उत्तराखंड में भूमि उल्लंघन के मामलों में हो रही कार्यवाहीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में भू अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रदान की गई भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष भू उपयोग उल्लंघन के मामलों में तेजी से कार्यवाही गतिमान है। राज्य में उत्तराखंड भूमि अधिनियम की धारा 154 (4) (3) क के अंतर्गत कुल 532 प्रकरणों पर भूमि क्रय की अनुमति प्रदान की गयी है जिसके सापेक्ष भू उपयोग उल्लंघन के 88 मामले सामने आए हैं ऐसे उल्लंघन के 42 प्रकरणों पर धारा 166-167 के तहत वाद दायर किए गये हैं। जबकि अधिनियम की धारा 154 (4) (3) ख के तहत दी गई 963 भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष 172 प्रकरणों में भू उपयोग का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। जिसके विरूद्ध 112 मामलों में वाद दायर किए गये हैं। जबकि अधिनियम की धारा 154 (4) (1) क के अंतर्गत प्रदेश में भूमि क्रय के सापेक्ष भू उपयोग उल्लंघन के कुल 147 प्रकरणों पर कार्यवाही गतिमान है। जिसमें देहरादून के 77 में से 50 प्रकरणों पर, हरिद्वार में 20, पौड़ी में 17, टिहरी में 29 तथा उत्तरकाशी में 1 मामले में कार्यवाही गतिमान है। जबकि अल्मोड़ा के तीन मामलों में एक प्रकरण की भूमि राज्य सरकार में निहित की गई है।

प्रदेश में भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष भू उपयोग के उल्लंघन की दिशा में कुल 3.006 है0 भूमि की गई राज्य सरकार में निहित

प्रदेश में भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष भू उपयोग के उल्लंघन की दिशा में कुल 3.006 है0 भूमि राज्य सरकार में निहित की गई है। जिसमें कपकोट, बागेश्वर में मै0 त्रिलोक ग्रामोद्योग सेवा समिति को मौन पालन हेतु क्रय की गई 0.040 है0, रुद्रपुर, उधमसिंहनगर में एम0एस0 स्टैण्डर्ड स्प्लिन्ट्स लि0 द्वारा डी0 सेवत्था पांडे पुत्र दूरई राजन को 1.6530 है0, सिलटोना श्री कैंची धाम, नैनीताल में श्रीमती भावनी सिंह पत्नी श्री कुवर रघुराज प्रताप सिंह, सिंह निवास 5, बद्रीहाउस शाहजनफरोड़, लखनऊ को कृषि हेतु 0.555 है0, दिगोटी द्वाराहाट, अल्मोड़ा में कृषि हेतु 0.020 है0, कटारमल चौखुटिया, अल्मोड़ा में रैनाबाड़ी हैल्थ रिजार्ट को रिसोर्टस हेतु 0.713 है0, कोट्यूड़ा, अल्मोड़ा में प्रणव सिंह पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह, निवासी-प0 बंगाल को आवासीय प्रयोजन हेतु 0.025 है0 भूमि शामिल है।
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भूमि प्रबंधन तथा भू व्यवस्था एवं सुधार के लिए प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू हो गया है। इसी के साथ जनभावना के अनुरूप उत्तराखंड में कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर पूरी तरह रोक लग गई है। भू अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, और इस तरह की जमीनों को राज्य सरकार में निहित किया जा रहा है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड।

केंद्रीय मंत्री के आवास पर सीएम ने किया होली मिलन समारोह में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा के सरकारी आवास पर आयोजित पारंपरिक होली मिलन समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली पर्व प्रेम, सौहार्द तथा आपसी एकता का प्रतीक है। होली का पर्व हमारे समाज में सांस्कृतिक एकता और समरसता को भी सुदृढ़ करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि यह सामाजिक मेलजोल को प्रगाढ़ करने और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है। यह पर्व हमें आपसी भेदभाव भुलाकर एकता के सूत्र में बांधने की प्रेरणा देता है। उत्तराखंड की पारंपरिक बैठकी और खड़ी होली हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक हैं, जो समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश देता हैं।

प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। राज्य सरकार इसी संकल्प के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की एस.डी.जी. (सतत विकास लक्ष्य) रिपोर्ट 2023-24 में उत्तराखंड की सर्वाेच्च रैंकिंग प्राप्त करने की उपलब्धि राज्य सरकार के समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जिससे प्रतीत होता है कि उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

उत्तराखण्ड यू.सी.सी लागू करने वाला बना देश का पहला राज्य।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने इसे समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक बड़ा सुधार बताते हुए कहा कि यह जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप है। लंबे समय से इस पर चर्चा चल रही थी, और अब उत्तराखंड ने इसे लागू कर देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल पेश की है।

उन्होंने कहा कि यह अवसर उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए भी ऐतिहासिक है। उत्तराखंड में समाज में समानता स्थापित करने के लिए, समान नागरिक संहिता लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ बी.आर. अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यू.सी.सी. से राज्य में प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। साथ ही सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं। इसके लिए उन्होंने पूरे उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

सशक्त भू-कानून लागू करने की ऐतिहासिक पहल

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लागू सशक्त भू-कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उत्तराखंडवासियों की लंबे समय से उठ रही मांग को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, यह कानून प्रदेश के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लाया गया है। इससे राज्य के लोगों की जमीन सुरक्षित रहेगी और अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री पर रोक लगेगी।

समारोह में प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया। सभी अतिथियों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और पारंपरिक संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साक्षी बनें। लोकगीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लासमय बना दिया, जिसमें अतिथियों ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता रही।

इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राजसभा सांसद महेंद्र भट्ट, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन उपाध्यक्ष विनय रोहिल्ला, दिल्ली के विधायक मनोज शौकीन आदि उपस्थित थे।