चुनावी रंजिश के चलते निर्वाचित ग्राम प्रधान के भाई ने की युवक की हत्या, एक घायल

नरेन्द्र नगर ब्लॉक के ग्राम बांसकाटल पट्टी दोगी क्षेत्र में नव निर्वाचित ग्राम प्रधान के बड़े भाई ने चुनावी रंजिश के चलते गांव के पोस्टमास्टर की हत्या कर दी। हत्या में आरोपी ने धारदार चाकू का प्रयोग किया। वहीं, घटना में एक अन्य युवक बुरी तरह घायल हो गया है। इसका इलाज एम्स ऋषिकेश में चल रहा है। वहंी, मुनिकीरेती पुलिस ने मृतक के पिता की तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान लेखवार सिंह और उसके बड़े भाई जयपाल सिंह के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की एक टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना हो चुकी है।

बता दे कि बीते सोमवार रात्रि साढ़े आठ बजे जयपाल सिंह शराब के नशे में धुत होकर पड़ोसी गांव से अपने गांव आ पहुंचा। यहां उसने हरपाल सिंह नामक युवक को गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी और घर से धारदार हथियार लेकर उस पर हमला करने के लिए दौड़ पड़ा। इसी बीच पोस्ट मास्टर राकेश कैंतूरा बीच-बचाव करने आए तो आरोपी जयपाल ने राकेश की गर्दन पर वार कर दिया। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया।

आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने राकेश और हरपाल को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचाया जहां देर रात चिकित्सकों ने राकेश को मृत घोषित कर दिया तथा हरपाल की हालत नाजुक पाते हुए उसे एम्स रेफर कर दिया। मंगलवार सुबह ग्राम बांस काटल पट्टी दोगी के लोग राजकीय चिकित्सालय पहुंचे और गिरफ्तारी की मांग करने लगे। वहीं पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान सहित उसके भाई पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी जयपाल की गिरफ्तारी के लिए रवाना हो चुकी है।

न तहरीर रिसीब की और न लिखी एफआईआर, ऊपर से ले लिए एक हजार

गुमशुदा बेटे का पता लगाने के लिए कोतवाली ऋषिकेश में एफआईआर दर्ज कराने पहुंची बुजुर्ग महिला ने एक पुलिसकर्मी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि रुपये देने के बावजूद भी न तो उनकी तहरीर रिसीब की और ना ही एफआईआर दर्ज की है। बीते माह 21 सितंबर को वाल्मीकि बस्ती ऋषिकेश निवासी बिट्टू उर्फ ब्रजपाल पुत्र इलम सिंह बिना बताए घर से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। बेटे की तलाश में बुजुर्ग मां प्रकाशी देवी ने छोटे बेटे के साथ अमृतसर सहित हर संभावित जगहों की खाक छान डाली। जब बेटे का कोई सुराग नहीं लगा तो वह कोतवाली पहुंची।

महिला ने बताया कि कोतवाली परिसर में बैठे एक पुलिसकर्मी ने उनके छोटे बेटे से कहा कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए एक हजार रुपये देने पड़ते हैं। मजबूरन एक हजार रुपये पुलिसकर्मी को दे दिए। इसके बाद पुलिसकर्मी ने कहा कि वह अपने गुमशुदा बेटे के 60 पोस्टर भी छपवाकर लाएं। पैसों की कमी के कारण वह 50 पोस्टर छपवाकर ले आई। प्रकाशी देवी का आरोप है कि पुलिस ने पोस्टर छपवाने के नाम पर पैसे खर्च करवाए, ऊपर से एक हजार रुपये भी लिए। इसके बावजूद न तो तहरीर रिसीव की गई और न ही मुकदमा दर्ज किया गया।