मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में गृह विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में थानों की परफार्मेंस के अनुसार उनकी रैंकिंग करने के निर्देश दिये। प्रतिवर्ष की जाने वाली रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ थाने को एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होंने पुलिस विभाग को सीमान्त जनपदों में तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के साथ लगातार समन्वय बनाकर रखने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को साइबर अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार होने को कहा। परिवहन विभाग के साथ पुलिस विभाग संयुक्त रूप से डग्गामार वाहनों के विरूद्ध अभियान चलाये। यद्यपि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सडक दुर्घटनाओं के मामले में कमी आई है फिर भी मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को इस दिशा में गंभीरता से काम करने को कहा। मुख्यमंत्री ने जनपद पौडी में सतपुली की घटना में पुलिस की भूमिका पर असंतोष व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पुलिस को नशे के अवैध कारोबार पर सख्ती से लगाम लगाने के निर्देश दिये। बताया गया कि पिछले 6 महीनों में नशे के अवैध कारोबार में 583 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है तथा 5.25 करोड रूपये के मादक पदार्थ बरामद हुए है। अवैध शराब की तस्करी में 2860 अभियुक्त गिरफ्तार हुए तथा रूपये 5 करोड़ की अवैध शराब बरामद हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में ड्राइवर के आवश्यक 235 पदों तथा एसडीआरएफ के 400 जवानो के पदों को अगले तीन वर्ष में चरणबद्ध प्रक्रिया से भरा जायेगा। उन्होंने प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी को इसके लिये पुलिस विभाग के साथ बैठक करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह डॉ.उमाकांत पंवार को निर्देश दिये कि पूर्व में जिन नये थानो चौकियों की सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है, उन पर वित्त विभाग के साथ वार्ता कर कार्यवाही शुरू की जाए। पुलिस विभाग द्वारा कुल 13 नये थानो तथा 34 रिर्पोटिंग पुलिस चौकी का प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ ही कई थानो चौकियों के कार्य क्षेत्र को बढ़ाने की मांग भी की गई।
पुलिस विभाग द्वारा आईआरबी द्वितीय तथा एसडीआरएफ के भवन की मांग पर भी सैद्धांतिक स्वीकृति देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में बजट आवंटन हेतु वित विभाग और गृह विभाग को बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में वाहनों की कमी को भी शीघ्र दूर किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि अनावरण प्रतिशत की दृष्टि में डकैती (100 प्रतिशत), लूट (84 प्रतिशत), गृह भेदन (54 प्रतिशत) और बलात्कार (99 प्रतिशत) के मामलो में प्रदेश की पुलिस की परफार्मेंस राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। हत्या के मामलो में अनावरण प्रतिशत 83 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 86.2 प्रतिशत से कम है। मुख्यमंत्री ने इसमें सुधार के आवश्यकता बताई। बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस सख्त कार्यवाही करे और ऐसी घटनाओं में दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो।
पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूडी ने बताया कि वर्ष 2017 में लूट, चोरी की गई सम्पत्ति की बरामदगी 45 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 16.4 प्रतिशत है। इस दृष्टि से प्रदेश का देश में 5वां स्थान है। इसके साथ ही सजा का प्रतिशत 65 है। राष्ट्रीय औसत 46.9 प्रतिशत है। देश में 6वां स्थान है। एसटीएफ एवं देहरादून पुलिस द्वारा एटीएम क्लोनिंग की ठगी के 95 प्रकरणों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। 35 लाख रूपये बैंको के खातों में फ्रीज किये गये। लगभग 17 लाख रूपये बरामद किये गये। ऑपरेशन स्माईल के तहत 331 बच्चों की बरामदगी की गई एवं एसआईटी द्वारा 774 शिकायतों का निस्तारण किया गया।