इस प्रकार के अतिक्रमण को कठोरता से रोका जाए।
नगर निगम तथा राजस्व विभाग द्वारा बताया गया कि प्रभावित क्षेत्र की नियमित सफाई कराई जा रही है तथा आगे किसी भी अतिक्रमण को रोकने हेतु चिन्हांकन कर निगरानी बढ़ाई जाएगी।

साहित्य भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यमः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोहनी रोड स्थित दून इंटरनेशल स्कूल में देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने वेणु अग्रहारा ढ़ींगरा द्वारा लिखित पुस्तक लीडिंग लेडीज ऑफ इण्डिया पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता में भी साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लीडिंग लेडीज ऑफ इण्डिया पुस्तक पाठकों विशेष रूप से महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। आज बेटियां हर क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की आत्मा उसकी संस्कृति में बसती है। यहां की संस्कृति और परंपराओं को संजोये रखने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षों से राज्य में प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य लोगों को अपनी जड़ों से जोड़े रखना है। प्रवासी सम्मेलन के आयोजन के बाद से अनेक प्रवासियों द्वारा अपने मूल गांवों के विकास के साथ ही प्रदेश के विकास के सहयोगी बनने की इच्छा जताई गई है।

इस अवसर पर गीता पुष्कर धामी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, दून इंटरनेशनल स्कूल समूह के संस्थापक डी.एस.मान एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।

निगम को निराश्रित पशुओं के लिये मिला स्थाई ठिकाना, प्रेस वार्ता कर मेयर ने दी जानकारी

लगातार प्रयासों के बाद नगर निगम को निराश्रित पशुओं के लिए स्थायी ठिकाने की जगह मिल गई है। राजस्व विभाग ने निगम को ग्रामसभा रायवाला में 13 बीघा भूमि आवंटित कर दी है। इसी जमीन पर जल्द ही गोशाला, नंदीशाला और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी।

नगर निगम कार्यालय में शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान मेयर शंभू पासवान ने यह जानकारी दी। बताया कि निगम प्रशासन बीते लंबे समय से भूमि आवंटन के लिए प्रयासरत था। पहले राजस्व विभाग की ओर से भूमि आवंटन के बदले चार करोड़ रुपये की मांग की गई थी, लेकिन निगम के सीमित बजट को देखते हुए निःशुल्क भूमि देने का आग्रह किया गया था। अब राजस्व विभाग ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल ने बताया कि आवंटित भूमि पर सबसे पहले सुरक्षा दीवार के निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद गोशाला, नंदीशाला और एबीसी सेंटर के निर्माण के लिए शासन से बजट स्वीकृति के लिए एस्टिमेट भेजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले छह महीने मेंयह सभी कार्य पूर्ण हो जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूरा पर निराश्रित पशुओं को चारापानी और सुरक्षित आश्रय मिलेगा, बल्कि शहरवासियों को भी सड़कों पर घूमने वाले पशुओं से निजात मिलेगी। बैठक में सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

उत्तराखंडः धरातल पर दिखाई दे रहा महिला सशक्तिकरण को समर्पित प्रोजेक्ट ऑटोमेटेड पार्किंग

देहरादून शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट ऑटोमेटेड पार्किंग का कार्य पूर्ण ही गया है तथा इसका कोरोनेशन तथा परेड ग्राउंड में पार्किंग का संचालन भी शुरू हो गया है । जल्द ही यह पार्किंग मुख्यमंत्री द्वारा विधिवत रूप से जनमानस को समर्पित की जाएंगी।
यह राज्य की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित प्रथम पार्किंग है। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित इस पार्किंग को जिला प्रशासन द्वारा अनुदान दिया जाएगा। शहर के तीन स्थानों पर बनाई गई इन ऑटोमेटेड पार्किंग की परेड ग्राउंड पर 96, तिब्बती मार्केट पर 132 ,तथा कोरोनेशन चिकित्सालय में 18 वाहन क्षमता वाली इस पार्किंग में परेड ग्राउंड तथा कोरोनेशन में स्वसंचालन शुरू हो गया है जिसे विधिवत रूप से जनमानस को समर्पित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश व जिलाधिकारी सविन बंसल के सतत प्रयासों से जनपद देहरादून अंतर्गत आधुनिक सुविधायुक्त आटोमेटेड पार्किंग निर्माण कार्य पूर्ण। जिलाधिकारी के अभिनव पहल से एक ओर जहाँ कोरोनेशन अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ अब भौतिक ढांचे को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है, जिससे शहर की चिकित्सा व्यवस्था और अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगी। वहीं शहर के बढ़ती ट्रैफिक के दृष्टिगत शहर में व्यवस्थित रूप से पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने में डीएम का प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। आधुनिकता की दौड़ में ऑटोमेटेड पार्किंग आवश्यकता अनुसार कम स्थान पर निर्मित हो जाती है जिसे भविष्य में एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। जहां एक ओर सड़कों पर यातायात का बहुत अधिक दबाव है वही पर्याप्त पार्किंग न होने की वजह से शहर वासी वह पर्यटक नो पार्किंग जोन में वाहन पार्क करने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन का यह प्रयास शहर की यातायात व्यवस्था पर दबाव कम करने को एक उम्मीद की किरण के तौर पर देखा जा रहा है यदि यह सफल रहा वह भविष्य में शहर में कई स्थानों पर इस प्रकार की पार्किंग नजर आएँगी। यह इस पार्किंग की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे जरूरत के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी शिफ्ट किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से नए जीएसटी स्लैब के बारे में सुझाव व फीडबैक लिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून स्थित गढ़ी कैंट बाज़ार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों और आमजन से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से नए जी.एस.टी. स्लैब के बारे में सुझाव व फीडबैक लिया तथा उनसे आम जनता को घटे हुए जी.एस.टी. दरों की जानकारी देने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनता को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं पर जी.एस.टी. दरों में कमी की है। “नेक्स्ट जनरेशन जी.एस.टी” के रूप में शुरू की गई यह पहल जनता को राहत देने के साथ ही व्यापार और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों से संवाद कर कहा कि स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना हर नागरिक का कर्तव्य है। स्वदेशी को प्राथमिकता देने से हमारे किसान, कारीगर और छोटे व्यापारी सशक्त होंगे। इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां के स्थानीय उत्पाद देशभर में अपनी अलग पहचान रखते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे स्थानीय उत्पादों को अपनाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

न्यायालय निर्णयः चेक बाउंस का आरोपी हुआ बरी

न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने चेक बाउंस मामले में परिवादी द्वारा वित्तीय क्षमता का साक्ष्य प्रस्तुत न कर पाने पर आरोपी को दोषमुक्त किया है। मामला वर्ष 2014 का है, इस मामले में आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव पांडेय ने ठोस पैरवी की।

दरअसल, भट्ट कॉलोनी श्यामपुर निवासी अमित ने न्यायालय में दाखिल अपने वाद में बताया था कि खैरीखुर्द श्यामपुर निवासी देवेंद्र प्रसाद डोण्डियाल नामक व्यक्ति को उन्होंने वर्ष 2014 में 20 लाख रूपये उधार दिये थे। बताया था कि देवेंद्र सिंह सेे उनकी वर्ष 2010 से जान पहचान है। उन्होंने दायर वाद में यह भी बताया था कि वर्ष 2018 में जब आरोपी से अपने दिए हुए रूपये वापस मांगे तो आरोपी ने दो अलग-अलग चेक उन्हें दिए जो बाउंस हो गए।

न्यायालय में आरोपी देवेंद्र प्रसाद डोण्डियाल के बयान हुए तो उन्होंने बताया कि वादी के साथ वह पार्टनरशिप में काम करते हैं। उनकी ओर से वादी को कोई चेक नहीं दिए गए। इसके विपरित वादी ने उनकी कार में पूर्व से ही हस्ताक्षर कर रखी हुई चेक बुक में से चेक निकालकर दुरूपयोग किया गया है।

आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव पांडेय ने मामले में ठोस पैरवी करते हुए न्यायालय में न्यायधीश के समक्ष वादी से जिरह की और वादी की वित्तीय क्षमता पर प्रश्न पूछा। जिस पर न्यायालय को मालूम हुआ कि वादी ने वर्ष 2011 में 12वीं की परीक्षा पास की हैं तथा 2013 में पॉलिटेक्निक में एडमिशन लिया जिसे वर्ष 2015 में पूर्ण किया गया तथा वादी ने अपना व्यापार वर्ष 2017 से शुरू किया।

अधिवक्ता संजीव पांडेय ने न्यायालय को बताया कि जब वादी ने अपना व्यापार ही वर्ष 2017 से शुरू किया तो वर्ष 2014 में वादी द्वारा आरोपी को 20 लाख रूपये देना कैसे संभव है। न्यायालय ने अधिवक्ता के प्रश्न पर वादी से वित्तीय क्षमता जानी जिस पर वादी कोई साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत न कर सका। साथ ही वादी कोर्ट में अपनी आय का माध्यम बताने में भी असफल रहा।

न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार मिश्र की अदालत ने यह पाया कि वादी और आरोपी के मध्य कोई देनलेन नहीं हुआ है। इसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी देवेंद्र प्रसाद डोण्डियाल को दोषमुक्त करार दिया।

सराहनीयः आपदा प्रबंधन प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में उत्तराखण्ड पुलिस का एक और महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थाना डालनवाला, देहरादून परिसर में स्थापित किए गए 13 लॉन्ग रेंज आधुनिक सायरनों का विधिवत लोकार्पण किया। यह पहल राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड एक आपदा संभावित राज्य है, जहां समय रहते सतर्कता और सूचना प्रसारण अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दृष्टि से ये अत्याधुनिक सायरन प्रणाली अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है, और तकनीक के माध्यम से पुलिस एवं आपदा प्रबंधन विभाग को सशक्त बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पहाड़ी राज्य होने के कारण उत्तराखंड में आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं हमारे राज्य को समय-समय पर चुनौती देती रहती हैं।

इस वर्ष भी हमें कई भीषण आपदाओं का सामना करना पड़ा। हमारी सरकार इन आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हम राज्य में आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 किलोमीटर और 16 किलोमीटर की रेंज वाले ये सायरन न केवल प्राकृतिक आपदाओं के समय हमें अलर्ट करेंगे, बल्कि नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद उपयोगी होंगे। यदि समय रहते लोगों को चेतावनी मिल जाए, तो न केवल जानमाल की हानि को कम किया जा सकता है, बल्कि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य भी अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह लॉन्ग रेंज सायरन केवल किसी संभावित आपदा की चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आम जनमानस को जागरूक करने तथा समय पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने में भी सहायक होंगे। ये सायरन भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों, संवेदनशील स्थानों और आपदा संभावित इलाकों में स्थापित किए गए हैं।”

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रणाली का नियमित परीक्षण किया जाए तथा आम जनता को इसके बारे में जागरूक किया जाए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इसकी अधिकतम उपयोगिता सुनिश्चित की जा सके।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन और उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डालनवाला थाने में स्थापित बाल थाने का निरीक्षण भी किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सेवानिवृत पुलिस कार्मिकों, उत्तराखंड पीसीएस एसोसिएशन तथा उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों तथा कार्मिकों द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में सहायता राशि के चेक सौंपे गए।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, पुलिस महानिदेशक, आपदा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी देहरादून, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

ऋषिकेश में अंडरग्राउंड बिजली लाइन के लिए 547 करोड़ मंजूर, सीएम ने पीएम का आभार किया

गंगानगरी ऋषिकेश में प्रमुख बाजारों और मार्गों पर बिजली लाइन अंडरग्राउंड की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 547 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।

ऋषिकेश कुंभ क्षेत्र (गंगा कॉरिडोर) में विद्युत लाइनों के भूमिगतीकरण तथा ऋषिकेश, हरिद्वार एवं देहरादून में विद्युत प्रणाली को स्वचालित (स्काडा) किए जाने हेतु प्रस्तावित डी.पी.आर. के सापेक्ष केंद्र सरकार से कुल रू० 547.83 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। बिजली लाइन भूमिगत किए जाने से ऋषिकेश शहर के नागरिकों को विशेष सुविधा मिलेगी। इससे भीड़ भरे बाजारों से तारों का जाल हट पाएगा, साथ ही सड़कों बाजारों में आवाजाही भी सुगम हो पाएगी।

उत्तराखंड सरकार लगातार विद्युत अवसंरचना के आधुनिकीकरण का प्रयास कर रही है। अंडरग्राउंड केबलिंग से विद्युत आपूर्ति अधिक स्थिर होगी, साथ ही आपदा और प्रतिकूल मौसम के कारण पैदा होने वाले अवरोधों से सुरक्षा मिलेगी, रखरखाव की लागत घटेगी तथा शहर का सौंदर्य भी बेहतर होगा। इस वित्तीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री ।