यात्रियों से भरी बस में लगी आग, हादसा टला

राजस्थान की एक प्राइवेट बस मध्यप्रदेश के यात्रियों को लेकर तीर्थनगरी पहुचंी। जिसमें तहसील चौक के निकट आग लगने से हड़कंप मच गया। अगर मौके पर दलकल कर्मी न पहुंचते तो बड़ा हादसा हो सकता था।

सोमवार को मध्यप्रदेश के 55 यात्रियों का एक जत्था राजस्थान के चित्तौडगढ़ से ओम शांति ट्रेवल एजेंसी की बस से अमरनाथ दर्शन के लिए गया था। अमरनाथ दर्शन के बाद यह लोग इसी बस से ऋषिकेश-हरिद्वार के दर्शन के लिए आ गए। रविवार को यात्रियों ने हरिद्वार में विश्राम किया, जबकि सोमवार को जत्थे में शामिल 45 यात्री ट्रेवल एजेंसी की बस से ऋषिकेश घूमने के लिए आ गए।

बाइपास मार्ग पर तहसील तिराहे के समीप अचानक बस के पिछले टायर में आग लग गई। जिससे बस के भीतर भी धुंआ भरने लगा। बस चालक ने तिराहे समीप ही सड़क पर बस खड़ी कर दी। देखते ही देखते बस आग की लपटों से घिर गई और बस के चारों ओर से काला धुंआ उठने लगा। इससे बस में बस में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया।

इसको जहां से रास्ता मिला वह बाहर कूद गया। स्थानीय लोगों ने दमकल केंद्र को इसकी सूचना दी। घटनास्थल से चंद मिनट की दूरी पर स्थित दमकल केंद्र से तत्काल दमकल दस्ता मौके पर पहुंचा और करीब आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। जिससे आग बस के ऊपरी हिस्से में नहीं पहुंची। सरेराह बस में लगी आग को देखने के लिए मौके पर भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई। जिस जगह पर बस में आग लगी वहीं सड़क के दूसरी ओर पेट्रोल पंप भी स्थित है।

चित्तौडगढ़ राजस्थान की ओम शांति ट्रेवल एजेंसी की जिस बस में ऋषिकेश में आग लगी। उसमें तीन रसोई गैस सिलेंडर भी रखे हुए थे। बस के पिछले टायर में सबसे पहले आग लगी थी। जब दमकल की टीम आग बुझाने का प्रयास कर रही थी तो अधिकारियों ने बस के चालक पप्पू सिंह से बस में किसी तरह की ज्वलनशील वस्तु होने की बात भी पूछी, मगर चालक ने इन्कार कर दिया। मगर, जब आग पर काबू पाने के बाद दमकल कर्मियों ने पिछले टायर के ऊपर बनी डिग्गी को खोला तो तीन रसोई गैस सिलेंडर रखे मिले, जिससे बचाव दल के भी होश उड़ गए।

जिस डिग्गी में यह सिलेंडर रखे थे, वहां रसोई का अन्य सामान भी रखा था, जो आग से जल गया। इतना ही नहीं रसोई गैस सिलेंडर भी आग से काले पड़ गए थे। इस पर दमकल कर्मियों ने चालक को फटकार लगाई।

पेट्रोल पंप के अग्निशमन संयंत्र बेकार तहसील तिराहे पर बस में आग लगने के बाद आसपास के लोग सबसे पहले समीप ही स्थित पेट्रोल पंप से अग्निशमन यंत्र लेने पहुंचे। पेट्रोल पंप संचालकों ने स्थानीय लोगों को कुछ छोटे उपकरण थमा दिए। लोगों ने जब इन उपकरणों से आग बुझाने की कोशिश की तो गैस नहीं बल्कि बुरादा बाहर निकला। जब गौर से देखा तो पता चला कि सभी उपकरण की उपयोग तिथि समाप्त हो चुकी है। अनुमान लगाया जा सकता है कि अग्निशमन विभाग संवेदनशील संस्थानों में सुरक्षा को लेकर किस तरह गंभीर है।