देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन के तत्वावधान में मुम्बई कौथिग सीजन-15 का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नवी मुंबई में आयोजित मुम्बई कौथिग सीजन-15 में प्रतिभाग कर कौथिग का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन जैसी संस्थाएं न केवल अपने सामाजिक दायित्व को पूरा कर रही हैं बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौथिग में भारी संख्या में आए दर्शकों और श्रोताओं को देखकर इस कार्यक्रम की सफलता का पता चलता है, जिसका श्रेय देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन की पूरी टीम को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब-जब उत्तराखंड के दौरे पर आते हैं तो इस बात का विशेष रूप से जिक्र करते हैं कि 21 वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कहे अनुसार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, जिसके लिए ढाई हजार करोड़ के एमओयू का हमने लक्ष्य तय किया था लेकिन हमने इससे कहीं ज्यादा साढ़े तीन लाख करोड़ के न केवल एमओयू किये बल्कि अब तक लगभग 46 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग भी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई है कि यहाँ पर पहाडों के लोक गीत, लोक नृत्य और संस्कृति के विविध रूप दर्शकों को देखने के लिए मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत की ताकत को पहचानेगी तथा इसके विस्तार के लिए आगे आएगी। उन्होंने कहा कि इस बार का कौथिग उत्तराखंड के पर्यटन, विकास और स्वरोजगार को समर्पित है। यह अद्वितीय आयोजन जहां एक ओर पर्यटकों को उत्तराखंड की सुंदरता से परिचित कराएगा, वहीं उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास और पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी प्रमोट करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर और पर्वतों के बिना हमारी जीवन रूपी रेखा अधूरी है, जैसे मुंबई के सागर की लहरें और हमारे उत्तराखंड के पहाड़, दोनों हमें कुछ न कुछ सीखने के लिए प्रेरित करते हैं। दोनों की गंभीरता ,दोनों की सुंदरता,दोनों की शालीनता हमें सीख देती है कि चाहे कुछ भी हो जाए ,जीवन में हारना नहीं है। यह संबंध हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी, चाहे कहीं भी हों, एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश और दुनिया का नम्बर वन पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण जल्द ही वैश्विक पटल पर सबसे बड़े कल्चरल हब के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि आज पहाड़ी समाज को हर क्षेत्र में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है तो उसके पीछे हमारा लंबा संघर्ष, परिश्रम और सादगी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने 60-70 साल पहले जब महाराष्ट्र का रुख किया था तब वे छोटे कामों तक सीमित थे, परन्तु आज वक्त बदल गया है। आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां उत्तराखंड के लोग आपको न मिलते हों।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कौथिग के इस मंच पर आज उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में खड़ा हूं तो ये इस बात का द्योतक है कि हम तरक्की कर रहे हैं। उन्होंने प्रवासियों से आह्वान किया कि आप अपनी बोली-भाषा, संस्कृति और संस्कारों को न भूलें। क्योंकि जो समाज अपनी बोली भाषा और संस्कृति से दूर हो जाता है, उसका पतन उसी दिन शुरू हो जाता है। अपनी बोली भाषा, अपने खान पान और संस्कृति के बारे में अपने बच्चों को अवश्य बताएं। पीढ़ियों के मध्य ये अंतर नहीं आना चाहिए कि माता-पिता तो पहाड़ के हैं और हम मुंबईवासी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति में जो मधुरता है, विनम्रता है और एक अपनापन है, वो अपने आप में विशिष्ट है। हमारे खान-पान में, हमारे रहन-सहन में, हमारी बोल-चाल में, एक भावनात्मक लगाव है। हमारी मंडुवे की रोटी, झिंगोरे की खीर, पहाड़ी ककड़ी का रायता, आलू के गुटके, भट्ट का चुड़कानी, मूली की थीचयौणी, कंडाली के साग के स्वाद को कौन भूल सकता है। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर आपसे आग्रह करूंगा कि आप सभी उत्तराखंड अवश्य आएं और हमारे प्रदेश की विशेषताओं का आनंद लें और जो उत्तराखंड के ही हैं, वे अवश्य वर्ष में एक बार परिवार सहित अपनी मातृभूमि आने का प्रयास करें। अपने आपको तथा अपने बच्चों को अपने गांव से, अपने मूल निवास से जोड़े रखिये, अपने ग्राम देवता, अपने कुल देवी-देवता से जोड़े रखिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण का महाअभियान चल रहा है, उसमें उत्तराखंड भी अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड में केन्द्र सरकार के सहयोग से प्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के पुर्नद्धार और संरक्षण का कार्य मिशन मोड पर किया जा रहा है। हमारी सरकार भी वो सब कार्य कर रही है,जो या तो बहुत पहले हो जाने चाहिए थे,या बहुत समय से लटके हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य पूरा हो गया है। इसके लिए सभी को बहुत शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया है, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे, इसके साथ ही प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में अब हम जल्द समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के इन 23 वर्षों में हमने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, परन्तु राज्य के संर्वागीण विकास का लक्ष्य अभी भी दूर है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना है।
इस अवसर पर देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश राणा, मुख्य आयोजक भरत कुकरेती, धारचूला के विधायक हरीश धामी आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिटः मुंबई में हुए 30200 करोड़ रुपए के एमओयू

उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग समूहों के मध्य मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ के एमओयू किए गए हैं। जिन बड़ी कंपनियों से एमओयू किए गए उनमें से कुछ प्रमुख है, इमेजिका (थीम पार्क) आत्मन्तनः(रिजॉर्ट), एसीएमई (सौर सेल विनिर्माण), (डेटा सेंटर) पर्फ़ेटी (नवीकरणीय ऊर्जा), लॉसंग अमेरिका (आईटी), क्रोमा एटोर, क्लीन मैक्स एनवाइरो (नवीकरणीय ऊर्जा), साइनस (हेल्थ केयर)

इसके साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण फर्मों से बातचीत हुई जिनमें जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, गोदरेज केमिकल्स, एस्टार भोजन, वी अर्जुन लॉजिस्टिक्स पार्क प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अब तक देश से बाहर लंदन, बर्मिघम, अबुधाबी, दुबई में 4 इंटरनेशनल रोड शो हो चुके हैं जबकि देशभर में प्रदेश सरकार दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और मुंबई में रोड शो कर चुकी है। बीते 14 सितंबर और 4 अक्टूबर को धामी सरकार दिल्ली में ₹26575 करोड़, 26 और 27 सितंबर को ब्रिटेन में 12500 करोड़, 17 और 18 अक्टूबर को यूएई में 15475 करोड़ के निवेश का करार कर चुकी है। इसके अलावा 26 अक्टूबर को चेन्नई में 10150 करोड़, 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में 4600 करोड़ और 1 नवंबर को अहमदाबाद में 24000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव का करार हुआ है। अब मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं।

अब तक प्रदेश सरकार द्वारा जिन निवेशकों से इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए हैं उनमें प्रमुखतः टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, आयुष वेलनेस सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, रियल एस्टेट-इंफ्रा, पंप्ड स्टोरेज सेक्टर, ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी एवं ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस सन्धु, सचिव डॉ0 आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

दो दिवसीय दिव्यांगजन शिविर का पुलिस महानिदेशक ने किया शुभारंभ

उद्धार, नागपुर, महाराष्ट्र की एक सामाजिक संस्था, उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व उत्तरांचल प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में प्रेस क्लब में दो दिवसीय निःशुल्क दिव्यांगजन हेतु कृत्रिम अंग फिटमेंट एवं वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रेस क्लब सदस्यों ने ही नहीं बल्कि दूर-दराज इलाकों से पहुंचे दिव्यांगजन ने स्वास्थ्य जांच का लाभ उठाया व मौके पर ही कृतिम अंग भी प्राप्त किए। शिविर का शुभांरभ बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, उद्धार सामाजिक संस्था की अध्यक्ष कुसुम अग्रवाल, सस्था के सचिव कुंज बिहारी लाल व प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। शिविर में 78 लोगों की जांच की और कृत्रिम अंग प्रदान किए गए। यह शिविर 28 मई को भी चलेगा।
शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शिविर के उद्घाटन से पूर्व पूरे शिविर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न भागों से आए हुए दिव्यांगजनों से वार्ता कर संस्था के कार्याे की सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उद्धार संस्था की तकनीशियन टीम जो कि स्वयं दिव्यांग होने के बावजूद दिव्यांग लोगों की सहायता कर रही है, ये अपने आप में बहुत बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि इससे शारीरिक तौर पर कमजोर लोगों को फायदा होगा। उन्होंने उद्धार संस्था नागपुर कोे इस प्रयास के लिए बधाई दी।
उद्धार नागपुर महाराष्ट्र समाजिक संस्था के सचिव कुंज बिहारी लाल ने कहा कि लगातार 34 सालों से संस्था दिव्यांगजन के स्वास्थ्य जांच से लेकर उनके लिए कृत्रिम अंग निःशुल्क मुहैया कराने का कार्य कर रही हैं। अब तक वे अलग-अलग राज्यों में 3200 से अधिक दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ. अजय नगरकर ने सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा व संचालन संयुक्त मंत्री मीना नेगी ने किया। इस अवसर पर संस्था के सदस्य संजय राजगड़िया, रूचिका राजगड़िया, अक्षय राजगड़िया, अंकिता राजगड़िया, श्रृति कृष्णा, प्रद्धुमन कृष्णा, देवांशी राजगड़िया रूंगटा व महावीर विकलांग समिति के तकनीकि टीम के लीडर डॉ. देवकी नंदन व उनकी टीम डॉ दीन दयाल, तुफान सिंह, रामप्रसाद, राजेंद्र, चंदन सिंह, जगदीश, स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार अनिल सती के साथ ही उत्तरांचल प्रेस क्लब महामंत्री विकास गुसाईं, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि खत्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष दरवान सिंह, संयुक्त मंत्री राजीव थपलियाल, कोषाध्यक्ष मनीष चंद्र भट्ट, सम्प्रेक्षक मनोज सिंह जयाडा, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीन बहुगुणा, मंगेश कुमार, मो. फहीम तन्हा, पदेन सदस्य जितेंद्र अंथवाल आदि उपस्थित रहे।

सीएम के निर्देश पर माता जी को खोजने अल्मोड़ा पुलिस मुंबई हुई रवाना

मुंबई की सड़कों पर दर-बदर की ठोकरें खा रही अल्मोड़ा निवासी एक बुजुर्ग महिला का सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने उक्त बुजुर्ग महिला को खोजने के निर्देश अल्मोड़ा पुलिस को दिए हैं। अल्मोड़ा के एसपी प्रदीप राय ने बुजुर्ग महिला की तलाश हेतु एक टीम को मुंबई रवाना कर दिया है।
सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री के संज्ञान में एक वीडियो आया जिसमें एक बुजुर्ग महिला मुंबई की सड़क पर फटे हुए कपड़े पहने बैठी थी एवं वीडियो बनाने वाले को बता रही थी कि “मैं अल्मोडा की रहने वाली हूं, वहां मेरा बेटा और बेटी रहते हैं इत्यादि। मुख्यमंत्री द्वारा उस महिला की खोज कर मुंबई से वापस घर लाने के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया गया। प्रदीप कुमार राय, पुलिस अधीक्षक, अल्मोडा ने तहकीकात की तो पता चला कि वायरल वीडियो में जो माता जी दिख रही हैं, वह श्रीमती हेमा देवी निवासी ग्राम कोटियाग तहसील भिकियासैण जिला अल्मोडा हैं। वे मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं तथा पिछले 5-6 महीने से लापता हैं। उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई है। माता जी के 4 पुत्र व एक पुत्री होना ज्ञात हुआ है जिसमें से 2 पुत्र दिवंगत हो गए हैं। एक बेटा महेंद्र सिंह ग्राम देवरापाणी भदरोज खान के पास रहता है, दूसरा बेटा राम सिंह दिव्यांग है तथा पुत्री अपनी ससुराल में हैं।
उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा पुलिस की एक टीम मुंबई रवाना हो गई है। जिसने वीडियो बनाया था, उनसे सम्पर्क हुआ है तथा माता जी की खोजबीन जारी है। शीघ्र ही हमारी टीम माता जी को लेकर अल्मोडा वापस आ जाएगी। यदि उनके परिवार वाले देखभाल में असमर्थ होंगे, तो उन्हें अल्मोडा के नारी निकेतन में सम्मानपूर्वक भेजा जायेगा।

नाना को पहाड़ी संस्कृति से सीएम ने कराया रुबरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नाना पाटेकर को पहाड़ी टोपी पहनाई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। फिल्म नीति को और अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है ताकि राज्य में अधिक से अधिक फिल्म निर्माता आयें। सिंगल विंडो सिस्टम से शूटिंग की अनुमति प्रदान की जा रही है। शूटिंग हेतु कोई भी शुल्क नही लिया जा रहा है। 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य ने मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट (स्पेशल मेंशन) पुरस्कार प्राप्त किया है।
फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य फिल्मों की शूटिंग के लिए बहुत अच्छा है एवं फिल्मांकन के लिए वातावरण भी बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के लोग बहुत अच्छे हैं, यहां के लोगों के व्यवहार में सौम्यता है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग का उनका अच्छा अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि वे उत्तराखण्ड में अपना घर बनाना चाहते हैं। नाना पाटेकर उत्तराखण्ड में एक मराठी फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।

अक्षय कुमार को उत्तराखंड की प्राकृतिक सौंदर्यता ने प्रेरित किया

बॉलीवुड के खिलाड़ी यानी अक्षय कुमार इन दिनों उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस बीच अक्ष्य कुमार आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने पहुंचे। सीएम धामी ने अक्ष्य कुमार का पहाड़ी टोपी पहनाकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री आवास आने पर सीएम धाम ने अक्षय को ब्रह्मकमल वाली पहाड़ी टोपी पहनाई और चार धामों का स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस दौरान अक्षय कुमार ने कहा कि उत्तराखंड फिल्मों की शूटिंग के लिए बेहद आकर्षक जगह है उन्हें यहां पर शूटिंग करके बहुत मजा आया है। सीएम धामी ने फेसबुक पर लिखा है, आज प्रख्यात अभिनेता, युवाओं के प्रेरणास्रोत और मेरे मित्र अक्षय कुमार का मुख्यमंत्री आवास में स्वागत एवं अभिनन्दन किया। अक्षय कुमार ने राज्य के युवाओं को प्रेरित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

स्वर कोकिला के निधन पर उत्तराखंड में दो दिन का राजकीय शोक

भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर उत्तराखंड में भी दो दिन का राजकीय शोक रहेगा। सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन की ओर से रविवार को दो दिन के राजकीय शोक का आदेश जारी किया। केंद्र सरकार ने भी दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राज्य में दो दिन सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। इस दौरान किसी भी तरह के कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे।
भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी प्रमुख नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। उनके निधन को समूचे राष्ट्र का नुकसान बताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लता दीदी का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। कौन भूल सकता है, जब 1962 की लड़ाई की हार से निराश, देशवासियों में लता दीदी के कण्ठ से निकले श्ऐ मेरे वतन के लोगोंश् गीत ने नया जोश भरने का काम किया था। देश की सेना के लिए उनके गाए वन्दे मातरम व अनेकों देशभक्ति के गीत देश पर मर मिटने की प्रेरणा देते रहे।
वहीं दूसरी ओर, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल सिंह ने कहा कि भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन समस्त देशवासियों के लिए अपूरणीय क्षति है। लता मंगेशकर ने अपने स्वरों से भारतीय संगीत को समृद्ध बनाया।

बुली बाई ऐप मामले में मुख्य आरोपी महिला उत्तराखंड में गिरफ्तार

’बुलीबाई’ ऐप मामले में मुंबई पुलिस साइबर सेल ने बेंगलुरु के एक 21 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है। सूत्रों की मानें तो मुख्य आरोपी एक महिला है, जिसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी एक दूसरे को पहले से ही जानते थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद अब उत्तराखंड पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है।
मुंबई पुलिस ने सोमवार को ये जानकारी दी। मुंबई पुलिस साइबर सेल ने ’बुली बाई’ ऐप मामले में बेंगलुरु से जिस 21 वर्षीय आरोपी विशाल कुमार को पकड़ा है जो इंजीनियरिंग छात्र है। इससे पहले महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने सोमवार को पुलिस को “बुली बाई“ ऐप के डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था जिसके बाद इस मामले में ये पहली बड़ी कार्रवाई है।

क्या है मामला?
शनिवार को एक महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई ऐप पर ’डील ऑफ द डे’ बताकर बेची जा रही अपनी तस्वीर को शेयर किया। पत्रकार ने ट्विटर पर कहा, “यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है।“ पार्टी लाइन से हटकर नेताओं ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साइबर उत्पीड़न की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई लोगों ने इसके लिए दक्षिणपंथी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को “नीलामी“ के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिनकी तस्वीरों को बिना अनुमति से लिया गया था और उनसे छेड़छाड़ की गई थी। एक साल से भी कम समय में ऐसा दूसरी बार हुआ है।

शहीद अशोक चक्र विजेता गजेंद्र सिंह बिष्ट को सीएम ने दी श्रद्धांजली

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार दोपहर देहरादून के नया गांव स्थित गणेशपुर पहुंचकर 26/11 हमले में शहीद अशोक चक्र विजेता स्वर्गीय गजेंद्र सिंह बिष्ट की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने शहीद गजेंद्र बिष्ट की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीद और सीमा पर शहादत देने वाले वीर जवानों के परिजनों और वीरांगनाओं को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिजनों और वीरांगनाओं को सम्मानित करते हुए खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य प्रदेश है, यहां की वीरता और शौर्य की चर्चा देश ही नहीं दुनिया में होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सैनिकों का मनोबल बढ रहा है, जहां एक ओर केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन देकर लाखों पूर्व सैनिकों को बड़ी राहत पहुंचाई है वहीं दूसरी ओर सैनिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शहीद सैनिकों के सम्मान में “शहीद सम्मान यात्रा” आयोजित की जा रही है, इस यात्रा का समापन देहरादून के पुरूकुल गांव में बनने जा रहे भव्य सैन्य धाम में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में कार्य कर रही है बीते 4 महीनों में सरकार ने 24000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जिसमें अब तक 12000 पदों पर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। इसके अलावा प्रदेश में एनडीए/सीडीएस की तैयारी करने वाले प्रतिभावान युवाओं को मेंस एग्ज़ाम की तैयारी हेतु 50 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है इसके अलावा मार्च 2022 तक सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का शुल्क माफ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर वर्ग के कर्मचारियों का ध्यान दे रही है। सरकार ने प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी, आशा कार्यक़त्रीयों और उपनल कर्मचारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2025 उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, सरकार द्वारा बोधिसत्व कार्यक्रम श्रृंखला चलाई जा रही है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की राय लेकर प्रदेश को आगे बढ़ाने और 2025 तक देश का नंबर वन राज्य बनाने की योजना बनाई जा रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नया गांव-गणेशपुर स्थित स्वास्थ्य केंद्र उच्चीकरण करने एवं गणेशपुर में मिनी स्टेडियम बनाए जाने की घोषणा की। कार्यक्रम में सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर, पूर्व सैनिक और बड़ी तादाद में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

संसदीय जीवन पर चर्चा के साथ कोश्यारी के योगदान को सराहा

सोमवार को राजपुर रोड स्थित होटल में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा व राज्यसभा में दिए गए भाषणों एवं याचिका समिति के अध्यक्ष के रूप में दिए गए निर्णयों पर आधारित पुस्तक “भारतीय संसद में भगत सिंह कोश्यारी“ पुस्तक के संबंध में उनकी उपस्थिति में परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह, सांसद अजय टम्टा, नरेश बंसल, विधायक एवं भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, बलवंत सिंह भोर्याल, भाजपा नेता श्याम जाजू, साहित्यकार लक्ष्मी नारायण भाला सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
परिचर्चा में सभी वक्ताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के भारतीय संविधान में विहित सदनों, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा एवं विधान परिषद में उनके द्वारा उठाए गए जनहित एवं राष्ट्रहित से संबंधित मुद्दों की सराहना की। सभी ने कोश्यारी को युगदृष्टा बताते हुए उन्हें आम आदमी से जुड़ा उदार व्यक्तित्व वाला महान व्यक्ति बताया, सभी ने कोश्यारी के ‘‘वन रैंक वन पेंशन’’ की भूमिका तैयार करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्हें सर्वधर्म समभाव, राष्ट्रभक्त एवं राष्ट्रभाषा का समर्थक भी बताया।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सभी को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्र के स्वाभिमान, गौरव एवं राष्ट्रीय अस्मिता को बचाने का दायित्व हम सबका है। इसमें हमारे सांसदों एवं विधायकों की विशेष जिम्मेदारी है। यह कार्य संसद एवं विधानसभाओं में स्वस्थ परिचर्चा के माध्यम से किया जाना चाहिए। ग्राम सभा से लेकर लोक सभा तक लोग कैसे देश को आगे बढ़़ाने में अपना योगदान दे सकें इस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने हाल में उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई स्वस्थ परिचर्चा को जनता के बेहतर हित में बताया।
उन्होंने कहा कि वर्षों पहले रेडियो में संसद समीक्षा हम बड़े ध्यान से सुनते थे जिसमें देश के पक्ष एवं विपक्ष के योग्य सांसदों की बहस की समीक्षा होती थी। ऐसी ही स्वस्थ परिचर्चा हमारी संसद एवं विधान सभाओं में भी होनी चाहिए। उन्होंने राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद की विदाई की घटना को देश में सहिष्णुता का वातावरण बनाने वाला बताया। कोश्यारी ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा पर अभिमान होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि पहले महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों में होने वाले कार्यक्रम अंग्रेजी में होते थे उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को मातृभाषा व राष्ट्रभाषा में आयोजित करने की पहल की तो आज महाराष्ट्र में मराठी में कार्यक्रम आयोजित होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भी हिंदी में बोलने का अवसर मिला। हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें भगत सिंह कोश्यारी के सानिध्य में रहकर सामाजिक व राजनैतिक क्षेत्र में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रकाशित पुस्तक के माध्यम से कोश्यारी के जीवन दर्शन के अनेक अनछुए पहलू समाज के सामने लाये गये हैं। यह पुस्तक उनके विशाल व्यक्तित्व का भी विश्लेषण करती है। उन्होंने सामान्य परिवेश में रहकर शिखर छूने का कार्य किया है तथा अपने पुरुषार्थ से महानता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 वर्षों से लम्बित टिहरी डैम को उसके पूर्ण स्वरूप में लाने का श्रेय भी कोश्यारी को है। प्रदेश में ऊर्जा मंत्री रहते उन्होंने इसके लिये राजनैतिक नफा नुकसान की चिंता न करते हुए बांध बनाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि कोश्यारी सभी नीतिगत विषयों के जानकार, दृढ निश्चय वाले व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने उन्हें सीख दी कि अपनी ही विधानसभा नहीं पूरे प्रदेश को समझने, जन समस्याओं को जानने का प्रयास करो, वक्त आने पर व्यक्ति के अच्छे कार्यों को पहचान मिलती है।
देश में वन रैंक वन पेंशन को लागू करने की भूमिका तैयार करने में कोश्यारी के योगदान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता भी पूर्व सैनिक थे जब देश में यह लागू हुआ तो उनके साथ ही क्षेत्र के सभी पूर्व सैनिकों ने खटीमा में कोश्यारी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के उनके अनुरोध को भी कोश्यारी ने पूरा किया। सबको साथ लेकर चलना, छोटे-बड़े का भेदभाव न कर सभी को आगे बढ़ाने में मदद करने की भी सीख हमें कोश्यारी से मिली है। उनका जीवन हम सबके लिये निश्चित रूप में अनुकरणीय एवं प्रेरणादायी है।
पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि आज के राजनैतिक परिवेश में पढ़े लिखे डिग्रीधारी तो सभी हैं लेकिन वास्तव में जिन्होंने समृद्ध साहित्य, उपनिषद आदि का गहराई से अध्ययन किया है कोश्यारी जी ऐसे वास्तविक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं। राष्ट्र के प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में उनकी उपस्थिति हमें गौरवान्वित करती है। उन्होंने कहा कि जो अतीत को समझता है वही वर्तमान को संवार सकता है। कोश्यारी अच्छे विचारक एवं मनीषी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र भाषा के विकास में भी कोश्यारी का बड़ा योगदान है। राष्ट्रभाषा हिंदी का पहाड़ के विकास में बड़ा योगदान है। इस भाषा ने हमें अभिव्यक्ति एवं आत्मिक आजादी देने का कार्य किया है। उन्होंने कामना की कि हमारी युवा पीढ़ी को कोश्यारी का मार्गदर्शन निरंतर प्राप्त होता रहेगा।
प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य द्वारा प्रेषित अपने संदेश में प्रकाशित पुस्तक को देश प्रदेश के जनप्रतिनिधियों एवं जनता के लिये उपयोगी बताया है।
इस अवसर पर जिन लोगों ने अपने विचार रखे उनमें लक्ष्मी नारायण भाला, श्याम जाजू, पुस्तक के लेखक अमित जैन शामिल थे।