दो सप्ताह से प्यासे है इन्द्रानगर के लोग

ऋषिकेश।
गर्मियों की शुरूआत में ही क्षेत्र में पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है। रविवार को इंद्रानगर के ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी सजवाण के नेतृत्व में जल संस्थान के खिलाफ खाली बाल्टियों के साथ प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि गांव में पिछले 10 दिनों से जलापूर्ति की समस्या बनी हुई है। लगभग 200 घरों में पानी की बूंद तक नहीं टपक रही है। जिसके कारण लोग अपने रोजमर्रा के कामकाज भी नहीं निपटा पा रहे हैं। बताया कि पेयजल संकट के संबंध में जल संस्थान के अधिकारियों को कई बार लिखित और मौखिक शिकायत की है। बावजूद इसके हालात नहीं सुधर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना था कि यही स्थिति रही तो गर्मियों में हालात और भी खराब हो सकते हैं। चेताया कि इंद्रानगर क्षेत्र में सोमवार तक नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित नहीं हुई, तो मंगलवार को ग्रामीण संस्थान कार्यालय पहुंचकर तालाबंदी करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी विभाग की ही होगी।
प्रदर्शन में जगत सिंह नेगी, सरोज नेगी, सुशीला पोखरियाल, मुकेश कंडवाल, गीता शर्मा, देवेश्वरी देवी, सुषमा देवी, कुसुम, राज शर्मा, ओमवती, सुमित थपलियाल, मीना कंडवाल, कुसुम अग्रवाल, उषा देवी, राजीव गर्ग, संजय पाल, परमजीत, भूषण रयाल, भगवती देवी, माया, रेखा देवी, संजय झा, रूपा थापा, रमेश रानी, अंशिक, अनिका आदि शामिल थे।

गोदाम संचालक की हरकतों से लग रहा जाम

ऋषिकेश।
हरिद्वार रोड का लिंक मार्ग होने और प्राइवेट बसों के हरिद्वार जाने के लिए मुख्य मार्ग होने से इस मार्ग पर ट्रैफिक अधिक रहता है। रेलवे रोड पर एक प्राइवेट गोदाम पर आने-जाने वाले माल वाहनों की संख्या अधिक होने से जाम लगना आम बात है। सड़क पर लोडिंग होने और कर्मचारियों के दोपहिया वाहन खड़े होने से आधी सड़क तो पहले ही घिर जाती है। वहीं छोटे माल वाहन गोदाम से माल भरने के लिए सड़क पर लाइन लगाकर खड़े रहते हैं जिससे इस पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई है।
स्थानीय लोग गोदाम संचालक को कई बार मौखिक रूप से वाहनों को सड़क पर पार्क नहीं करने की हिदायत दे चुके हैं। बावजूद इसके गोदाम से पहली गाड़ी बाहर नहीं आ पाती है कि दूसरी गाड़ियां सड़क पर लग जाती हैं। एक दिन में दो से तीन ट्रक और 10 से 12 छोटी-बड़ी गाड़ियां प्रतिदिन लोड हो रही हैं। यह मार्ग हरिद्वार रोड का लिंक मार्ग है। प्राइवेट बसें चीला मार्ग से हरिद्वार जाती है। वे इसी मार्ग का उपयोग करती हैं।

सड़क पर खड़े हो रहे वाहनों से स्थानीय लोग परेशान हैं। इस मार्ग पर ट्रैफिक अधिक है। बावजूद इसके सड़क पर वाहन खड़े हो रहे हैं। सड़क पर वाहन खड़ा रहने से राहगीरों को भी परेशानी हो रही है। पुलिस को मामले का संज्ञान लेना चाहिए।
हरीश तिवाड़ी, स्थानीय सभासद नगर पालिका ऋषिकेश।

पानी की समस्या से जूझ रहे गीतानगरवासी

ऋषिकेश।
गीतानगर के लोग गुरुवार को जल संस्थान के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने जलकल अभियंता को क्षेत्र में पानी नहीं आने की समस्या बताई। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में लो प्रेशर के कारण कई घरों में नियमित पानी नहीं आ रहा है। कुछ बुजुर्ग ने मांग कि उनके क्षेत्र में पानी सप्लाई के वॉल्ब से छेड़खानी न की जाए। जब-जब विभाग के कर्मचारी किसी को फायदा पहुंचाने के लिए वॉल्ब से छेड़छाड़ करते हैं तो क्षेत्र में पानी की समस्या गहराने लगती है।
लोगों में नाराजगी थी कि जल संस्थान लोगों की समस्याओं को लेकर मौका मुआयना नहीं करता है। इसपर जलकल अभियंता अरुण विक्रम सिंह रावत ने पानी की समस्या को लेकर मौका करने करने की बात कही। बताया कि शीघ्र ही समस्या से निजात मिल सकेगी। ज्ञापन देने वालों में ज्योति सजवाण, सत्य प्रसाद कोठारी, जय सिंह जरधारी, प्रकाश जरधारी, यशपाल राणा, देवेन्द्र शर्मा, गिरीश कोठारी, महेश्वर प्रसाद, राजीव बड़ोनी, अनिकेत गुप्ता, विजय बड़ोनी, प्रवीन कुमार, अशोक बोड़ाई, अनुसुया प्रसाद, विनोद, सत्य प्रसाद, नवीन अग्रवाल, महेश कोठारी, कुलदीप, मुकेंश सिंह आदि शामिल रहे।

स्पीड पोस्ट से दिया तलाक, पीड़िता ने मोदी और योगी से मांगी मदद

लखनऊ।
मूलरूप से इलाहाबाद की आलिया एक कम्पनी चलाती हैं। उनका निकाह चार माह पहले (23 नवंबर 2016) हुआ था। आरोप है कि शादी के समय ही दहेज के रूप में एक फार्च्यूनर गाड़ी और 25 लाख रुपए की मांग ससुरालियों ने की थी, जिसे लेकर थोड़ा बवाल भी हुआ था। मामला किसी तरह से शांत हुआ और निकाह हो गया। निकाह के बाद ही ससुरालियों ने सभी गहने ले लिए और उन्हें पति के साथ एक होटल में छोड़कर अपने कन्नौज जिले में स्थित अपने पैतृक गांव लौट गए।
अगले दिन जब वह ससुराल पहुंचीं, तो वहां उन्हें पता चला कि उनके पति की एक शादी पहले ही हो चुकी है। आलिया का आरोप है कि उन्होंने विरोध दर्ज कराया तो यह बताते हुए ससुराल से निकाल दिया गया कि पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। वह कानपुर के अशोकनगर स्थित घर लौट आईं, जहां उनकी मां रहती हैं। पिता का निधन हो चुका है। दो भाई हैं, जो विदेश में रहते हैं। एक बार उन्होंने फिर ससुराल जाने का प्रयास किया लेकिन लौटा दिया गया। उन्हें यह भी जानकारी मिली कि पहली बीवी से उनके पति का तलाक नहीं हुआ है।
आलिया ने बताया कि 30 जनवरी को एक स्पीड पोस्ट आया। स्पीड पोस्ट को खोलते ही उनके होश उड़ गए। उसमें तीन तलाक के कागजात थे। इन कागजात के अनुसार, आलिया को पहला तलाक शादी वाले दिन ही शाम को दे दिया गया था। दूसरा तलाक बीते साल 22 दिसंबर को दिया गया। तीसरा तलाक 22 जनवरी-17 को दिया गया और कागजात पोस्ट से भेज दिए गए।
आलिया ने इस तलाकनामे पर सवाल उठाया है कि स्पीड पोस्ट से तीन तलाक कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि वह इस लड़ाई को जरूर लड़ेंगी। उन्होंने इस मामले में कानून की भी शरण ली है। फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं। आलिया ने राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से इस मामले में न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ट्वीट कर उन्होंने मामले की जानकारी दी है।

बरसात से कीचड़ में तब्दील हुई सड़क

ऋषिकेश।
गंगा नगर और हनुमंतपुरम को जाने वाले मुख्य मार्ग की सड़क बारिश से कीचड़ में तब्दील हो गई। जिससे दुपहिया वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी हुई। एक माह से भी अधिक का समय बीत गया है, लेकिन सड़क निर्माण को लेकर पालिका गंभीर नहीं है। बुधवार तड़के से रुक-रुककर हो रही बारिश ने गंगानगर व हनुमंतपुरम के लोगों की समस्या बढ़ा दी है। हरिद्वार मार्ग से सटे और ऋषिकेश पब्लिक स्कूल को जाने वाले मुख्य मार्ग के खस्ता हाल में होने से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पूरी सड़क बारिश के पानी के कारण कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। कीचड़ के चलते कई के वाहन रपटे तो कई राहगीर भी फिसले। कुछ माह पूर्व पालिका ने नाले के पाइप डालने के लिए सड़क को खोद डाला था, लेकिन निर्माण कार्य सुस्त होने के चलते महिनों से सड़क उधड़ी पड़ी है। नगर का मुख्य स्कूल ऋषिकेश पब्लिक स्कूल भी इसी मार्ग पर है। स्कूल आते जाते अभिभावकों व छात्रों को परेशानी हो रही है। व्यस्तम मार्ग होने के बावजूद भी नगर पालिका की इस ओर सुस्ती आम लोगों पर भारी पड़ रही है।

विरोध के बीच खुलीं शराब की दुकानें

ऋषिकेश।
नेशनल और स्टेट हाईवे से शराब की दुकानें हटाकर आबादी क्षेत्र में खोलने का मार्च के तीसरे हफ्ते से ही विरोध चल रहा है। महिलाएं आबादी के आसपास शराब के ठेके खोलने के पक्ष में नहीं हैं। इसके चलते रायवाला, रानीपोखरी, लालतप्पड़ और डोईवाला में भी महिलाओं का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। रायवाला, प्रतीतनगर में महिलाएं ग्रामीणों के साथ देर शाम तक धरने पर डटी रहीं। यही स्थिति लालतप्पड़ और डोईवाला की भी रही।
रानीपोखरी के शांतिनगर क्षेत्र में भी ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है। हालांकि इसके बाद भी मंगलवार सुबह 10 बजे तक यहां अंग्रेजी और देसी शराब की दुकानें खुल गईं। हालांकि महिलाओं के प्रदर्शन के कारण दुकान पर ग्राहकों की आमद न के बराबर ही रही। महिलाएं देर शाम तक ठेके के सामने ही बैठी रहीं। उन्होंने आबकारी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि क्षेत्र में शराब के ठेकों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जीरो जोन में वाहन नही होंगे खड़े: एसपी

ऋषिकेश।
कोतवाली में एसपी देहात श्वैता चौबे ने व्यापारियों से दो टूक कहा कि शहर में जाम एक बड़ी समस्या है। इसलिए इससे निपटने को पुलिस ने प्लान बनाया है। पहले चरण में जीरो जोन में वाहन खड़े नहीं होने दिए जाएंगे। साथ ही ठेली-फड़ लगाने वालों को हटाने के साथ ही चालान काटे जाएंगे। इसके बाद हरिद्वार मार्ग पर दुकान बढ़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हरिद्वार मार्ग पर दुकान आगे बढ़ाने से ही जाम लग रहा है। रेलवे रोड पर ऑटो फिर से संचालित हो सकेंगे जबकि तिलक मार्ग पर ऑटो-विक्रम प्रतिबंधित रहेंगे। इस अवसर पर उद्योग व्यापारमंडल अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल महामंत्री जयदत्त शर्मा, विनोद शर्मा, नवल कपूर, श्यामलाल, संजय व्यास, गिरीश गुप्ता, विजेन्द्र सजवाण, मनोज ध्यानी, कुंवर सिंह रावत, श्रवण जैन, सोमनाथ अरोड़ा, लोकेश तायल, हरि मोहन, अमित पाल, संतोष दुबे, सुनील कुमार, ललित मोहन कुड़ियाल, बृजभान, राधेश्याम व्यास, दिनेश कोठियाल, भीमपाल सिंह, पवन शर्मा, पंकज गुप्ता, प्रदीप गुप्ता आदि मौजूद थे।

पार्कों के रखरखाव में पालिका फिसड्डी

ऋषिकेश।
नगर में दो दर्जन से अधिक पार्क है। अधिकतर पार्क नगर पालिका ऋषिकेश की देखरेख में है। लेकिन सौंदर्यकरण के अभाव में पार्क लोगों के आकर्षण का केन्द्र नही बन पा रहे है। नगर पालिका में स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय पार्क में झूले तो लगे है। लेकिन पार्क क्षेत्र में पानी जमा हुआ है। बरसाती पानी की निकासी नही होने से जगह-जगह कीचड़ है। गोबिन्द नगर स्थित पार्क अब आंगनबाड़ी केन्द्र में तब्दील हो चुका है। पार्क में झूले नही है, सिर्फ छोटा सा ग्रांउड शेष है।
देहरादून रोड स्थित पार्क की हालत तो किसी ट्रंचिंग ग्राउंड से कम नही है। पार्क में गंदगी का ढेर लगे होने से बदबू आ रही है। ऐसे में पार्क के अंदर तो दूर कोई उसके पास से भी नही गुजरना चाहता है। नगर पालिका क्षेत्र के अन्य वार्डो में भी पार्क है, लेकिन इन पार्कों की स्थिति भी संतोषजनक नही है। शहर में पार्क होने से बच्चों और बुजुर्ग को बड़ी राहत मिलती है। जहां बच्चे झूले झूलने के लिए पार्कों में आना चाहते है। वहीं, बुजुर्ग भी सुबह शाम की सैर सपाटा करने के लिए पार्कों को मुफीद मानते है।
नगर पालिका क्षेत्र में इन पार्कों की सुध लेने वाला कोई नही है। पालिका जहां बजट की कमी बताकर पार्कों के सौंदर्यकरण से अपने हाथ पीछे खींच देती है। वहीं स्वयंसेवी संस्थायें व कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए गठित समितियां भी पार्कों के सौंदर्यकरण को लेकर उदासीन बनी हुयी है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि नगर पालिका ऋषिकेश को पार्क सौंदर्यकरण के नाम पर कोई बजट नही मिलता है। सीमित संसाधनों में पार्क का सौंदर्यकरण करना मुश्किल है। हां साफ सफाई और गंदगी के ढेर लगे होने पर पार्कों की सफाई करायी जायेगी।

नगर पालिका ऋषिकेश ने जब्त की बारह किलो पॉलीथिन

ऋषिकेश।
बुधवार को नगर पालिका ऋषिकेश की टीम ने काले की ढाल हरिद्वार रोड पर पॉलीथिन के खिलाफ अभियान चलाया। टीम ने अलग-अलग दुकानदारों से करीब बारह किलो प्रतिबंधित पॉलीथिन के कैरीबेग जब्त किए। इसके साथ ही टीम ने दो हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला। इस दौरान कई दुकानदारों की टीम के साथ झड़प भी हुई, लेकिन कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई की जानकारी मिलने पर लोगों का विरोध टीम के आगे टिक नहीं सका।
ऋषिकेश में कोर्ट के आदेश के बाद भी पॉलीथिन के कैरीबेग का प्रयोग नहीं रुक रहा है। प्रतिबंध के बावजूद भी पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। प्रशासन और पालिका की टीम पॉलीथिन के प्रयोग पर अब जुर्माने की कार्रवाई कर रही है, लेकिन दुकानदार और लोगों में अब भी इस ओर जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है। अभियान के दौरान पालिका की टीम में सहायक अभियंता आनंद मिश्रवाण, सफाई निरीक्षक सचिन रावत, अरविन्द डिमरी, तरुण लखेड़ा, भरत जोशी आदि शामिल थे।

साहब बच्चे बिगड़ जाएंगे, हमारे गांव में शराब का ठेका मत भेजो।

ऋषिकेश।
साहब बच्चे बिगड़ जाएंगे, हमारे गांव में शराब का ठेका मत भेजो। गांव के विकास के लिए प्राइमरी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, सरकारी हॉस्पिटल और डीपीएस स्कूल खुलने वाला है। ऐसे में शराब का ठेका आ जाने पर गांव का माहौल खराब हो जाएगा। कुछ इस तरह की फरियाद रानीपोखरी ग्रांट के शांतिनगर गांव के लोग ने एसडीएम ऋषिकेश से कर रहे थे।
हाईवे से स्थानांतरित होकर गांव में शराब का ठेका जाने की सूचना पर शांतिनगर के ग्रामीण एसडीएम ऋषिकेश के दफ्तर में आ धमके। उन्होंने एसडीएम वृजेश कुमार तिवारी से गांव में ठेका न खोलने की विनती की। साथ ही चेतावनी दी कि अगर विरोध के बावजूद ठेका खोला गया तो ग्रामीण आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
गांव में शराब का ठेका हस्तांतरित होने की सूचना पर शांतिनगर के ग्रामीणों ने बैठकर विरोध की रणनीति भी बनाई। ज्ञापन में अमित शाह, प्रेम पुंडीर, अमर सिंह रावत, तिलक बहादुर, चन्द्र सिंह बिष्ट, सुनील यादव, अनिल सिंह, दीपक, अमर, शेर बहादुर, किरन, पुष्पा, प्रशंसा, सुष्मिता, लक्ष्मी, शांति, उषा चौहान, जय बहादुर, शीला, शारदा, हीरा, आशा देवी, चन्द्रकला, दीपा शर्मा, सारिका, केशमाला, सुनिता, ललित, तारा, ममता, लक्ष्मी देवी, सुनीता, नीलम जोशी, गंगा, राम, सुशीला, भानू देवी, उत्तम देवी, चान बहादुर आदि के हस्ताक्षर है।