यूएस नगर के बंगाली समुदाय के लोगों ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और विधायक शिव अरोड़ा के नेतृत्व में उधम सिंह नगर जनपद के सितारगंज, गदरपुर एवं रूद्रपुर क्षेत्र के बंगाली समुदाय के लोगों ने भेंट कर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी विभिन्न समस्याएं रखी। राज्य में विस्थापित बंगाली समुदाय के सदस्यों को जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों से “पूर्वी पाकिस्तान” शब्द हटाये जाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा जो समस्याएं रखी गई हैं, उन पर गहनता से विचार कर उचित समाधान करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा विभिन्न समुदायों की समस्याओं का हर संभव समाधान के लिए सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर बंगाली समुदाय से उत्तम दत्ता, हिमांशु सरकार, के.के.दास, विष्णुपद प्रमाणिक, देबू मण्डल, कार्तिक राय, सुनील विश्वास, संजय बाछाड़, गोपाल सरकार, विधान दास, रवि मजूमदार, अशोक माली, कृष्ण पद मण्डल, रविन्द्र विश्वास, विक्की राय, मयंक अगवाल, विश्वजीत हालदार, अशोक मण्डल, प्रभाकर राय, शंकर गोलदार और पंकज बसु मौजूद थे।

बंगाली समाज के लोगों को लुभाने में जुटे नड्डा और धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा मंगलवार को रुद्रपुर में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बंगाली समाज द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र में से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने की मांग लम्बे समय से उठती रही है, उनके जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने के लिए जन भावनाओं का सम्मान करते हुए अब उन्हें दिये जाने वाले प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि भदईपुरा, रम्पुरा, शक्तिफार्म, दिनेशपुर, रूद्रपुर किच्छा आदि आसपास के क्षेत्रों में नजूल भूमि पर आवंटित व्यक्तियों को मालिकाना हक दिलाने हेतु जनप्रतिनिधि संघर्ष करते रहे हैं। इसके लिये भी कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर मालिकाना हक देने की कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार जिन मलिन बस्तियों में जो लोग रह रहे हैं, उनके लिए अब तीन साल का सुरक्षा कवच लेकर आये हैं। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते उधमसिंह नगर में 6000 एकड़ पर उद्योग लगे हैं, हम ने तय किया है कि आने वाले समय में यहॉ पर जितनी भी नौकरियॉ निकलेंगी, स्थानीय लोगों को उनमें प्राथमिकता दी जायेगी। यहां ग्रीन एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। कलकत्ता को हवाई सेवा के साथ रेलवे के कोरिडोर को भी यहॉ से जोड़ा जा रहा है। इस क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिये एम्स का सेटेलाइट सेंटर उधम सिंह नगर में खुलने जा रहा है। अब इलाज के लिए दिल्ली, ऋषिकेश नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गरीब, पिछड़े, शोषित, वंचितों, दलित एवं मजदूरों के उत्थान, कल्याण एवं विकास के लिए तमाम योजनायें बनायी जा रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने अपने संबोधन में बंगाल के राजनीति, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सुधार, राजनैतिक सामाजिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बंग्ला समाज हर क्षेत्र में सदैव अग्रणीय रहा है। देश के महान सपूत सुभाषचन्द्र बोस सहित विभिन्न विभूतियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश व समाज के लिए बंगाल का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को युवा एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री बताते हुए उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना के साथ मुख्यमंत्री धामी कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम में रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, सांसद लाकेश चटर्जी ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद एवं राज्य प्रभारी दुष्यन्त कुमार गौतम, राज्य सभा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी, सहप्रभारी एवं सांसद रेखा वर्मा, विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर रामपाल सिंह, पालिकाध्यक्ष दिनेशपुर सीमा सरकार, वरिष्ठ नेता मण्डी परिषद चेयरमैन केके दास, विनय रूहैला, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव अरोरा, उत्तम दत्ता, विजय मण्डल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, दिनेशपुर चेयरमैन सीमा सरकार, विकास, राकेश सहित मण्डलायुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, प्रभारी जिलाधिकारी आशीष भटगाई, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुॅवर सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रुद्रपुर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उपनल कर्मचारियों का मसला फिर लटका, मलिन बस्तियों पर मेहरबानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। 23 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा मानसून सत्र के लिए सरकार ने 5374 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी है। सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में 21 प्रस्तावों में से 20 पर मुहर लग गई। कैबिनेट मंत्रियों ने मलिन बस्तियों को तीन साल और सुरक्षा कवच देने का फैसला लिया है। उत्तराखंड की 584 मलिन बस्तियों को तीन साल के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान से सुरक्षा कवच मिल गया।

सरकार ने मलिन बस्तियों में वर्ष 2024 तक अतिक्रमण न हटाने का निर्णय किया है। वर्ष 2018 में भी सरकार तीन साल तक अतिक्रमण अभियान से अलग रखने का निर्णय किया था। वह अवधि इस साल अक्टूबर में समाप्त हो रही थी। जाति प्रमाणपत्र में बंगाली समुदाय से पूर्वी पाकिस्तान शब्द भी हटाया जाएगा। कैबिनेट मीटिंग में डिग्री कॉलेज का मामले पर भी विचार-विमर्श किया गया। सरकार ने प्रदेशभर के डिग्री कालेज के गेस्ट टीचर का मानदेय बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया है। अब तक यह दर अलग-अलग थी।

दूसरी तरफ, उपनल कर्मचारियों के मानदेय संशोधन का मामला एक बार फिर लटक गया जिसके बाद कर्मचारियों में इससे नाराजगी है। काफी लंबे से मांगों के निस्तारण नहीं होने की वजह से कर्मचारियों में रोष है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय का प्रस्ताव कैबिनेट एजेंडे में शामिल न होने पर मंत्रियों ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। उपनल सब कमेटी अध्यक्ष श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने दो टूक कहा कि जब प्रस्ताव समय पर आने ही नहीं है तो फिर सब कमेटी बनाने का लाभ ही क्या?

बेटी की शादी में के लिए आसानी से मिलेगी सहायता
कैबिनेट ने विधवा महिला की बेटी की शादी के लिए अनुदान प्राप्त करने के लिए सालाना पारिवारिक आय सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 48 हजार कर दी है। आय सीमा बढ़ने से अधिक पात्र महिलाएं योजना का लाभ उठा पाएंगी। प्रदेश में विधवा पेंशनर को प्रति माह 12 सौ रुपए की पेंशन प्रदान की जाती है। इसके साथ ही सरकार ऐसी महिलाओं की बेटी की शादी के लिए पचास हजार रुपए की सहायता प्रदान करती है। लेकिन इसके लिए पारिवारिक आय सीमा अब तक 15 हजार रुपए सालाना थी, अब इसे 48 हजार सालाना कर दिया गया है। प्रदेश में इस श्रेणी में एक लाख 78 हजार महिला पेंशनर हैं।