निर्माण कार्यों के चलते नालियों में जमा हो रही सामग्री

ऋषिकेश।
ऋषिनगरी में कई स्थानों पर नालियां बंद पड़ी है। शहर में जगह-जगह खुदाई होने से मलबे के ढेर नालियों में पड़े हैं जिससे शहर का ड्रेनेज सिस्टम गड़बड़ा रहा है। रही कसर सड़क पर पड़ी निर्माण सामग्री से पूरी हो रही है। भवन निर्माण के लिए रखी रेत, बजरी पानी के साथ बहकर नालियों को चोक कर रहे है। जगह-जगह नालियां बंद होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।
गौरतलब है कि नालियों के रखरखाव का जिम्मा नगर पालिका के पास है लेकिन शहर में कहीं पाइप लाइन बिछ रही है तो कहीं केबिल। सड़क खोदने के बाद मलबे को दाएं-बाएं कर मजदूर चले जाते हैं जिससे मलबा नालियों में जमा हो जाता है। सड़क के किनारे भवन सामग्री भी नालियों में बहकर जा रही है। छुट्टा पशु सड़कों में पड़ी सामग्री को फैला देते हैं। सोमवार देर रात हुई बारिश से नालियों में पानी के साथ यह सामाग्री भी जमा हो गई। नालियां बंद होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।

विवाद के बाद पहलीबार हुई कर समिति की बैठक

पुरानी समितियां बहाल करने पर पालिका में हो चुका है विवाद

ऋषिकेश।
नगर पालिका ऋषिकेश में भवन कर समिति की बैठक आयोजित हुई। पूर्व में पालिका समितियों के चुनाव निरस्त होने पर विवाद गहरा गया था। शुक्रवार को विवाद के बाद पहली बार बैठक आयोजित हुई।
शुक्रवार को नगर पालिका ऋषिकेश में भवन कर समिति की बैठक में 70 से अधिक फाइलों का निस्तारण किया गया। कर समिति बैठक की अध्यक्षता सभासद शिवकुमार गौतम ने की। बताया कि बैठक में तीन सदस्य मौजूद रहे। सोमेश्वर नगर, शास्त्री नगर व बनखंडी के मामले कर समिति ने निपटाये।
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गौरतलब है कि पुरानी समिति को बहाल करने के विरोध में पालिका में विवाद हो गया था। मामला कोतवाली में भी दर्ज हुआ था। विवाद के बाद पहलीबार कर समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में बृजपाल राणा, अशोक पासवान मौजूद रहे।

प्रशासन के हस्तक्षेप से पालिका सड़कों पर

नियमित दवा छिड़काव व फागिंग नही करने को लेकर प्रशासन ने पालिका को लगाई थी फटकार
अब स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर पालिका प्रशासन ने शुरु किया अभियान
ऋषिकेश।
प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद पालिका ऋषिकेश नगर की सड़कों पर दिखने लगी है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर पालिका ने दवा छिड़काव करना भी शुरु कर दिया है। सफाई निरीक्षक की मानें तो पालिका घरों में दवा छिड़काव का आवेदन करने पर भी विचार कर रही है।
बुधवार को नगर पालिका ऋषिकेश के सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर बंगाली बस्ती, सर्वहारानगर, मायाकुंड, बनखंडी व शांतिनगर के क्षेत्रों में दवा छिड़काव व फागिंग की गई। कई स्थानों में ब्लीचिंग पाउडर भी डाला गया। गौरतलब है कि नगर में मच्छर जनित रोगों की रोकथाम को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पालिका की शिकायत दर्ज कराई थी।
एसडीएम ने पालिका प्रशासन को दवा छिड़काव को लेकर व्यवस्थाएं दुरस्त करने को कहा था। जिससे पालिका प्रशासन ने आनन-फानन में बैठकर कर अभियान में स्वास्थ्य विभाग को भी शामिल किया। बुधवार को दो टीमें बनाकर दवा छिड़काव व फागिंग कराई गयी। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या क्षेत्रवार देखते हुए दवा छिड़काव को कहा जा रहा है।
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पालिका को सहयोग देगी रियल एस्टेट
ऋषिकेश रियल एस्टेट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश कोठारी ने बताया कि पालिका प्रशासन को एक समय की दवा छिड़काव का सहयोग दिया जायेगा। उनका कहना है कि नगर में मच्छर जनित रोग का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने पालिका से सहमति बनने की बात भी कही।करीब सवा लाख रूपये की दवा खरीदी गई है।

15 ओर कर्मचारी होंगे भर्ती
यात्रा सीजन के सफाई कर्मचारियों को समय से पहले हटाने के कारण नगर में सफाई व्यवस्था पर असर पड़ा है। अभी पिछले दिनों इसकी भरपाई के लिए पालिका प्रशासन ने 20 कर्मचारियों की भर्ती की है। बताया जा रहा कि कर्मचारियों की कमी के चलते व पूर्व की भर्तियों में सफाई नायकों की नाराजगी के चलते 15 अन्य सफाई कर्मचारी भर्ती किये जायेंगे। जो सिर्फ दवा छिड़काव व फागिंग को लेकर कार्य करेंगे।

सफाई नायकों ने पालिका परिसर में काटा हंगामा

नगर पालिका ऋषिकेश में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति में गड़बड़ी का लगाया आरोप
बैकडोर से तीन सफाई नायकों को लाभ देने से नाराज बताए जा रहे
ऋषिकेश।
शुक्रवार को नगर पालिका ऋषिकेश में सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर पांच सफाई नायकों ने हंगामा काटा। उनका कहना है कि सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति में पारदर्शिता नही अपनाई जा रही है। लंबे समय से जिन लोगों ने आवेदन कर रखा है, उन्हें दरकिनार करके अपने चहेतों को रखा जा रहा है। 101
नगर पालिका ऋषिकेश में सफाई नायकों ने पालिका प्रशासन पर आरोप लगाकर हंगामा काटा। उनका कहना है कि कुछ रोज पहले ही 20 सफाई कर्मचारियों नियुक्ति की गई थी, लेकिन ड्यूटी पर अन्य लोग आ रहे है। आरोप लगाया कि पालिका के कुछ सफाई नायकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उनके परिवार वालों को बैकडोर से भर्ती कर लिया गया। उनका आरोप है कि लंबे समय से बेरोजगार युवाओं ने पालिका में अर्जी लगाई हुयी, लेकिन पालिका के कुछ सफाई नायक अपने चहेतों को भर्ती कर रहे है।
सफाई निरीक्षक अरविन्द डिमरी के समझाने के बाद सफाई नायक शांत हुए। उन्होंने इस क्रम में गलती सुधारने का आश्वासन दिया। सूत्रों के अनुसार पालिका में घटित घटनाक्रम के बाद कुछ सफाई नायकों के परिवार से कर्मचारी के रुप में भर्ती की बात सामने आने पर गुरुवार को अन्य सफाई नायक बिगड़ गये। पालिका प्रशासन में सफाई नायकों के हो-हल्ले से हड़कंप मच गया। रोष जताने वालों में सफाई नायक महेन्द्र, नरेश खैरवाल, विनोद, जितेन्द्र, मुकेश शामिल रहे।

आउटसोर्सिंग के माध्यम कुछ सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। तीन सफाई नायकों को लाभ देने की बात मिथ्या है। फिर भी मामला उठा है तो देखा जायेगा, कहीं कोई गड़बड़ी तो नही हुई है।
वीपीएस चौहान अधिशासी अधिकारी पालिका ऋषिकेश।

पुलिस फोर्स मिलने पर ही कार्रवाई करेगी पालिका की टीम

बुधवार को पुलिस न मिलने से पालिका को हुई थी परेशानी
ऋषिकेश।
ऋषिकेश नगर पालिका ने अवैध होर्डिंग के खिलाफ अभियान रोक दिया है। अब पुलिस फोर्स मिलने पर ही पालिका कार्रवाई करेगी।
नगर पालिका ने शहर में अवैध होर्डिंग हटाने की कार्रवाई के लिए पुलिस के सहयोग मांगा था। प्रशासन के माध्यम से पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने की मांग की थी। लेकिन सोमवार को पुलिस फोर्स नहीं मिलने के कारण पालिका की टीम कार्रवाई नहीं कर सकी। इसके बाद बुधवार को पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला। बुधवार को पालिका की टीम दून मार्ग पर कार्रवाई करने पहुंचीए लेकिन इस बार भी पुलिस नहीं पहुंची। पालिका कर्मचारियों ने खुद ही यातायात व्यवस्था संभालते हुए कार्रवाई की और छह अवैध होर्डिंग गिराए। इस दौरान पालिका की टीम को विरोध भी झेलना पड़ा। पालिका का तर्क है कि दो बार सहमति बनने के बाद भी पुलिस प्रशासन से सहयोग नहीं मिला।
कर अधीक्षक निशात अंसारी ने बताया कि गुरुवार को अवैध होर्डिंग के खिलाफ अभियान नहीं चला। पुलिस की मौजूदगी में ही अभियान चलाया जाएगा। इस बाबत उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है।
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विभागों में आपसी तालमेल में कमी
अवैध होर्डिंग हटाने के लिए पुलिस.प्रशासन का सहयोग नहीं मिलना शहर में चर्चा कर विषय बना हुआ है। पालिका के अधिकारियों का दावा है कि प्रशासन से लिखित में फोर्स उपलब्ध कराने की मांग की थी। फोन से संपर्क कर तिथि तय की गई। लेकिन फिर भी पुलिस फोर्स नहीं मिली। ऐसे में विभागों में आपसी तालमेल की कमी भी नजर आ रही है।

कार्रवाई से हरकत में होर्डिंग कंपनियां
अवैध होर्डिंग पर कार्रवाई से कंपनियां हरकत में आ गई हैं। बुधवार को चले कार्रवाई अभियान के बाद तीन कंपनियों ने 99 हजार रुपये होर्डिंग किराया के रूप में पालिका में जमा कराया है। हालांकि अभी भी कई कंपनियों के होर्डिंग अवैध तरीके से शहर की सूरत बिगाड़ रहे हैं।

रसूख के आगे बौना पड़ा पालिका प्रशासन

अवैध होर्डिंग्स पर नही हो पा रही कार्रवाई
ऋषिकेश।
नगर पालिका ऋषिकेश का प्रशासन रसूखदारों के आगे बौना साबित हो रहा है। नोटिस में दी गयी समय अवधि बीत जाने के बाद भी पालिका प्रशासन ने अब तक अवैध होर्डिंग्स पर कोई कार्रवाई नही की है। सूत्रों के अनुसार कुछ होर्डिंग्स कंपनियां अपने राजनैतिक संबधों का लाभ लेते हुए पालिका प्रशासन पर दबाब बनाने में कामयाब हो गयी है।
अपर आयुक्त गढ़वाल हरक सिंह रावत की फटकार के बाद नगर पालिका प्रशासन ने नगर में अवैध होर्डिंग्स की गिनती शुरु करवाई थी। नोटिस देने के बाद कुछ कंपनियों ने पालिका के खजाने में पैसा भी जमा करवाया। लेकिन 35 होर्डिंग्स की किसी भी कंपनी ने जानकारी नही दी। पालिका प्रशासन ने 35 होर्डिंग्स को अवैध करार देते हुए इन्हें हटाने की संस्तुति तो दी, लेकिन लंबे समय बाद भी इस ओर कोई कार्रवाई नही की।
कुछ होर्डिंग्स कंपनियां अपने राजनैतिक संबधों के कारण पालिका प्रशासन पर दबाब बना रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार में शामिल एक राजनेता ने पालिका के अधिकारियों को ट्रांसफर तक करा देने बात कही है। पालिका द्वारा अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान को ठंडे बस्ते में डाला जाना, इस बात की तस्दीक भी कर रहा है। 102

त्रिवेणी घाट चौक पर अवैध होर्डिंग्स से खतरा बढ़ा
नगर पालिका क्षेत्र त्रिवेणी घाट चौक पर एक होर्डिंग्स कंपनी ने यूनिपाल लगा रखा है। विद्युत खंबे से सटा यूनिपाल दुर्घटना को निमंत्रण दे रहा है। इसके एक सपोर्ट में लगा एक पाइप टूट कर गिर गया और दूसरा कभी भी गिर सकता है। ऐसे में यूनिपाल का झुकाव सड़क की ओर हो रहा है। सवाल है कि त्रिवेणीघाट चौक पर बिना परमिशन के यूनिपाल लगाने वाली कंपनी पर पालिका प्रशासन कार्रवाई करने से पीछे क्यों हट रहा है।

ऋषिकेश पालिका के 55 कर्मचारी बीमार, सफाई पर संकट

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ऋषिकेश की चंद्रेश्वरनगर, सर्वहारा नगर, वाल्मीकि बस्ती, बनखंडी, शांति नगर में क्षेत्र में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। कुछ इलाकों में टाइफाइड पीड़ित मरीज भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। वाल्मीकि बस्ती सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां आधी आबादी बुखार की चपेट में है। कई परिवार ऐसे हैं, जिनके घर के लगभग सभी सदस्य वायरल की चपेट में आ गए हैं। यही वजह है कि इन इलाकों में रहने वाले नगर पालिका ऋषिकेश के 55 सफाई कर्मचारी भी बीमार पड़ गए हैं। सभी कर्मचारी बीमार होने पर चिकित्सा अवकाश पर चल रहे हैं।

तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर कुछ कर्मचारी जहां सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं कुछ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। पालिका के तीन सफाई नायक (हवलदार) भी टाइफाइड से पीड़ित हैं। सफाई कर्मचारियों के बीमार होने से नगर की सफाई व्यवस्था के लिए पालिका प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही है। चिंता इस बात की है कि अगर और कर्मचारी बीमार पड़े तो नगर की पूरी सफाई व्यवस्था चरमरा जाएगी। इसका असर शहरवासियों की सेहत पर पड़ सकता है।

क्लोरिन मिलाने में कंजूसी भी बड़ा कारण
ऋषिकेश। नगर के कई इलाकों में पानी की पुरानी लाइन होने के कारण लीकेज की समस्या बढ़ जाती है। घरों में आने वाला पानी पूरी तरह पीने योग्य नहीं होता है। बारिश के दिनों में दूषित पानी से बचने के लिए पानी में नियमित क्लोरिन डालना जरूरी है। लेकिन जल संस्थान अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है।

 

 

अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई के बाद कंपनियों में मची खलबली

ऋषिकेश। हमारे संवाददाता
नगर पालिका ऋषिकेश की अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई का असर दिखने लगा है। होर्डिंग्स कंपनियों ने नगर पालिका से पैसा जमा कराने के लिए समय मांगा है।
अवैध होर्डिंग्स पर नगर पालिका ऋषिकेश हरकत में आया है। पालिका को लाखों का चूना लगा रही होर्डिंग्स कंपनियों ने नोटिस को हल्के में लिया। शुक्रवार से जब पालिका ने अवैध होर्डिंग्स हटाने शुरू किए तो कंपनियों में खलबली मच गई। होर्डिंग्स कंपनियों ने पालिका प्रशासन से पैसा जमा कराने को लेकर समय मांगा है। नगर की एक कंपनी ने तो पहली किश्त के रूप में 50 हजार रुपये भी जमा कर दिए हैं। अन्य कंपनियां भी पैसा जमा कराने की बात कहकर कार्रवाई नहीं करने की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि पालिका प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार नगर पालिका ऋषिकेश क्षेत्र में 81 होर्डिंग्स बिना अनुमति के लगे हैं। पालिका प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट अपर आयुक्त गढ़वाल को भी सौंपी है। मार्केट रेट के अनुसार इन होर्डिंग्स से कंपनियां तो मालामाल हो रही हैं, लेकिन पालिका को राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं अपर आयुक्त गढ़वाल हरक सिंह रावत अवैध होर्डिंग्स को लेकर होने वाली कार्रवाई का फीड बैक लेते हैं। उन्होंने होर्डिंग्स से ऋषिकेश पालिका की आय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार उन्होंने अवैध होर्डिंग्स को हटाने के सख्त निर्देश दिए हैं।

पालिका की लापरवाही से मंदिर में गिरा विद्युत पोल

ऋषिकेश।
नगर पालिका ऋषिकेश की लापरवाही से रेलवे रोड़ स्थित वाल्मिीकि प्रार्थना मंदिर में विद्युत पोल दोपहर दो बजे गिर गया। गनीमत रही कि मंदिर परिसर व सड़क पर खेल रहे मौहल्ले के बच्चे विद्युत पोल की चपनेट मे नही आये।
पालिका ऋषिकेश की ओर से प्रार्थना मंदिर के गेट पर सौदर्यकरण के नाम पर एक विद्युत पोल लगाया गया था, लेकिन रखरखाव के अभाव में पोल स्तह से जर्जर व खोखला हो रखा था। जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने पालिका प्रशासन को कई बार मौखिक व लिखित रुप में दी। लेकिन पालिका ने इस ओर समय रहते कोई कार्रवाई नही की। अब पालिका की लापरवाही से स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है। स्थानीय निवासी एडवोकट राकेश पारछज्ञ ने बताया कि विद्युत पोल हटाने को लेकर पालिका के अधिकारियों को पूर्व में कई बार शिकायत दर्ज करावाई। मंदिर परिसर में भीड़ जुटने को लेकर दुर्घटना न हो इसकी जानकारी भी दी। लेकिन पालिका ने इस ओर कोई कार्रवाई करनी उचित नही समझी।