शिक्षक संघ प्रदेश में शिक्षा का अनुकूल वातावरण बनाने में बनें सहयोगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान एवं शिक्षा व्यवस्था में किये जाने वाले सुधारात्मक कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में शिक्षक संगठनों का भी सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षक संघ की समस्याओं के त्वरित समाधान पर बल देते हुए शिक्षक संगठनों का भी सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षक संघ की समस्याओं के त्वरित समाधान पर बल देते हुए शिक्षक संगठनों से शिक्षा के गुणात्मक विकास में सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इस पर सभी को अपना सहयोग देना होगा। उन्होंने विद्यालयों में संस्कृत एवं योग के शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बंधी कार्यवाही किये जाने की बात कही। प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाने में इससे मदद मिलेगी।
गुरुवार को सचिवालय में राजकीय शिक्षक संघ की लंबित मांगों के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक संघ की मांगों पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। शिक्षकों के पारम्परिक व अंतर मण्डलीय स्थानान्तरण सहित अन्य प्रकरणों को महानिदेशक शिक्षा के अधीन गठित प्रकोष्ठ द्वारा इस संबंध में शीघ्र निर्णय लेने, गम्भीर रूप से बीमार शिक्षकों की शिक्षक संघ की अनुशंसा पर स्थानान्तरण किये जाने, प्रधानाचार्यों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाये जाने, यात्रा अवकाश की बहाली, शिक्षकों को सत्रांत का लाभ दिये जाने, वरिष्ठ व कनिष्ठ वेतन विसंगति का शासनादेश शीघ्र जारी करने, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की वरिष्ठता का निर्धारण करने के सम्बन्ध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्कूलों में संस्कृत एवं योगा के अध्यापकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बन्धी प्रस्ताव भी तैयार किये जाए। उन्होंने शिक्षक संघ द्वारा वेतन विसंगति आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को इस सम्बन्ध में गठित वेतन विसंगति समिति को संदर्भित करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ करने की संघ की मांग पर भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। न्यायालयों में जो प्रकरण लम्बित चल रहे हैं उनकी पैरवी के लिये विभाग में लीगल सेल को प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा एवं योगा को बढ़ावा देकर प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाये जाने में भी मदद मिल सकेगी।
सचिव शिक्षा राधिका झा ने शिक्षक संघ की मांगों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। राजकीय शिक्षक संघ के प्रान्तीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में शैक्षिक वातावरण की मजबूती की लिये सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में महानिदेशक शिक्षा वंशीधर तिवारी, निदेशक शिक्षा सीमा जौनसारी के साथ संघ के पदाधिकारी एवं अधिकारी उपस्थित थे।

कैबिनेट फैसले में एससी-एसटी और ओबीसी छात्र-छात्राओं को मिली बड़ी राहत

देहरादून। उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा नौ तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के 42 हजार से अधिक छात्रों को पिछले वर्षों से अटकी छात्रवृत्ति मिल सकेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यह फैसला लिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में समाज कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव के तहत राज्य के बजट से आठ करोड़ 15 लाख 34 हजार रुपये जारी करने का निर्णय लिया गया। अब राज्य सरकार अपने बजट से इन छात्रों की छात्रवृत्ति देगी। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के करीब वर्ष 2017-18 व 2018-19 के 22 हजार 492 छात्रों के लिए तीन करोड़ 79 लाख 19 हजार रुपये की धनराशि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जबकि ओबीसी के वर्ष 2018-19 के छह हजार और वर्ष 2019-20 के 14 हजार 142 छात्रों के लिए चार करोड़ 36 लाख 15 हजार रुपये मंजूर किए गए।

कैबिनेट ने कोविडकाल में छात्रवृत्ति के आवेदनों में 100 प्रतिशत भौतिक सत्यापन न होने के कारण जिलाधिकारी को अधिकार दिया कि वह रैंडम आधार पर 10 प्रतिशत सूची का सत्यापन करेंगे। साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऑनलाइन फार्म भरने में यदि कोई गलती छूट जाती है तो आवेदन रद न किया जाए, बल्कि गलती सुधारने का अवसर दिया जाए।

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि बैठक में कुल 16 प्रस्ताव आए, जिनमें से 15 पर निर्णय हुआ, जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश राज्य के लिए आवंटित ऐसे कर्मचारी जो लंबे समय से उत्तराखंड में कार्यरत हैं, उन्हें यह लिखकर देना होगा कि वे उत्तराखंड कैडर में रहना चाहते हैं, लेकिन वरिष्ठता सूची में उन्हें उत्तराखंड मूल संवर्ग के कर्मचारियों से नीचे रहना होगा। ऐसा करने पर उनके वेतन या भत्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा।

निकाय में घर होने पर भी जिपं अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख सदस्यता नहीं जाएगी

परिसीमन के कारण जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के अध्यक्षों, ब्लाक प्रमुखों, व सदस्यों के घर यदि शहरी निकाय में आए हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त नहीं होगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायती राज अधिनियम के तहत संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कौशिक के मुताबिक, जब वे चुने गए थे, तब वे उनके घर ग्रामीण क्षेत्र में थे।

कुंभ के कार्य को कई हिस्सों में बांटने का अधिकार

कैबिनेट ने आयुक्त और मेलाधिकारी को कुंभ गतिमान और अस्थाई कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए उनके अधिकारों में बढ़ोतरी की है। वे एक कार्य को कई हिस्सों में बांट सकेंगे। उन्हें एक सप्ताह के भीतर टेंडर करने होंगे। स्वीकृत गतिमान कार्यों में आवश्यकता होने पर वे 50 प्रतिशत खर्च की सीमा स्वयं बढ़ा सकेंगे। राज्य सरकार ने आयुक्त को पांच करोड़ और मेलाधिकारी को दो करोड़ के काम कराने का अधिकार पहले ही दे रखा है।

यूपी की दो कार्यदायी संस्थाएं बाहर, आरईएस को 10 करोड़ के काम

कैबिनेट ने अपनी कार्यदायी संस्था की सूची से यूपी राजकीय निर्माण निगम और यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम को बाहर कर दिया है। राज्य की सूची में 21 कार्यदायी संस्थाएं हैं। साथ ही कैबिनेट ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग(आरईएस) को अब पांच करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ तक के कार्य करने का अधिकार दे दिया है। आरईएस शहरी निकाय व प्राधिकरण के कार्यों में सैंटेज नहीं लेगा।

अशासकीय स्कूलों और कॉलेजों के संस्कृत शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा

प्रदेश के अशासकीय स्कूल और कॉलेजों के संस्कृत के शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा। बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में इसके प्रस्ताव को पास किया गया। कहा गया कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में अशासकीय स्कूलों में पढ़ा रहे संस्कृत के शिक्षकों को अब तक दस हजार रुपये मानदेय मिलता था, लेकिन अब पांच साल से बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को 15 हजार रुपये मानदेय मिलेगा।

जबकि पांच से दस साल से पढ़ा रहे शिक्षकों को 25 हजार रुपये एवं दस साल से अधिक समय से पढ़ा रहे शिक्षकों को 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा जो शिक्षक यूजीसी के मानक के अनुसार पीएचडी और एमफिल करने वाले हैं उन्हें पांच हजार रुपये हर महीने अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा।

ये फैसले भी हुए
– हरिद्वार में ध्यानकुंज के समीप साधु संतों की भू समाधि के लिए सिंचाई विभाग की 4.384 हैक्टेयर भूमि दी जाएगी ।
– अल्मोड़ा में चैबटिया में दिगौत में केंद्रीय विद्यालय बनेगा। सिंचाई खंड की भूमि 0.206 हैक्टेयर भूमि निशुल्क आबंटित होगी।
– पर्यटन विकास परिषद में तकनीकी कर्मचारियों की छह पदों की मंजूरी।
– राज्य औषधि नियंत्रक सेवा नियमावली को मंजूरी।
– कोविड में ली गई 140 एंबुलेंस का संचालन मैसर्स कैंप संस्था करेगी। कुंभ में काम आएंगी ये एंबुलेंस। 132 एंबुलेंस पहुंची।