प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं में सुधार के संबंध में अधिकारियों की हुई बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं में सुधार के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अग्निशमन सुविधाओं के विकास के लिए एक फुलप्रूफ योजना तैयार की जाए। उन्होंने प्रदेश में उपलब्ध अग्निशमन सेवाओं का गैप एनालिसिस कर इसे पूर्ण रूप से संतृप्त करने के लिए योजना तैयार किए जाने हेतु निर्देशित किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि आवासीय भवनों को फायर स्टेशन के पास ही बनाया जाए। इससे अग्निशमन कर्मियों को भी सुविधा होगी, एक समय पर अधिक से अधिक कर्मी उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि फायर एवं अन्य आवश्यक प्रशिक्षणों के लिए प्रदेश के भीतर ही व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सेलाकुई फायर स्टेशन को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने एडवांस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ही नागपुर (महाराष्ट्र) के प्रशिक्षण केन्द्र भेजे जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने बाढ़, भूस्खलन, ध्वस्त संरचनाओं के लिए रेस्क्यू कोर्सेज पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के कार्यात्मक एकीकरण की बात भी कही। कहा कि फायर स्टेशनों को अपग्रेड किए जाने हेतु सम्पूर्ण कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने प्रदेशभर में आवश्यकतानुसार फायर स्टेशनों एवं फायर हाईड्रेंट की भी उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल उपकरणों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक नीरू गर्ग एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक निवेदिता कुकरेती सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

अग्निशमन कार्यशाला में छात्रों को मिली अहम जानकारियां

एमआईटी ढालवाला में आज उत्तराखंड पुलिस के अग्निशमन विभाग द्वारा अग्नि से उपायों के सम्बन्ध मे एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए संस्थान निदेशक रवि जुयाल ने छात्रों और अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि अग्नि हम सभी जीवों के जीवन का एक अनिवार्य अंग है अग्नि के बिना जीवन असंभव है हमारा शरीर जिन पांच तत्वों से बना है उसमे एक मुख्य तत्व अग्नि भी सम्मिलित है। अग्नि जीवन से मृत्यु तक जीवन के सभी क्षणों में विद्यमान है, अग्नि जिस प्रकार हमारे जीवन के लिए अनिवार्य है ठीक उसी प्रकार यदि अग्नि के बारे में हमे सही जानकारी नहीं है तो यह हमारे जीवन के लिए प्राणघातक भी हो सकती है।

नरेंद्र नगर प्रभाग के अग्निशमन अधिकारी प्रदीप चंदोला ने बताया कि बिजली तेल या किसी अन्य रसायनिक कारणों से लगी आग को कभी भी पानी से बुझाने का प्रयास नहीं करना चाहिए अपितु मिट्टी बालू या कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में चीड़ के जंगलों में सबसे अधिक आग का प्रकोप रहता है, जंगलों की आग को बुझाने के लिए पेड़ों की हरी शाखाओं का उपयोग कर तत्काल अग्निशमन या वन विभाग को सूचित करना चाहिए जिससे जन हानि और जंगलों को जलने से बचाया जा सके। डा. प्रेम प्रकाश पुरोहित द्वारा सभी प्रतिभागियो का आभार व्यक्त किया गया ।
कार्यक्रम का संचालन राजेश सिंह एवं रवि कुमार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में रवि थापा, मनीष चौहान, उपेंद्र नौटियाल, शिल्पी कुकरेजा, मुकेश राणा, रविन्द्र असवाल, दर्शन पैन्यूली आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।