एम्स के सेटेलाइट सेंटर का सीएम ने किया स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुरपिया फार्म में निर्माणाधीन एम्स सैटेलाइट सेंटर का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यदायी संस्था एवं सीपीडब्लूडी के इंजीनियरों से निर्माण कार्य की जानकारियां ली।

कार्यदायी संस्था द्वारा अवगत कराया गया कि एम्स किच्छा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मानकों के अनुसार 100 एकड़ भूमि में 351 करोड़ की लागत से 280 बैड का प्री-फैब्रिकेटेड चिकित्सालय बनाया जा रहा है। जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आईसीयू, ओपीडी, आईपीडी, नर्सिंग हॉस्टल, आवासीय भवन आदि बनायें जाएंगे। कार्यदायी संस्था के प्रबंधक द्वारा अवगत कराया गया कि एम्स का चाहरदीवारी का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, साथ ही अन्य कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एम्स में सड़क किनारों में पौधारोपण कराने के साथ ही उचित ड्रेनैज व्यवस्था भी रखी गयी है। कार्यदायी संस्था द्वारा बताया गया कि एम्स का निर्माण कार्य वर्ष 2025 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने एम्स के निरीक्षण के दौरान कार्य कर रहे श्रमिकों से भी वार्ता की व उनकी समस्या भी जानी। सभी ने संतोष प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किच्छा में एम्स बन जाने पर हमारे यहां के मरीजों को उपचार हेतु बाहर नहीं जाना पड़ेगा सभी सुविधाएं एक छत के नीचे एक ही चिकित्सालय में मिलेगी। उन्होने कहा यह हमारे लिए बहुत बड़ी सौगात है। इसके लिए उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एम्स परिसर में पौधारोपण भी किया गया।

निरीक्षण दौरान सांसद अजय भट्ट, विधायक शिव अरोरा, तिलकराज बेहड़, जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार, ब्लाक प्रमुख ममता जल्होत्रा, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, उत्तम दत्ता, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, डॉ0 प्रेम सिंह राणा, डॉ0 शैलेन्द्र मोहन सिंघल, निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष कमल जिदंल, गुंजन सुखीजा, प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, महामंत्री अमित नारंग, मण्डलायुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, सीडीओ मनीष कुमार आदि उपस्थित थे।

त्रिवेन्द्र सरकार उठाएगी उपचार का खर्च, देगी मुआवजा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही अब अस्थाई रूप से कोरोना संक्रमण को आपदा में शामिल कर लिया गया है। कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी और मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा।
प्रदेश में अब अगले तीस दिन के लिए कोरोना संक्रमण के लिए मेडिकल कैंप लगाने, उपकरणों की व्यवस्था करने, पीड़ितों को अलग कैंप बनाकर रखने की व्यवस्था राज्य आपदा प्रबंधन फंड से की जाएगी। इन सब मामलों में राज्य आपदा प्रबंधन कमेटी फैसला करेगी। इसके साथ ही टेस्टिंग लैब स्थापित करने और महामारी को रोकने के लिए सर्वे आदि की व्यवस्था भी एसडीआरएफ के तहत की जाएगी।
आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। संक्रमण से फैलने को रोकने के लिए प्रदेश के आपदा प्रबंधन तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है। सभी को सर्जिकल मास्क, सूट आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है।
आपदा प्रबंधन तंत्र से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। कोरोना संक्रमण को आपदा में अस्थाई रूप से शामिल कर लिया गया है। कोरोना संक्रमण के आपदा में शामिल होने से अब पीड़ितों के उपचार पर आए खर्च का भुगतान राज्य सरकार करेगी। पीड़ित की मृत्यु होने पर आपदा के तहत निर्धारित मानकों के तहत मुआवजा दिया जाएगा।

त्रिवेन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को दिए असीमित अधिकारी
महामारी अधिनियम लागू होने के बाद सचिव स्वास्थ्य को असीमित अधिकार होंगे। सचिव स्वास्थ्य अपनी शक्तियां जिलों में जिलाधिकारी और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को प्रदान कर सकते हैं।
– धारा 144 के तहत कहीं भी भीड़ एकत्रित करने पर रोक।
– उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत सजा और जुर्माना।
– शिक्षण संस्थान बंद करना या खोलना।
– अनुमति के बिना सार्वजनिक सभा से लेकर कोई भी समारोह नहीं होगा।
– किसी भी संदिग्ध के जांच से मना करने पर जबरन जांच होगी।
– मेडिकल कार्यों के लिए निजी या सार्वजनिक संपत्ति ली जा सकेगी कब्जे में।
– किसी भी वाहन को बतौर टैक्सी या एंबुलेंस इस्तेमाल किया जा सकेगा।
– निजी या सार्वजनिक स्थलों, वाहनों और संपत्तियों को सेनिटाइज करना।

अनुबंध पर सैंकड़ों डाक्टर-नर्सें होंगी नियुक्त
सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में डाक्टरों के रिक्त साढ़े पांच सौ पदों पर वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के मौजूदा पदों के 50 प्रतिशत पद और भरे जाएंगे। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के खाली पदों पर 11 माह के अनुबंध पर नियुक्तियां की जाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग को पचास करोड़ जारी
सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए 50 करोड़ रुपये तुरंत महानिदेशक स्वास्थ्य को जारी कर दिए हैं। आइसोलेशन आईसीयू बनाए जाएंगे। सौ बिस्तर के प्री फेब्रिकेटिड अस्पताल बनाने की अनुमति दे दी है। यह अस्पताल जरूरत पड़ने पर कहीं भी बनाया जा सकेगा। चिकित्सा उपकरणों में 125 वेंटिलेटर सहित औषधि आदि की खरीद बिना टेंडर (लेकिन राज्य या केंद्र सरकार की तय दरों अथवा जेम से) हो सकेगी।

रोकथाम को आपदा मद से मिलेगा पैसा
महामारी घोषित होने से कोरोना को आपदा का दर्जा मिला गया है। इसके तहत अब आपदा के मद से महामारी की रोकथाम के लिए पैसा खर्च किया जा सकेगा। इसके तहत राज्य सरकार को केंद्र से भी मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी बिना शासन की अनुमति के रोकथाम और उपचार के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं।