जब प्रीतम बोले-ऐसा लग रहा है जैसे विजय जुलूस निकल रहा हो

उत्तराखंड में कांग्रेस मिशन 2022 का आगाज कर चुकी है। कांग्रेस की नई टीम पूरी तरह जोश और जज्बे से लबरेज है। हर कोई अपनी-अपनी भूमिका का बखूबी निर्वाह कर रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल जहां संगठन मजबूत कर रहे हैं। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कार्यकर्ताओं का मनोबल बढाने में लगे हैं। संगठन की बारीकियों के जानकार प्रीतम अच्छे से जानते हैं कि बिना सेना के कोई भी युद्व नहीं जीता जा सकता है। अगर 2022 का रण जीतना है तो उसके लिए सेना पूरी तरह जोश, जज्बे, जुनून और नए-नए राजनीतिक हथियारों से लैस होनी चाहिए। सेना के तरकश में मुद्दों के ऐसे तीर होने चाहिए जो जनता के दिलों में जाकर परिवर्तन का तूफान लाने का काम कर सकें, क्यों प्रचंड बहुमत से सत्ता में बैठी भाजपा के खिलाफ इस बार लहर से काम नहीं चलने वाले।

इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद प्रीतम ने राज्य में अपने दौरे की शुरूआत उस कुमांउ मंडल से की जिसको हरीश रावत अपना गढ़ कहते हैं और भाजपा ने सत्ता वापसी के लिए मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक कुमांउ मंडल से ही बनाया है। 2 दिवसीय दौरे में प्रीतम का काफिला जसपुर से होता हुआ काशीपुर, रूद्रपुर, गदरपुर, नानकमत्ता, किच्छा, सितारगंट होते हुआ खटीमा पहुंचा। जगह-जगह प्रीतम का भव्य स्वागत हुआ। हर जगह प्रीतम के पीछे कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ देखने को मिली। जो खटीमा में जाकर एक बड़े जनसैलाब में बदल गई। कार्यकर्ताओं के जोश से प्रीतम अभिभूत नजर आये। प्रीतम सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबकी मेहनत जरूर फलीभूत होगी। जनता भाजपा के झूठे वादों से तंग आ चुकी है। चार साल में 3 मुख्यमंत्री देने वाली भाजपा ने उत्तराखंड की जनता की भावनाओं से हमेशा खिलवाड़ किया है। दिल्ली में बैठे भाजपा नेताओं को प्रदेश की नहीं अपनी चिंता है। आज स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, जैसी सस्यायें पहले से ज्यादा बिकराल हो गई हैं। युवाओं के रोजगार के सपने दिखाकर भ्रमाया जा रहा है। जनता ने मन बना लिया है 2022 में कांग्रेस को लाना है भाजपा के गद्दी से हटाना है। मैं आपसे निवेदन और गुजारिश करने आया हूं कि आपने आज जो जज्बा दिखाया है, इस जज्बे को आप बरकरार रखें और 2022 में आप खटीमा में और संपूर्ण उत्तराखंड में कांग्रेस का परचम लहराने में अपना योगदान दें । आप सभी के इस समर्थन और सहयोग के लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।

इस दौरान प्रीतम के साथ उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा, चारों कार्यकारी अध्यक्ष के साथ रहने से यह बात साफ हो गई है कि प्रीतम पहले के मुकाबले और ज्यादा मजबूत हुए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने भले ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर गणेश गोदियाल की ताजपोशी की हो लेकिन प्रीतम को पहले से और ज्यादा मजबूत करने का काम किया है। इस दौरान कांग्रेस के कई प्रदेश व जिला पादाधिकारी मौदूज रहे।

नेता प्रतिपक्ष का सरकार पर हमला, बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रही है सरकार

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तराखंड सरकार ने आज से कक्षा 9 से 12 वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए हैं। जबकि संक्रमण से बचाव के लिए अभी बच्चों का कोविड टीकाकरण तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में स्कूली बच्चों को बिना सुरक्षा कवच के स्कूल जाना पड़ रहा है। जिससे बच्चों में संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का असर ज्यादा होने को लेकर विशेषज्ञ पहले ही आगाह कर चुके हैं। सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस सवाल खड़ा कर रही है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आधी-अधूरी तैयारियों के साथ स्कूल खोलने का फैसला बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाला है। हम स्कूल खोलने का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों में किस तरह की इंतजाम किए गए हैं। इसे लेकर पहले पूरी तैयारियां की जानी चाहिए थी। सभी स्कूलों में पूर्ण इंतजाम होने के बाद स्कूल खोले जाने चाहिए थे। प्रीतम सिंह ने कहा कि पहली लहर में कोरोना संक्रमण काबू में आने के बाद सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला लिया था। लेकिन स्कूलों में बच्चों और अध्यापकों के संक्रमित होने पर फिर से स्कूल बंद करने पड़े। सरकार अपने पूर्व के फैसलों से सबक नहीं ले रही है। एक तरफ सरकार व स्वास्थ्य विभाग कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को संक्रमण से बचाव व उपचार की तैयारियां कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ आधी अधूरी तैयारियों के बीच जो स्कूल खोलने का फैसला लिया है हम उसका विरोध कर रहे हैं।

’शिक्षकों और कर्मचारियों का नहीं हुआ पूर्ण वैक्सीनेशन’

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन स्कूल खुलवाकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने का काम किया है। उनकी जानकारी में आया है कि स्कूलों के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। 20 फीसदी से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अभी वैक्सीनेशन भी नहीं हुआ है। सरकार ने किसी भी जिम्मेदारी से बचने के लिए कह दिया है कि स्कूल में उन छात्रों को ही प्रवेश मिल रहा है, जिनके पास अभिभावकों का सहमतिपत्र है। यानि आप समझ सकते हैं कि सारी जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी। लंबे समय से बंद स्कूलों में साफ-सफाई न होने कई स्कूलों में झाड़ियां उग आई हैं। इन स्कूलों में सफाई नहीं की गई है। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि सरकार को बच्चों की कितनी चिंता है।

’बिना बजट कहां से होगा सैनिटाइज’

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी जानकारी में आया है कि स्कूलों के पास सैनिटाइजेशन करवाने तक के लिए अलग से फंड की व्यवस्था नहीं है। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को सैनिटाइज करने के आदेश तो जारी किए गए हैं, लेकिन इसके लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है। स्कूल खुलने से पहले विभाग को इसके लिए बजट की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

’स्कूलों में नहीं है शौचालय और पानी की सुविधा’

प्रतीम सिंह ने कहा कि राज्य के 1170 स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं 2109 स्कूलों में बच्चों को पीने के पानी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है और सरकार कह रही है कि उत्तरखंड खुले में शौच मुक्त हो चुका है। यही नहीं एक रूपये में हर घर नल, हर घर जल पहुंचाया जा रहा है। सरकार की पोल खुद सरकारी स्कूल खोल रहे हैं।