मुख्यमंत्री ने आपदा से हुए नुकसान का आकंलन करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं से हुए नुकसान आदि के आंकलन, क्षतिपूर्ति, योजनाओं की मरम्मत में हुए वास्तविक व्यय का विवरण 30 सितम्बर तक शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को आपदा मद में 71 करोड़ धनराशि पूर्व में उपलब्ध करायी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त भी जिलाधिकारियों को 30 करोड़ और उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिय धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान त्वरित कार्यवाही के लिये सभी सम्बन्धित आधिकारियों के प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से लगभग रू. 300 करोड़ की क्षति होने का अनुमान है। जिलाधिकारियों से इस संबंध में आपदा से हुए नुकसान का पूर्ण विवरण 30 सितम्बर तक प्राप्त होने के बाद इसकी सूचना तद्नुसार केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराई जायेगी।
सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों की जनपदवार समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिये धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि आपदा से क्षतिग्रस्त सडकों, पुलों, पेयजल, बिजली, विद्यालय भवनों की मरम्मत का कार्य त्वरित गति से पूर्ण किया जाए। उन्होंने चार धाम यात्रा आरम्भ होने की स्थिति का भी जायजा लिया तथा इसके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं यथा समय पूर्ण करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि आपदाग्रस्त योजनाओं की मरम्मत के आंगणनों की स्वीकृति में भी विलम्ब न किया जाये। उन्होंने जिन जनपदों में अपेक्षा से कम वर्षा हुई है वहां उत्पन्न सूखे की स्थिति का भी आंकलन करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सेब की फसल को हुए नुकसान का आंकलन तथा सेब को बाजार तक लाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, इसके लिये यदि अतिरिक्त धनराशि की जरूरत हो तो उसकी भी व्यवस्था की जायेगी। बैठक में सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 15 जून से 14 सितम्बर 2019 तक आपदा से संबंधित 1124 घटनायें हुई हैं, जिसमें 70 लोगों की मृत्यु, 73 घायल तथा 4 लोग लापता हुए हैं। 235 भवन पूर्ण क्षतिगसत तथा इतने ही आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। 92 बड़े तथा 356 छोटे पशुओं की हानि तथा 21 गोशालाओं को नुकसान हुआ है, जबकि आपदा से 205 पेयजल योजनाओं तथा 29 विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है।