केंद्रीय वन मंत्री के साथ सीएम ने किया राजाजी नेशनल पार्क का भ्रमण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव एवं प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को मोतीचूर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क का भ्रमण किया। इस अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से लाई गई एक बाघिन को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर वन क्षेत्र में बाड़े से छोड़ा गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क का यह क्षेत्र पर्यटन हब बने, लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने आएं, इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आज राजाजी नेशनल पार्क के मोतीचूर रेंज में एक बाघिन को छोड़ा गया है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाए रखने एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा उपस्थित थे।

वन भूमि हस्तांतरण के अधिकार का दायरा बढ़ाने का अनुरोध

नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित ”वन मंत्रियों की बैठक” में उत्तराखण्ड के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की।
बैठक में उत्तराखण्ड के वन मंत्री डाॅ. हरक सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की आशा के अनुरूप राज्य में प्लास्टिक को पहले काफी हद तक बैन कर दिया गया है। वन क्षेत्र में सुधार एवं वन क्षेत्र को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य का 29 प्रतिशत भू-भाग में ही कृषि और जनसंख्या रहती है बाकी पूरा क्षेत्र वन है उन्होंने कहा कि वन को संरक्षण किये जाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैम्पा फण्ड के तहत रूपये 2675 करोड़ का बजट स्वीकृत करते हुये उत्तराखण्ड के वन एवं वन्य जीव मंत्री डा0 हरक सिंह रावत को क्रास चैक सौंपा। ज्ञातव्य है कि कैम्पा फण्ड का प्रयोग राज्यों के वन क्षेत्र में इजाफा करना, वन क्षेत्र में जल संरक्षण और वन क्षेत्र की खराब भूमि को उपजाऊ बनाने में किया जाता है। उन्होनें केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड पहाड़ी एवं वन राज्य होने के कारण राज्य सरकार के पास एक हैक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार है जिसको बढ़ाकर 5 हैक्टेयर कर दिया जाये ताकि राज्य के विकास कार्य सुचारू रूप से हो सके।
केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि हिमाचल प्रदेश की तरह तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर 1000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी उम्र पार कर चुके परिपक्व वृक्षों के पातन अनुज्ञा हेतु अनुरोध किया ताकि उनके स्थान पर नये वृक्ष लगाये जा सकेगें ।
डाॅ, हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि वस्तुओं के बनाने पर पूरी तरह से रोक लगाने से ही इस प्रकार की वस्तुओं का प्रयोग बन्द किया जा सकता है। उक्त बैठक में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो व उत्तराखण्ड के अपर प्रमुख वन संरक्षक डाॅ. एस0डी0 सिंह एवं उत्तराखण्ड कैम्पा के सीईओ डॅा. समीर सिन्हा भी उपस्थित थे।