मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जहाँ एक ओर यूजेवीएनएल (उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड) को न्यायालयों में अपने लम्बित वादों को शीघ्र निस्तारण हेतु डेडिकेटेड फॉलोअप के साथ मिशन मोड पर कार्य करने के सख्त निर्देश दिए हैं, वहीं यूपीसीएल को राज्य में विद्युत चोरी पर सख्ती करते हुए विजिलेंस टीमों को सक्रिय करने को भी कहा। इसके साथ ही सीएम धामी ने पिटकुल को अपने सबस्टेशनों के क्षमता वृद्धि के कार्य को समयबद्धता से पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिकारी सभी हाइडल प्रोजेक्टस को पूरा करने के लिए ऑनरशिप लें तथा प्रोजेक्टस को निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए समर्पित होकर कार्य करें। उन्होंने उरेडा को कमर्शियल बिल्डिंग्स तथा हाउसिंग सोसाइटीज में रूफ टॉप सोलर पावर पलान्टस को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए है। लखवाड़ जल विद्युत परियोजना की प्रगति का विशेष संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्बन्धित कार्यदायी संस्था को समयबद्धता से कार्य करने हेतु अपनी स्थिती स्पष्ट करने के सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल को वर्ष 2024 तक सुरिनगाड, मदमहेश्वर तथा 17 मेगावाट की सोलर प्रोजेक्टस के अपने तय लक्ष्य को पूरा करने तथा वर्ष 2027 तक गुप्तकाशी तथा 93 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्टस, वर्ष 2030 तक लखवाड़, सिकारी भ्योल, त्यूनी प्लासू, पैनागाड, जिम्बागाड, सेला उंथिंग, अराकोट त्यूनी प्रोजेक्टस को पूरा करने के अपने लक्ष्य पर मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग समीक्षा बैठक ली।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की व्यवस्था का भी शुभारम्भ करेंगे। यूपीसीएल द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य में 2025 तक लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं पर स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके साथ ही इनर्जी एकाउनिंटंग के लिये 59212 वितरण परिवर्तक एवं 2602 पोषकों पर स्मार्ट मीटरिंग की स्थापना का भी लक्ष्य है। 5 शहरों हरिद्वार, रूड़की, काशीपुर, रूद्रपुर एवं हल्द्वानी में स्काडा तथा डीएमएस की स्थापना की जाएगी। 2025-26 तक 35 नए 33/11केवी सबस्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही 2025-26 तक 96 33/11 केवी सबस्टेशनों का सुदृढीकरण किया जाएगा। इसी अवधि में देहरादून शहर में 243 किमी एचटी लाईन एवं 152 किमी एलटी लाईन का भूमिगतिकरण, हल्द्वानी शहर में 8 किमी 33 केवी लाइन एवं 80 किमी 11 केवी लाईन का भूमिगतिकरण तथा अन्य सर्किलों में 108 किमी 33 केवी लाईन एवं 142 किमी 11 केवी लाईन का भूमिगतिकरण किया जाएगा।

उरेडा द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य में 1से 2 वर्षाे में सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों पर 3000 सोलर स्ट्रीट लाइट संयत्रों को लगाने, राज्य के विभिन्न सरकारी भवनों पर 2000 किलोवाट के नेट मीटरिंग आधारित ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लान्ट संयत्रों की स्थापना, प्रदेश के सरकारी संस्थानों, हॉस्पिटल, हॉस्टल, कैन्टीन एवं मैस में स्टीम तथा ई कुकिंग संयत्रों की स्थापना तथा सरकारी भवनों, छात्रावासों आदि में सम्मिलित क्षमता 40000 लीटर प्रतिदिन के सोलर वाटर हीटर संयत्रों की स्थापना का लक्ष्य है।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव वी षणमुगम, रंजना राजगुरू, विनय शंकर पाण्डेय, यूजेवीएनएल, पिटकुल तथा यूपीसीएल के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने बिजली चोरी रोकने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड एवं उरेडा की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने उद्योग एवं आमजन की समस्याओं को देखते हुए यूपीसीएल को कम से कम विद्युत कटौती करते हुए विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी रोकने के साथ ही लाइन लॉस आदि को लगातार कम करने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने पेड़ों की लॉपिंग के लिए यूपीसीएल और वन विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि आंधी-तूफान जैसी परिस्थितियों में विद्युत लाइनें न टूटें और विद्युत आपूर्ति बाधित न हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सोर्स ऑफ एनर्जी बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यूजेवीएनएल को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन और भारत सरकार के स्तर पर लंबित सभी मामलों को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को उनके सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस आदि के सम्बन्ध में वन विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर प्रकरणों को निस्तारित करते हुए प्रोजेक्ट्स को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उरेडा को भी सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उन राज्यों, जिन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, द्वारा किए गए कार्यों और नवोन्मेषी सुझावों का भी अध्ययन कर राज्य में अपनाए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, तीनों निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।