भ्रष्ट अफसरों की 2021 में सिर्फ पांच गिरफ्तारी, 2024 में 38 तक पहुंची गिरफ्तारियों की संख्या

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए खुली छूट प्रदान की हुई है। इसका असर, साल दर साल बढ़ते विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों की संख्या में रूप में नजर आ रहा है। यही नहीं मजबूत साक्ष्य के आधार विजिलेंस गत साढ़े चार साल में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने में कामयाब रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर रुख साफ कर दिया था। इसका साफ असर विजिलेंस की कार्यवाही में नजर आ रहा है।

बीते चार साल में बडे से बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साल दर साल विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों के साथ ही सजा के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप में 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते साढ़े चार साल से विजिलेंस के पास कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच के बाद 82 ट्रैप किए गए। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ठोस साक्ष्य और मजबूत पैरवी से कोर्ट में सजा की दर को भी 71 प्रतिशत तक ले जान में कामयाब रही है। इससे साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार की समस्या को जड़ से खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी किया है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अंतिम फैसला आने तक आरोपियों को पूर्व के दायित्व या अहम जिम्मेदारी नहीं देने के साथ ही ट्रैप के मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी जाने के निर्देश दिए हैं।
भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार जारी
वर्ष गिरफ्तारी निर्णय सजा
2021 07 02 02
2022 15 03 01
2023 20 18 16
2024 38 13 07
2025 14 03 02
(नोट साल 2025 के आंकड़े जुलाई 15 तक के हैं)

बड़े बड़ों को किया गिरफ्तार

01-लोनिवि एई
नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को ठेकेदार से ₹10 हजार रिश्वत मांगने पर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया ।

02-यूपीसीएल जेई
देहरादून के हरबर्टपुर सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

03-एलआईयू कर्मी
नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

04-रोडवेज एजीएम
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को अनुबंधित बस संचालन के बदले 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

05-खंड शिक्षा अधिकारी
हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया।

06-जीएसटी सहायक आयुक्त
देहरादून में कार्यरत जीएसटी सहायक आयुक्त को 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

07-जिला आबकारी अधिकारी
रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करते हुए, सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। इसी क्रम में मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार संभालने के दिन से ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के निर्देश दिए, जिसका असर अब नजर आ रहा है। भ्रष्टाचारियों को अंतिम अदालत सजा दिलाए जाने के लिए भी मजबूत पैरवी की जा रही है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड।

10 हजार की घूस लेते कानूनगो रंगेहाथ गिरफ्तार

देहरादून की डोईवाला तहसील में विजिलेंस ने एक कानूनगो को 10 हजार रुपये रिश्‍वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। कानूनगो पांच-पांच हजार रुपये प्रति फाइल के नाम पर रिश्‍वत मांगी थी। आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने टोल फ्री नंबर पर बताया कि मोतीलाल न्‍यू श‍िव मार्केट शास्‍त्रीनगर ज्‍वालापुर हर‍िद्वार रिश्‍वत मांग रहा है। जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता की मां अपने दो भूखंडों को कृषि भूमि से अकृषि भूमि घोषित करने के लिए 31 अक्‍टूबर 2021 को आवेदन किया था। दोनों रकबों की अलग अलग पत्रावली पर रिपोर्ट लगाने के लिए शिकायतकर्ता ने कानूनगो मोतीलाल से कई बार संपर्क किया।
जिस पर कानूनगो ने प्रति फाइल पांच हजार रुपये समेत कुल 10 हजार रुपये की रिश्‍वत मांगी। जांच सही पाए जाने के बाद ट्रैप टीम गठिति की गई। बुधवार को कानूनगो मोतीलाल पुत्र स्‍व. शिकलचंद निवासी न्‍यू श‍िव मार्केट शास्‍त्रीनगर ज्‍वालापुर हरिद्वार, हाल तैनाती कानूनगो डोईवाला को शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपये तहसील कार्यालय से रंगेहाथ गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक सतर्कता सेक्‍टर देहरादून रेनू लोहानी ने बताया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।

आखिरी समय में सरकार ने मृत्यंजय मिश्र की बहाली कर विवाद को दिया जन्म

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर मृत्युंजय मिश्रा को बहाल करके प्राइम पोस्टिंग देने के मामले में उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है। विजिलेंस ने शासन को लिखे पत्र में कहा है कि आयुर्वेद विवि के कुलसचिव के पद पर मृत्युंजय मिश्रा की पोस्टिंग उचित नहीं है। क्योंकि मिश्रा के खिलाफ जांच के बाद केस अदालत में ट्रायल पर है।
बता दें कि इस मुक़दमे में गवाह भी आयुर्वेद विवि के अधिकारी हैं। ऐसे में यदि मिश्रा यहां कुलसचिव रहेंगे तो गवाहों पर दबाव बनाने की आशंका रहेगी। विजिलेंस की चिट्ठी के बाद इस मामले में शासन के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका संदिग्ध होने के साथ पूरी सरकार कटघरे में आ गयी है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए बस इतना ही कहा कि वह इस मामले को दिखवा रहे हैं।
आपको बता दें कि सरकार ने डा मृत्युंजय कुमार मिश्रा का निलंबन समाप्त कर उन्हें उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर बहाल कर दिया है। साथ ही डा. मिश्रा को निलंबन अवधि का वेतन भुगतान नियमानुसार करने के आदेश भी दिए गए हैं। आयुष शिक्षा सचिव चंद्रेश कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
आदेश में बताया गया कि डा मिश्रा के खिलाफ 25 जुलाई, 2018 से जारी सतर्कता जांच के क्रम में विभागीय स्तर पर जांच अधिकारी की नियुक्ति और विभागीय अनुशासनिक जांच कराने को शासन ने औचित्यपूर्ण नहीं पाया है। डा. मिश्रा का निलंबन इस प्रतिबंध के साथ समाप्त किया गया है कि सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट प्रशासनिक विभाग को प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर यथोचित कार्यवाही की जाएगी। मृत्युंजय मिश्रा को 27 अक्टूबर, 2018 को कुलसचिव पद से निलंबित कर आयुष शिक्षा सचिव कार्यालय से संबद्ध किया गया था। तीन दिसंबर, 2018 को मिश्रा को गिरफ्तार कर जिला कारागार में भेजा गया था।
उधर, आयुष शिक्षा सचिव ने अलग आदेश जारी कर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में ही कुलसचिव पद पर अस्थायी रूप से तैनात किए गए डा राजेश कुमार अदाना को उप कुलसचिव का प्रभार दिया गया है। नियमित उप कुलसचिव की तैनाती तक यह प्रभार सौंपा गया है। डा राजेश कुमार को इस प्रभार के लिए अलग से वेतन-भत्ते देय नहीं होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।