त्रिवेणी घाट पर अवलोकन केंद्र में दिखेगी गंगा तट की आबोहवा

ऋषिकेश की धड़कन विश्व प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट पर अब गंगा अवलोकन केंद्र बनेगा। यह अवलोकन केंद्र विश्व स्तरीय होगा। मेयर अनिता ममगाईं की ओर से अवलोकन केंद्र बनाने को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से मांग की गई थी। मेयर की ओर से मंत्रालय के उप सचिव को एक पत्र भी प्रेषित किया गया था।

मेयर अनिता के अनुसार, पत्र का संज्ञान लेकर मंत्रालय के उप सचिव ओपी मिश्रा ने प्रोजेक्ट मैनेजर नमामि गंगे उत्तराखंड को त्रिवेणी घाट में उपयुक्त स्थान चुनने, उसकी धार्मिक महत्वता और उसमें कितने लोगों का आना जाना रहेगा की रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।

मेयर ने बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर उदय राज की ओर से डीएम देहरादून व चेयरमैन डिस्ट्रिक्ट गंगा कमेटी को ज्वाइंट सर्वे के लिए अनुरोध किया गया है। मेयर ने कहा कि वह तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वह हमेशा प्रयासरत रही हैं। घाटों का डेवलपमेंट उनके घोषणा पत्र में प्रमुखता से शामिल रहा है। गंगा अवलोकन केंद्र पर्यटन की दृष्टि से शहर को चार चांद लगाएगा।

क्लीन गंगा के तहत मुनिकीरेती स्लज मैनेजमेंट प्लांट परियोजना के लिए मिले 8 करोड 67 लाख रूपए

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जल शक्ति मंत्रालय के नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत चोरपानी, मुनिकीरेती में स्लज मैनेजमेंट प्लांट परियोजना के लिए आठ करोड़ 67 लाख रूपये की प्रशासनिक और व्यय की स्वीकृति के साथ ही उत्तराखण्ड वन विभाग को ‘फोरेस्ट्री इनटरवेंशन फॉर गंगा’ के लिये 39 करोड़ 95 लाख 58 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।

जल शक्ति मंत्रालय के नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत चोरपानी, मुनिकीरेती में स्लज मैनेजमेंट प्लांट परियोजना के लिए 8 करोङ 67 लाख रूपये की प्रशासनिक और व्यय की स्वीकृति दी गई है। यह योजना शत प्रतिशत केन्द्र पोषित होगी। इस सम्बन्ध में स्पष्ट किया गया है कि स्वीकृति के दिनांक से चार माह के भीतर परियोजना अवार्ड कर दी जानी होगी, जबकि अवार्ड किए जाने के बाद 6 माह में इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड पेयजल निगम इसकी कार्यदायी संस्था होगी।

इसके साथ ही जल शक्ति मंत्रालय के नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा उत्तराखंड के वन विभाग को ‘फोरेस्ट्री इनटरवेंशन फॉर गंगा’ के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए 39 करोङ 95 लाख 58 हजार रूपये की प्रशासनिक और व्यय की स्वीकृति प्रदान की है। शत-प्रतिशत केंद्र पोषित इस परियोजना का उद्देश्य स्वच्छ गंगा में योगदान करना है। विशेष रूप से नदी क्षेत्र में भूगर्भीय व पारिस्थितिकीय पूर्णता को बनाए रखते हुए अनंत वन धारा विकसित करने का कार्य इसमें शामिल है।