मिली कायमाबी, भारी विमानों की आवाजाही को मिली हरी झंडी

पंतनगर सहित नैनी सैनी एयरपोर्ट के डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि वर्तमान में नैनी सैनी हवाई पट्टी कंट्रोल्ड (लाइसेंस्ड) एयरपोर्ट में परिवर्तित हो चुकी है। अभी यहां एटीआर-228 टाइप के विमान ही उतर व उड़ान भर सकते थे। यहां मौजूदा 1382 मीटर के रन-वे पर हाई प्रीसिंजिंग लाइट्स, वीएचएस इक्वीपमेंट व पॉपिंग लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिससे यह एटीआर-42 टाइप के विमानों की आवाजाही के उपयुक्त हो गया है। एक सप्ताह पूर्व एक टीम द्वारा सर्वे करने के उपरांत गुरूवार को मान्ट्रियल (कनाडा) से पंतनगर, फिर पिथौरागढ़ पहुंची अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की 6 सदस्यीय टीम ने जॉन एमाइन के नेतृत्व में एयरोनॉटिकल सर्वे (नैनी सैनी के 20 नॉटिकल मील दायरे में मौजूद पहाड़ियों, आवासों, एयर कंडीशन आदि) किया। टीम की सकारात्मक रिपोर्ट पर शनिवार को पंतनगर पहुंची एएआई के विशेषज्ञों की टीम (इक्वीपमेंट सहित) ने डायरेक्टर से विचार विमर्श कर पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुई। यह टीम वहां फाइनल सर्वे (वैमानिक अध्ययन) कर अपनी रिपोर्ट एएआई को सौंपेगी। जिसके सकारात्मक होने पर यहां से भारी विमानों की आवाजाही का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।
नैनी सैनी एयरपोर्ट से भारी विमानों की आवाजाही शुरू होने से जहां सीमांत के लोगों को देश के अन्य हिस्सों से कनेक्ट होने का लाभ मिलेगा, वहीं सीमांत में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोग सीमांत के नैसर्गिक सौंदर्य से रूबरू हो सकेंगे। 13 सितंबर को देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा शुरू होने के बाद कल (16 सितंबर) से पिथौरागढ़-पंतनगर के बीच भी हवाई सेवा बहाल होने की संभावना है। फ्लाइट शेड्यूल हमें प्राप्त हो चुका है, लेकिन इस संबंध में हवाई सेवा प्रदाता कंपनी एयर हेरिटेज एविएशन द्वारा फ्लाइट शुरू करने का अधिकृत पत्र प्राप्त होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। एसके सिंह, डायरेक्टर-नैनी सैनी एयरपोर्ट ने बताया कि नैनी सैनी एयरपोर्ट में मौजूद 1382 मीटर के रन-वे को अपग्रेड कर दिया गया है। जिससे यह एटीआर-42 टाइप के विमानों की आवाजाही के उपयुक्त है। विमान के टेक ऑफ करते ही वह किस एंगल में बढ़ेगा इसका सर्वे किया जा रहा है, जल्द ही यहां से बड़े विमानों की आवाजाही शुरू होगी।