मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिये बतायी प्रभावी चिंतन की जरूरत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलायन रोकने के लिये प्रभावी चिंतन की जरूरत बतायी है। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन के कारणों का गहराई से अध्ययन किये जाने, युवाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता के लिये ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशालाओं के आयोजन तथा जनपद स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के निर्देश दिये हैं। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही है। उन्होंने कहा कि आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राज्य की रिवर्स माइग्रेशन की स्थिति का अध्ययन एवं राज्य में वापस आये लोगों के अनुभवों का लाभ लेने पर भी ध्यान देने को कहा। राज्य स्थापना दिवस के आसपास प्रदेश में आयोजित प्रवासी सम्मान समारोह के आयोजन तथा हाउस ऑफ हिमालयाज की सफलता के लिये राज्य के परम्पारागत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बतायी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7 वीं बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उद्योग, पर्यटन, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वन पंचायत नियमावली को मंजूरी दी गई है। इससे जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संचय, वनाग्नि रोकथाम, इकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य हो सकेंगे तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने वन पंचायतों एवं सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर जंगली जानवरों से खेती के नुकसान को कम करने पर भी ध्यान देने को कहा इससे हाउस ऑफ हिमालयाज के लिये उत्पादों की उपलब्धता में भी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिनेशन बने, इस दिशा में भी प्रयास होने चाहिए। यहां का सौंदर्य देश व दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है। राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये राज्य में विस्तृत नीति तैयार करने जा रही है। शीघ्र ही इसके परिणाम सामने आयेंगे।

बैठक में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एस. नेगी ने कहा कि आयोग द्वारा अब तक 21 रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। जिनमें राज्य के विभिन्न जनपदों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने तथा पलायन को कम करने से सम्बन्धित सिफारिसें प्रस्तुत की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा राज्य में पलायन की स्थिति पर द्वितीय सर्वेक्षण रिपोर्ट भी शासन को प्रस्तुत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने हेतु विभिन्न स्थनों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जनपद पौड़ी, चमोली एवं रूद्रप्रयाग हेतु प्रथम ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला पौड़ी में, जनपद बागेश्वर, नैनीताल एवं अल्मोडा हेतु, द्वितीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला हल्द्वानी (नैनीताल में), जनपद पिथौरागढ़, चम्पावत एवं ऊधमसिंह नगर हेतु तृतीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला आयोजन रूद्रपुर, ऊधमसिंह नगर में एवं जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून एवं हरिद्वार हेतु चतुर्थ ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला देहरादून में आयोजित किए गए।

बैठक में आयोग के सदस्यों ने बताया कि उनके द्वारा भारत-चीन अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जनपद उत्तरकाशी चमोली एवं पिथौरागढ़ के क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों से संवाद किया गया एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगारपरक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा की गयी। पलायन पर विधान सभा समिति की उपस्थिति में सुझावों पर विचार के साथ शिक्षा विभाग के साथ बैठकें, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों के साथ बैठकें एवं समय-समय पर आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न विभागों के साथ बैठकों में मांगे गए सुझावों पर आयोग द्वारा कार्य गतिमान है।

उनका मानना था कि राज्य में लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने, पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ने तथा त्रिजुगीनाराण के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर वेडिंग की सुविधायें विकसित करने पर ध्यान देने का सुझाव रखा। मुख्यमंत्री द्वारा अपने जनपदों के प्रवास में होम स्टे में रात्रि विश्राम की परम्परा को सभी ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने वाला बताया।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली, दिनेश रावत, सुरेश सुयाल, अनिल सिंह शाही, रंजना रावत, आयोग के सदस्य सचिव राजेन्द्र सिंह रावत, ग्राम्य विकास के उपायुक्त, ए०के० राजपूत एवं ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के शोध अधिकारी, गजपाल चन्दानी आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में हाउस ऑफ हिमालयाज के ई कॉमर्स पोर्टल का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाउस ऑफ हिमालयाज के ई कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने हाउस आफ हिमालय पर आधारित वीडियो एवं वेब पोर्टल का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन्वेस्टर समिति के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड का शुभारंभ किया गया था। उन्होने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का एक ब्रांड है, जिसे हम सबने मिलकर देश के साथ पूरे विश्व में पहुंचाना है। उन्होंने कहा इसका ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार होने से यह निश्चित ही जन जन तक पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड महज एक ब्रांड नहीं अपितु राज्य में हजारों मातृ शक्ति की आजीविका का साधन है तथा विभिन्न स्वयं सहायता समूह एवं उनके उत्पाद इससे जुड़े हैं। उन्होंने कहा हाउस आफ हिमालयाज से निश्चित ही स्थानीय उत्पादों को पंख लगेंगे।

सचिव राधिका झा ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि प्रथम चरण में 21 उत्पादों को हाउस ऑफ़ हिमालयाज में लिया गया है। साथ ही तीन लेवल पर उत्पादों का क्वालिटी चेक किया जा रहा है। उन्होंने बताया वेब पोर्टल में विभिन्न उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी गई है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, सचिव पंकज पांडे, सचिव अरविंद हयांकी, सचिव नीरज खैरवाल, सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव मनुज गोयल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जायेः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन सभागार में हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु एक्टिव प्लान, इम्प्लीमेंटेशन तथा स्ट्रटेजी के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

मुख्यमंत्री को समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु किये जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत देवभूमि उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों-झिंगोरा, लाल चावल, राजमा, गहत दाल, हल्दी पावडर, बुरांश, शहद, तोर दाल, काले सोयाबीन, बासमती चावल, दालचीनी, सेव जाम, मशरूम व लहसून का अचार सहित प्रथम चरण में 21 उत्पादों को तथा द्वितीय चरण में 22 उत्पादों को ग्लोबल बनाने के लिये कार्य किया जायेगा, जिसमें ग्राम्य विकास, वन, कृषि, उद्योग, सहकारिता सहित नीदरलैण्ड बेस्ड कम्पनी वूमन ऑन विग्स का भी सहयोग प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कौन-कौन से प्रोडक्ट होंगे, उत्पादों की खरीददारी, कहां-कहां पर इनके स्टोर होंगे, इसमें कौन-कौन से पदाधिकारी होंगे आदि के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा करते हुये इनकी स्वीकृति प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत जो भी उत्पाद रखे जायें, उनकी गुणवत्ता, पैकेजिंग आदि पर विशेष ध्यान देते हुये इस ब्राण्ड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जाये तथा जल्द से जल्द इसकी शुरूआत की जाये। इस पर अधिकारियों ने बताया कि गुणवत्ता कण्ट्रोल के लिये एक टीम गठित की जायेगी, जो इस ब्राण्ड के अन्दर आने वाले उत्पादों की निरन्तर मॉनिटरिंग करेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत आने वाले उत्पादों का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, सचिव राधिका झा, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।